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इस्राईली हमलों में ईरान के थलसेना, नौसेना, वायुसेना अध्यक्ष मारे गए : ईरान ने इस्राईल पर दाग़े 300 बिलास्टिक मिसाईल, इस्राईल के दो F-35 जेट मार गिराये, एक महिला पायलेट गिरफ़्तार : जंग की हर ख़बर यहाँ जानिये!

इसराइल के हमलों के बाद ईरान ने इसराइल पर जवाबी हमला किया, इस हमले में ईरान ने इसराइल पर 300 बलास्टिक मिसाईल दाग़ी, ईरान ने इसराइल के कई शहरों और सेना के ठिकानों पर हमला किया, इस्राइली सेना के हेड क्वार्टर को इस हमले में बड़ा नुक्सान पहुंचा है वहीँ मीडिया से हासिल रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरान के हमलों में इसराइल के 57 से ज़्यादा लोग हताहत हुए हैं, ईरान को इसराइल के हमलों में अब तक के सबसे बड़े नुक्सान हुए हैं, ईरान की टॉप लीडरशिप इसराइल के हमलों में मारे गए हैं

ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड की तरफ़ से जारी एक बयान में कहा गया है कि उनकी तरफ़ से इसराइल में “दर्जनों ठिकानों, सैन्य केंद्रों और एयरबेस” पर हमले किए गए हैं.

बयान के अनुसार, ईरान ने इस ऑपरेशन को “ट्रू प्रॉमिस 3” नाम दिया है. बयान में यह भी कहा गया है कि इस ऑपरेशन के और विवरण बाद में साझा किए जाएंगे.

इस बीच इसराइली नेशनल एंबुलेंस सर्विस की तरफ़ से बताया गया है कि तेल अवीव मेट्रोपॉलिटन इलाक़े में कम से कम पांच लोग घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा है.

ईरान

इसराइली सेना ने कहा, ईरान ने इसराइल पर मिसाइल से किया हमला

इसराइली सेना ने कहा है कि ईरान ने कुछ देर पहले इसराइल पर मिसाइल से हमला किया है. इसका डिफेंस सिस्टम ईरान से आ रहे इस ख़तरे को रोकने की कोशिश कर रहा है.

इसराइली सेना ने कहा है कि लोगों को अगली सूचना तक घरों में रहने को कहा है.

ईरान के सर्वोच्च नेता अली ख़ामेनेई ने कहा है कि ईरान इसराइल को भारी चोट पहुंचाएगा.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ अब से थोड़ी देर पहले यरुशलम के आसमान में तेज रोशनी दिखाई दी थी और धमाकों की आवाज सुनाई पड़ी थी.

इससे पहले इसराइल ने ईरान पर हमले कर ईरानी रिवोल्यूशन गार्ड के कमांडर हुसैन सलामी समेत कई परमाणु वैज्ञानिकों को मार दिया था.

 

यरुशलम से रिपोर्टिंग कर रहे बीबीसी संवाददाता टॉम बेनेट के अनुसारइसराइल ने इस सैन्य हमले को ‘ऑपरेशन राइज़िंग लॉयन’ का नाम दिया है और पिछले कुछ घंटों में ईरान के अंदर कई जगहों पर हमले की ख़बरें हैं.

ईरान के रिवोल्यूशनरी गॉर्ड्स से जुड़ी न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक़, ईरान के उत्तरी पश्चिमी शहर तबरिज़ में एक मिलिटरी एयर बेस पर भी हुमले हुए हैं.

बीबीसी ने एक वीडियो को असली पाया है जिसमें दिखता है कि इस एयर बेस से काले धुएं का गुबार उठ रहा है. ये साफ़ नहीं है कि पूरे शहर से दिखने वाले इस धुएं के पीछे क्या वजह है.

ऐसी भी ख़बरें हैं कि ईरान के सबसे बड़े यूरेनियम एनरिचमेंट केंद्र नातांज़ पर इसराइल ने दोबारा हमला किया है. शुक्रवार को तड़के भी इस पर हमला हुआ था.

