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इस समय 29 फ़िलिस्तीनी लड़कियां और महिलाएं इस्राईल की जेलों में बंद हैं : रिपोर्ट

फ़िलिस्तीनी क़ैदियों के एक संगठन ने कहा है कि इस समय 29 फ़िलिस्तीनी लड़कियां और महिलाएं इस्राईल की जेलों में बंद हैं।

रविवार को प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, इस्राईली जेलों में क़ैद फ़िलिस्तीनी महिलाओं और लड़कियों में से दो की उम्र 15 साल से भी कम है।

ज़ायोनी सेना ने नुफ़ूज़ हम्माद और ज़मज़म क़वासेमा को जेल में बंद कर रखा है, जिनकी उम्र 15 साल से कम है।

ज़ायोनी शासन, अपनी विस्तारवादी नीतियों को आगे बढ़ाने और बचे-खुचे फ़िलिस्तीनियों को उनके घरों से उजाड़ने के लिए अमानवीय अपराध अंजाम दे रहा है और बड़े पैमाने पर फ़िलिस्तीनियों पर अत्याचार कर रहा है।

फ़िलिस्तीनी सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि एक फ़िलिस्तीनी महिला क़ैदी मैसून मूसा को 2015 से जेल में बंद करके रखा गया है।

इसके अलावा, ज़ायोनी जेलों में बंद फ़िलिस्तीनी महिला क़ैदियों में से दो महिलाओं को झूठे आरोपों में 16-16 साल क़ैद की सज़ा सुनाई गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इसरा नामक फ़िलिस्तीनी महिला क़ैदी का चेहरा आग में झुलस गया था। समस्त फ़िलिस्तीनी महिला क़ैदियों में सबसे बुरी हालत उन्हीं की है।

1976 से अब तक इस्राईल ने 17 हज़ार से ज़्यादा फ़िलिस्तीनी क़ैदियों को गिरफ़्तार किया है, जिससे पता चलता है कि ज़ायोनी शासन विश्व में जहां मानवाधिकारों का सबसे ज़्यादा उल्लंघन करता है, वहीं महिला अधिकारों के हनन में भी वह किसी से पीछे नहीं है।