अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है कि इस्राएल ने गाजा में 60 दिन के संघर्षविराम की शर्तों को अंतिम रूप देने पर सहमति जताई है. यह प्रस्ताव कतर और मिस्र के मध्यस्थता की मदद से बनाया गया है. ट्रंप ने चरमपंथी संगठन हमास से भी इस प्रस्ताव को स्वीकार करने को कहा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि अगर इस्राएल और हमास इस अस्थायी संघर्षविराम को लागू करते हैं तो इस समय का इस्तेमाल वो गाजा में युद्ध के स्थायी समाधान पर बातचीत करने में कर सकते हैं. इस बीच, सहायता समूहों ने गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (जीएचएफ) को भंग करने की दरख्वास्त की है.
जीएचएफ गाजा में खाना लाने के लिए निजी अमेरिकी सुरक्षा और लॉजिस्टिक्स फर्मों पर निर्भर है. यह प्रणाली काफी हद तक संयुक्त राष्ट्र के सहायता लाने के दर्ज तरीके को दरकिनार करती है. इस्राएल इस पर कहता है कि संयुक्त राष्ट्र की प्रणाली की वजह से हमास गाजा में भेजी जा रही मदद को अपनी ओर खींच लेता था.
हालांकि, समाचार एजेंसी रॉयटर्स की खबर के अनुसार जबसे इस फाउंडेशन ने गाजा में काम शुरू किया है, तब से समूह द्वारा संचालित और इस्राएली सेना द्वारा संरक्षित इलाकों में या उसके आसपास गोलीबारी में सैकड़ों निहत्थे फलीस्तीनी मारे गए हैं. इस्राएली का कहना है कि वे संदिग्ध रूप से सेना के जवानों की ओर बढ़ रहे थे. जबकि इस्राएल के अखबार हारेत्ज को इन इलाकों में तैनात इस्राएली सैनिकों ने बताया कि उन्हें उन लोगों से कोई खतरा महसूस नहीं हुआ था और सेना को उन्हें मारने के आदेश मिले थे.