ईरान पर इसराइली हमले

ईरान पर इसराइल ने फिर किए हमले, कई मिसाइल लॉन्चर और सैन्य ठिकानों को बनाया निशाना

 

बीबीसी को जानकारी मिली है कि इसराइल ने ईरान पर फिर से कई हमले किए हैं.

इसराइली एयर फ़ोर्स ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि, “ईरान के कई मिसाइल लॉन्चर्स और सैन्य ठिकानों पर हमला जारी है.”

इसराइली एयर फ़ोर्स ने ईरान को ‘दुनिया के लिए ख़तरा’ बताया है.

इससे पहले इसराइल ने शुक्रवार को ईरान में अलग-अलग जगहों पर हमले किए और कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम का केंद्र इनके निशाने पर है.

ईरान की तरफ़ से तुरंत प्रतिक्रियात्मक हमलों की आशंका के बीच इसराइल ने समूचे देश में आपातकाल घोषित कर दिया है.

ईरान ने कहा है कि इसराइल और अमेरिका को इन हमलों की ‘क़ीमत चुकानी होगी.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
ईरान-इसराइल तनाव: नेतन्याहू और पीएम मोदी की फ़ोन पर क्या बातें हुईं?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वो ईरान और इसराइल के बीच तनाव की ख़बरों से ‘चिंतित हैं.’

उन्होंने बताया कि इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने उन्हें फ़ोन किया था.

प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया, “इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने फ़ोन पर मुझे ताज़ा घटनाक्रम से अवगत कराया. मैंने उन्हें इस मसले पर भारत की चिंताओं के बारे में बताया और ज़ोर दिया कि इलाक़े में जल्द शांति और स्थिरता ज़रूरी है.”

 

इससे पहले इसराइल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक्स पर पोस्ट किया, “प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने पिछली रात से अब तक कई प्रमुख वर्ल्ड लीडर्स से बात करके मध्य पूर्व की स्थिति की जानकारी दी. इसमें जर्मन चांसलर, भारत के प्रधानमंत्री और फ़्रांस के राष्ट्रपति शामिल हैं. वो जल्द ही अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप, रूस के राष्ट्रपति पुतिन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री से भी बात करेंगे.”

इसराइल ने शुक्रवार को ईरान में अलग-अलग जगहों पर हमले किए और कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम का केंद्र इनके निशाने पर है.

ईरान की तरफ़ से तुरंत प्रतिक्रियात्मक हमलों की आशंका के बीच इसराइल ने समूचे देश में आपातकाल घोषित कर दिया है.

नातांज़ न्यूक्लियर साइट
ईरान पर इसराइली हवाई हमले जारी, नातांज़ परमाणु केंद्र को फिर बनाया निशाना

यरूशलम से रिपोर्टिंग कर रहे बीबीसी संवाददाता टॉम बेनेट के अनुसार, ईरान पर पिछली रात से शुरू हुए हमले जारी हैं.

इसराइल ने इस सैन्य हमले को ‘ऑपरेशन राइज़िंग लॉयन’ का नाम दिया है और पिछले कुछ घंटों में ईरान के अंदर कई जगहों पर हमले की ख़बरें हैं.

ईरान के रिवोल्यूशनरी गॉर्ड्स से जुड़ी न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक़, ईरान के उत्तरी पश्चिमी शहर तबरिज़ में एक मिलिटरी एयर बेस पर भी हुमले हुए हैं.

बीबीसी ने एक वीडियो को असली पाया है जिसमें दिखता है कि इस एयर बेस से काले धुएं का गुबार उठ रहा है. ये साफ़ नहीं है कि पूरे शहर से दिखने वाले इस धुएं के पीछे क्या वजह है.

ऐसी भी ख़बरें हैं कि ईरान के सबसे बड़े यूरेनियम एनरिचमेंट केंद्र नातांज़ पर इसराइल ने दोबारा हमला किया है. शुक्रवार को तड़के भी इस पर हमला हुआ था.

नातांज़ में दसियों हज़ार सेंट्रीफ़्यूज हैं और ईरान के उच्च संवर्द्धन यूरेनियम के जखीरे का सबसे बड़ा स्रोत है.

