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इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने अयोध्या में ‘राम मंदिर के निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा’ पर गंभीर चिंता व्यक्त की!

इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) ने अयोध्या में ‘राम मंदिर के निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा’ पर गंभीर चिंता व्यक्त की है.

ओआईसी जनरल सेक्रेटेरियट ने एक बयान में कहा, ” भारतीय शहर अयोध्या में जहां पहले बाबरी मस्जिद ढहाई गई थी, वहीं ‘राम मंदिर’ के निर्माण और इसकी प्राण प्रतिष्ठा गंभीर चिंता का विषय है.”

प्रेस रिलीज़ में ओआईसी ने कहा है कि पिछली बैठकों में ओआईसी के विदेश मंत्रियों की परिषद की ओर से जाहिर किए गए विचारों के अनुसार सेक्रेटेरियट इन कदमों की निंदा करता है, जिसका लक्ष्य बाबरी मस्जिद जैसे इस्लामिक स्थलों को मिटाना है. बाबरी मस्जिद उसी स्थान पर पांच सदी तक खड़ी थी.

22 जनवरी को अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की. इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के कई प्रमुख हस्ती भी शामिल हुए थे.

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा, ”आज हमें सदियों के उस धैर्य की धरोहर मिली है. आज हमें श्रीराम का मंदिर मिला है. गुलामी की मानसिकता को तोड़कर उठ खड़ा हुआ राष्ट्र ऐसे ही नव इतिहास का सृजन करता है.”

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर लंबे समय तक मुकदमा चला और 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने एक फ़ैसले में कहा कि विवादित ज़मीन को एक ट्रस्ट को सौंप दिया जाए, जो वहाँ पर एक मंदिर का निर्माण कराएगी. इसके साथ ही कोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश सेंट्रल सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिए पाँच एकड़ की ज़मीन आवंटित की.

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में सोमवार को राम मंदिर पर अदालत के फैसले का भी ज़िक्र किया और कहा कि न्याय के पर्याय प्रभु राम का मंदिर भी न्यायबद्ध तरीके से ही बना.