नई दिल्ली: इजरायल ने 17 साल की फलस्तीनी किशोरी अहद तमीमी को रविवार को अपनी जेल से रिहा कर दिया। तमीमी पिछले साल दिसंबर में वेस्ट बैंक स्थित अपने गांव में एक इजरायली सैनिक को पीटकर फलस्तीन की हीरो बन गई थीं। उनकी मां नरीमन ने इस घटना को फेसबुक पर लाइव कर दिया था। वीडियो वायरल होने से यह घटना दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गई थी।
इजरायल ने सैनिक से मारपीट समेत 12 आरोप लगाते हुए तमीमी को गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें आठ महीने जेल की सजा सुनाई गई थी। तमीमी के साथ उनकी मां और चचेरे भाई को भी गिरफ्तार किया गया था। इजरायली जेल के प्रवक्ता ने बताया कि रिहा होने के बाद तमीमी वेस्ट बैंक स्थित अपने गांव गई है।
Ahed Tamimi is free after 8 months in an Israeli jail. Here's the moment when the Palestinian teen was reunited with her family: pic.twitter.com/w3JcF6xjOq
— AJ+ (@ajplus) July 29, 2018
यरुशलम और गाजा पट्टी के साथ वेस्ट बैंक को लेकर भी इजरायल और फलस्तीन में विवाद है। इजरायल ने क्षेत्र को अपने उपनिवेश के रूप में तब्दील कर दिया है, जिसका कई देश विरोध करते हैं।
अहद को बाद में जमानत मिल रही थी लेकिन उसने ऐसा करने से मना कर दिया। वह सेना का विरोध जताने के लिए जेल में ही बैठी रही। इसके बाद अहद की मां ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी पोस्ट किया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ और अहद के लिए लोगों का समर्थन बढ़ने लगा। साथ ही लोगों द्वारा सेना की खूब आलोचना की जाने लगी। इसके बाद अहद को जेल से रिहा कर दिया गया।
जब अहद रविवार को वेस्ट बैंक पहुंची तो उसके गांव नबी सलेह के लोगों ने उसका जोरदार स्वागत किया। वहां लोग बैनर, पोस्टर और फिलिस्तीन का झंडा लेकर उसके स्वागत के लिए खड़े थे। उसकी मां का कहना है कि बेटी की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही उन्होंने उसकी रिहाई के लिए सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया और एक मुहिम की शुरुआत की।
बता दें कि करीब 50 सालों से वेस्ट बैंक पर इजरायल ने कब्जा किया हुआ है। अब वह लंबे समय से चले आ रहे उस विरोध का चेहरा बन चुकी है। दुनिया के कई देशों के युवा उसके समर्थन में आगे आए। इजरायली सेना द्वारा फिलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों पर खूब अत्याचार किए जाते हैं ताकि वह अपने विरोध को वापस ले लें।
अब अहद का कहना है कि जब तक इजरायल वेस्ट बैंक से अपना कब्जा नहीं हटा लेता तब तक वह विरोध करती रहेगी। वहीं उसके पिता बसीम तमीमी का भी यह कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि अब उनकी बेटी इस आंदोलन का नेतृत्व करेगी। उन्होंने कहा कि वह आजादी में रहना चाहते हैं।