शुक्रवार को दिन में हुए ताज़ा हमलों से पहले इसराइली हमले में ईरान के रिवोल्यूशनरी गॉर्ड्स कोर के प्रमुख हुसैन सलामी समेत मिलिटरी के कई शीर्ष कमांडर और परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हो गई थी.

आईडीएफ़ ने कहा है कि ईरान का नातांज़ न्यूक्लियर साइट को भारी नुकसान पहुंचा है.

डोनाल्ड ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा – ईरान को बहुत तगड़ी चोट पहुंची है, आगे भी पहुंचेगी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर इसराइली हमले को ‘एक्सीलेंट’ बताया है.

एबीसी न्यूज़ वॉशिंगटन के मुख्य संवाददाता जोनाथन कार्ल से फ़ोन पर ट्रंप ने इस हमले के बारे में कहा, “मुझे लगता है कि यह एक्सीलेंट रहा है. हमने उन्हें एक मौका दिया था और उन्होंने इसे लिया नहीं. उन्हें तगड़ी चोट पहुंची है, बहुत तगड़ी. आगे भी उन्हें चोट पहुंचेगी. बहुत अधिक.”

इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने ईरान को ‘मौके पर मौके दिए’ और अब उसे परमाणु कार्यक्रम पर ‘समझौता करना चाहिए.’

ट्रंप ने ये बात इसराइल के ईरान पर हमला करने के बाद ट्रुथ सोशल पर लिखी.

उन्होंने लिखा, “मैंने उनसे बहुत कड़े शब्दों में कहा था इसे (न्यूक्लियर डील) तुरंत करें, लेकिन इससे फ़र्क नहीं पड़ता कि उन्होंने कितनी कड़ी मेहनत की या इसके कितने क़रीब पहुंचे, वे बस इसे पूरा नहीं कर सके.”

वो कहते हैं, “बड़ी संख्या में मौतें और बड़े पैमाने पर विनाश होता रहा है, लेकिन अभी भी समय है कि इस जनसंहार को और आगे और तीखे हमलों को ख़त्म किया जाए.”

“सबकुछ नष्ट होने से बचाने के लिए और जिसे कभी ईरानी साम्राज्य कहा जाता था उसे सुरक्षित करने के लिए ईरान को डील करनी ही होगी. और अधिक मौतें, विनाश नहीं. बहुत देर हो जाए, उससे पहले इसे करिए.”

इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि उन्हें रात में हुए इसराइली हमले के बारे में पता था, लेकिन साफ़ तौर पर कहा कि इसमें अमेरिकी सेना ने कोई भूमिका नहीं निभाई.

उधर, ईरान ने कहा है कि इसराइली हमला ‘जंग का एलान’ है.

ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अरागची ने संयुक्त राष्ट्र को लिखे एक ख़त में कहा है कि इसराइली हमला जंग का एलान है. उन्होंने यह चिट्ठी टेलीग्राम चैनल पर साझा की है.

ईरानी विदेशी मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से इस मुद्दे पर तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील की है और कहा है कि यह ईरान की संप्रभुता का ‘घोर उल्लंघन’ है.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने इसराइल के ईरान पर हमलों के बाद क्या कहा

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने इसराइल के ईरान पर किए गए हमलों की आलोचना की है.

शहबाज़ शरीफ़ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मैं इसराइल के आज ईरान पर बेवजह किए गए हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं. मैं इन हमलों में मारे गए ईरान के लोगों के प्रति गहरी संवेदना जाहिर करता हूं.”

“यह गंभीर और बेहद गैर-जिम्मेदाराना काम है और बेहद चिंताजनक भी है. इससे पहले से ही अस्थिर क्षेत्र में और अस्थिरता पैदा होने का खतरा है.”

शहबाज़ शरीफ़ ने कहा, “हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र से अपील करते हैं कि वे क्षेत्रीय और वैश्विक शांति को खतरे में डालने वाली किसी भी वजह को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाएं.”

