दुनिया

इस्राईल लाख कोशिशों के बावजूद इसे छिपा नहीं पा रहा है, रेत की दीवार में बदल चुका है जाली शासन : रिपोर्ट

इस्राईल के गंभीर संकट से जूझने की बात अब इतनी स्पष्ट हो गई है कि इस्राईल लाख कोशिशों के बावजूद इसे छिपा नहीं पा रहा है।

इस्राईल के जाने माने टीकाकार अफ़राइम गानोर ने जो सामरिक मामलों के विशेषज्ञ समझे जाते हैं मआरीव अख़बार में छपने वाले अपने लेख में लिखा कि पिछला दशक इस्राईल के इतिहास का सबसे काला दशक रहा जिसमें इस्राईल के भीतर नेतृत्व का संकट बहुत साफ़ तौर पर नज़र आया।

टीकाकार ने लिखा कि इस समय बिनयामिन नेतनयाहू नया मंत्रीमंडल बना रहे हैं जो पिछले दशक में इस्राईल के प्रधानमंत्री रहे, यहीं से स्पष्ट हो जाता है कि इस्राईल के सामने नेतृत्व का कितना बड़ा संकट है जो इतने नाकाम नेता को दोबारा शासन सौंपना पड़ रहा है।

गानोर ने अपनी इस बात का तर्क देते हुए लिखा कि इस दस साल में सात बार संसदीय चुनाव हुए पूर्व प्रधानमंत्री ओलमर्ट पर भ्रष्टाचार के मामले में मुक़द्दमा चला, आठवें राष्ट्रपति मूशे कात्साव यौन दुराचार के मामले में अपराधी पाए गए।

नेतनयाहू के ख़िलाफ़ भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। इस्राईल के भीतर राजनैतिक टकराव सामाजिक विभाजन के साथ साथ बढ़ता जा रहा है। हालत यह हो गई कि कई बार तो लगा जैसे गृह युद्ध शुरू हो जाएगा।

गानोर ने लिखा कि इस्राईल ने 2021 में ग़ज़्ज़ा पर हमला किया और यह जंग 11 दिन चली इस लड़ाई के नतीजे में इस्राईल के क़ब्ज़े में रहने वाले अरबों और इस्राईली सरकार के बीच बड़ा गंभीर विवाद पैदा हो गया।