इसराइली पीएम नेतन्याहू ने कहा है कि इसराइल ने ईरान के परमाणु हथियारों के सबसे बड़े केंद्र को निशाना बनाया है.

ट्रंप

इसराइल के ईरान पर किए हमलों के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप क्या बोले?

इसराइल के ईरान पर हमलों के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फॉक्स न्यूज़ से बात की है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है उन्हें इसराइल के हमलों के बारे में पहले से जानकारी थी. हालांकि उन्होंने दोहराया है कि इसराइल के इस ऑपरेशन में अमेरिकी सेना शामिल नहीं है.

ट्रंप ने कहा, “ईरान के पास परमाणु बम नहीं हो सकता है. हमें वार्ता दोबारा शुरू होने की उम्मीद है. हम देखते हैं क्या होता है.”

“हालांकि ईरान की लीडरशिप के कई ऐसे नेता हैं जो वापस नहीं लौट पाएंगे.”

अमेरिका ने इसराइली हमलों में ईरान के कई शीर्ष नेताओं के मारे जाने की पुष्टि की है.

ट्रंप ने कहा कि उनके प्रशासन ने हमले से पहले एक प्रमुख मध्य पूर्वी सहयोगी देश से भी संपर्क कर उन्हें इस बारे में सूचना दी थी.

लेकिन उन्होंने उस देश का नाम नहीं बताया.

ईरान रिवॉल्यूशनरी गार्ड के चीफ़ हुसैन सलामी

ईरान पर इसराइल के हमले में अब तक किसकी मौत?

इसराइल ने कहा है कि उसने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म करने के इरादे से उसपर हमले किए हैं. इसराइल ने इसे ‘ऑपरेशन राइज़िंग लायन’ नाम दिया है. इसराइल के हमलों में ईरानी सेना के कुछ सीनियर कमांडर और परमाणु वैज्ञानिकों की मौत होने की ख़बर है.

ईरान की सरकारी मीडिया ने भी अपने कुछ शीर्ष अधिकारियों की मौत की पुष्टि की है:

हुसैन सलामी: इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स कोर (आईआरजीसी) के कमांडर-इन-चीफ़

घोलामली राशिद: ख़तम-अल अनहिया सेंट्रल हेडक्वॉर्टर्स के कमांडर

फेरेदून अब्बासी: परमाणु वैज्ञानिक और ईरान के एटमिक एनर्जी ऑर्गनाइज़ेशन के पूर्व प्रमुख

मोहम्मद मेहदी तेहरांची: ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम में शामिल परमाणु वैज्ञानिक

मोहम्मद बघेरी: ईरान के सशस्त्र बलों के चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़

ईरान से आ रही ख़बरों के मुताबिक, देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली ख़ामेनेई के वरिष्ठ सलाहकार अली शमख़ानी भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं.

ईरान
ईरान पर इसराइल के हमले के बारे में अब तक जो बातें मालूम हैं

इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा है कि इसराइल ने हमले में “ईरान के परमाणु संवर्धन कार्यक्रम के मुख्य केंद्र पर हमला किया है.”
ईरान रिवॉल्यूशनरी गार्ड के चीफ़ हुसैन सलामी की इसराइली हमले में मौत हो गई है. ईरान के सरकारी मीडिया ने ये ख़बर दी है.
ईरान रिवॉल्यूशनरी गार्ड के चीफ़ हुसैन सलामी की इसराइली हमले में मौत बाद कुद्स फोर्स के पूर्व प्रमुख जनरल वाहिदी को नया कमांडर-इन-चीफ नियुक्त किया गया है.
इसराइल के ईरान पर हमले के बाद तेल अवीव में भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइज़री जारी की है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक ईरान की सेना के प्रवक्ता ने कहा है कि इसराइल और अमेरिका को इन हमलों की भारी कीमत चुकानी होगी.
इसराइल डिफेंस फोर्सेस ने कहा है कि ईरान ने यूएवी इसराइली क्षेत्र की ओर करीब 100 ड्रोन दागे हैं.
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली ख़ामेनेई ने इसराइल के हमले पर कहा है कि उसे सज़ा भुगतनी होगी.

इसराइली हमले में मारे गए ईरानी कमांडर हुसैन सलामी जिन्होंने कहा था- ईरान के दुश्मनों के लिए खोल देंगे नरक के दरवाज़े

केली एनजी
पदनाम,बीबीसी न्यूज़
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ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गॉर्ड्स कोर (आईआरजीसी) के कमांडर हुसैन सलामी की शुक्रवार को इसराइली हमले में मौत हो गई. इन हमलों में मारे गए वह सबसे वरिष्ठ ईरानी अधिकारी हैं.

65 साल के सलामी को इसराइल और अमेरिका समेत ईरान के विरोधियों के ख़िलाफ़ सबसे हार्ड लाइन अपनाने के लिए जाना जाता है. पिछले महीने ही उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर किसी देश ने हमले की ज़ुर्रत की तो उनके लिए तेहरान ‘नरक के दरवाज़े’ खोल देगा.

इसराइल ने ईरान के परमाणु केंद्रों, बैलिस्टिक मिसाइल फ़ैक्ट्रियों और मिलिटरी कमांडरों को निशाना बनाया. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन हमलों के बाद कहा कि ईरान ने उसके साथ जारी परमाणु वार्ता की शर्तों पर अमल नहीं किया. ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने ईरान को ‘मौके पर मौके दिए’ और अब उसे परमाणु कार्यक्रम पर ‘समझौता करना चाहिए.’

ईरान ने चेतावनी दी है कि इसराइल और अमेरिका को इन हमलों के लिए ‘भारी क़ीमत’ चुकानी पड़ेगी. इससे यह चिंता बढ़ गई है कि पहले से ही नाज़ुक हालात में चल रहे पश्चिम एशिया में कहीं व्यापक युद्ध न छिड़ जाए.

इसराइली हमले में ईरान के सशस्त्र बलों के चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ मोहम्मद बघेरी, ख़तम-अल अनहिया सेंट्रल हेडक्वॉर्टर्स के कमांडर घोलामली राशिद, परमाणु वैज्ञानिक और ईरान के एटॉमिक एनर्जी ऑर्गनाइज़ेशन के पूर्व प्रमुख फेरेदून अब्बासी, ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम में शामिल परमाणु वैज्ञानिक मोहम्मद मेहदी तेहरांची समेत कई शीर्ष अधिकारियों की मौत हुई है.

इन हमलों से एक दिन पहले ही सलामी ने कहा था कि ‘ईरान किसी भी परिदृश्य, हालात और परिस्थितियों के लिए’ पूरी तरह तैयार है.

उन्होंने कहा, “दुश्मन सोचता है कि वह ईरान के साथ उसी तरह लड़ सकता है जिस तरह असुरक्षित फ़लस्तीनियों के ख़िलाफ़ लड़ा, जोकि इसराइली नाकाबंदी में रहने को मजबूर हैं तो उन्हें पता होना चाहिए कि हमें जंग का अनुभव है.”

हुसैन सलामी

हुसैन सलामी कैसे बने आईआरजीसी के शीर्ष कमांडर

हुसैन सलामी ने सबसे पहले 1980 में ईरान इराक़ जंग के दौरान रिवोल्यूशनरी गॉर्ड्स को ज्वाइन किया था, जोकि ईरानी सशस्त्र बलों की एक सशक्त शाखा है. इसके बाद 2009 में वह इसके डिप्टी कमांडर और फिर एक दशक बाद कमांडर बने.

सन् 2000 के दशक से ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अमेरिका ने ईरान के परमाणु और सैन्य कार्यक्रमों की वजह से उन पर प्रतिबंध लगाया हुआ था.

सलामी ईरान की सैन्य क्षमताओं के बारे में बड़े बड़े दावे करते थे और एक समय तो उन्होंने यहां तक एलान कर दिया कि उनका देश ‘दुनिया की महाशक्ति बनने की राह’ पर है.

उन्होंने कहा था कि ईरान का अगर इसराइल और अमेरिका से सैन्य संघर्ष होता है तो वो इसका ‘स्वागत करेंगे.’

2019 में सीरिया में ईरानी ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए इसराइली हमले के बाद सलामी ने ‘जॉयनिस्ट (यहूदीवादी) सरकार को राजनीतिक नक्शे से मिटाने’ की क़सम खाई थी.

सीरिया में ईरानी दूतावास पर पिछले साल अप्रैल में हुए एक अन्य हमले के बाद सलामी ने इसी तरह की चेतावनी जारी करते हुए कहा था, “हमारे बहादुर आदमी जॉयनिस्ट सरकार को सज़ा देंगे.” उस हमले में रिवोल्यूशनरी गॉर्ड्स के दो जनरल मारे गए थे.

ईरान और इसराइल, ईरान में 1979 के इस्लामी रिवोल्यूशन से पहले सहयोगी हुआ करते थे.

इस रिवोल्यूशन के बाद ईरान में एक ऐसी सत्ता आई जो अपनी विचारधारा के तौर पर इसराइल का विरोध करती थी.

आज की तारीख़ में ईरानी सरकार ‘इसराइल के अस्तित्व के अधिकार’ को मान्यता नहीं देती है.

देश के सुप्रीम लीडर आयातुल्लाह अली ख़ामेनेई ने इसराइल को ‘कैंसर वाला ट्यूमर’ क़रार दिया था जिसे बिना शक ‘उखाड़ फेंक दिया जाएगा और नष्ट कर दिया जाएगा.’

इसराइल का कहना है कि, ‘ऐसी बयानबाज़ी इसराइल के वजूद के लिए ख़तरा है.’

इसराइल और इसके सहयोगियों ने भी इस क्षेत्र में ईरान द्वारा प्रॉक्सी ग्रुप बनाए जाने की निंदा की थी. इन बलों में लेबनान का शिया चरमपंथी ग्रुप हिज़्बुल्लाह भी शामिल है जो हर हाल में ‘इसराइल का विनाश’ चाहता है.

सलामी और रिवोल्यूशनरी गॉर्ड्स के अन्य वरिष्ठ अधिकारी ईरान के सुप्रीम लीडर को सलाह देते रहे हैं.

आयातुल्लाह अली ख़ामेनेई

ईरान के रिवोल्यूशनरी गॉर्ड्स कौन हैं?

ईरान के सर्वोच्च धर्मगुरु ने 40 साल पहले इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गॉर्ड्स की स्थापना की थी ताकि देश के इस्लामिक सिस्टम की रक्षा की जा सके और नियमित सुरक्षा बलों के ख़िलाफ़ एक संतुलन बना रह सके, जिन पर उन्हें भरोसा नहीं था.

रिवोल्यूशनरी गॉर्ड्स में एक लाख 90 हज़ार से अधिक जवान हैं और इसकी अपनी थल, नेवी और वायु सेना है.

आईआरजीसी देश का सबसे ताक़तवर और सबसे ख़तरनाक सैन्य और राजनीतिक ग्रुप है.

ईरान की सेना देश के भूभाग की रक्षा करती है, जबकी रिवोल्यूशनरी गॉर्ड्स इस्लामिक सरकार की सुरक्षा के लिए हैं.

यह ग्रुप सीधे सुप्रीम लीडर को रिपोर्ट करता है.

इस ग्रुप के पास ईरान के रणनीतिक हथियारों और अर्द्धसैन्य बल बासिज रजिस्टेंस फ़ोर्स को संभालने की ज़िम्मेदारी है. बासिज रजिस्टेंस फ़ोर्स को घरेलू असंतोष को दबाने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है.

ऐसा भी माना जाता है कि रिवोल्यूशनरी गॉर्ड्स अन्य संस्थाओं और ट्रस्टों के माध्यम से ईरान की एक तिहाई अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करते हैं.

कंस्ट्रक्शन और इंजीनियरिंग ठेके के माध्यम से इस ग्रुप के पास अरबों डॉलर हैं.

यह ग्रुप पश्चिम एशिया में कई जगहों पर सहयोगी सरकारों को धन, हथियार, टेक्नोलॉजी, ट्रेनिंग और सलाह देकर अपना प्रभाव जमाता है.

कुछ रिवोल्यूशनरी गॉर्ड्स तो सबसे विशिष्ट माने जाते हैं जो छुपे तौर पर विदेशों में काम करने वाली शाखा क़ुद्स फ़ोर्स को चलाते हैं, जिसका संबंध इस क्षेत्र के हथियारबंद ग्रुपों से है, जैसे अफ़ग़ानिस्तान, इराक़, लेबनान, फ़लस्तीनी क्षेत्र और यमन में.

रिवोल्यूशनरी गॉर्ड्स के पूर्व अधिकारी सरकार, संसद और अन्य राजनीतिक संगठनों में बड़े प्रभावशाली पदों पर हैं.

इनमें पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद और पूर्व संसदीय स्पीकर अली लारिजानी का नाम शामिल है.

इसराइल का ईरान के परमाणु ठिकानों और सैन्य कमांडरों पर हमला

लाना लैम
पदनाम,बीबीसी न्यूज़

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इसराइल ने शुक्रवार को ईरान में अलग-अलग जगहों पर हमले किए और कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम का केंद्र इनके निशाने पर है.

ईरान की तरफ़ से तुरंत प्रतिक्रियात्मक हमलों की आशंका के बीच इसराइल ने समूचे देश में आपातकाल घोषित कर दिया है.

ईरान के सरकारी मीडिया के मुताबिक़ इन हमलों में ईरान की सेना की शक्तिशाली शाखा रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर हौसेन सलामी और कई परमाणु वैज्ञानिक मारे गए.

इन हमलों में ईरान के प्रमुख यूरेनियम संवर्धन प्रतिष्ठान को भी निशाना बनाया गया है.

ईरान पर इसराइली हमला

ये हमले कब और कहां-कहां हुए?

स्थानीय समयानुसार 03:30 बजे ईरानी राजधानी तेहरान में धमाके सुने गए. ईरान के सरकारी मीडिया के मुताबिक़ रिहायशी इलाक़ों पर भी हमला हुआ. तेहरान के उत्तर-पूर्वी इलाक़ों में भी धमाके सुने गए. हालांकि, बीबीसी ने इन रिपोर्टों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की है.

इसराइल में, ठीक इसी समय लोग आपात चेतावनी सायरनों की आवाज़ से जाग उठे और उन्हें फ़ोन पर भी आपात अलर्ट प्राप्त हुए.

ईरानी मीडिया के मुताबिक़, शुरुआती हवाई हमलों के कुछ घंटे बाद, नातांज परमाणु केंद्र पर धमाका सुना गया. ईरान का ये परमाणु ठिकाना राजधानी तेहरान से दक्षिण में 225 किलोमीटर दूर स्थित है.

ईरान पर इसराइली हमला

इसराइल ने क्या कहा है?

इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा है कि ऑपरेशन राइज़िंग लॉयन नाम से किए गए ये हमले ‘इसराइल के अस्तित्व के लिए ईरानी ख़तरे को रोकने के लिए किया गया एक सैन्य अभियान हैं.’

उन्होंने कहा कि ये सैन्य अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक ईरान की तरफ़ से ख़तरा ख़त्म नहीं हो जाएगा.

नेतन्याहू ने कहा, “हाल के महीनों में, ईरान ने ऐसे क़दम उठाये हैं जैसे पहले कभी नहीं उठाए थे. ये क़दम इस संवर्धित यूरेनियम से हथियार बनाने की दिशा में थे.”

“अगर ईरान को रोका नहीं जाता तो ईरान बहुत कम समय में परमाणु हथियार बना सकता था. ये एक साल हो सकता था, या फिर कुछ महीनों के भीतर या फिर एक साल से कम समय में. ये इसराइल के अस्तित्व के लिए बिलकुल स्पष्ट और तत्काल ख़तरा है.”

अपने बयान में नेतन्याहू ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का भी शुक्रिया अदा किया.

इसराइली सेना के एक अधिकारी ने बीबीसी से कहा- ईरान के पास कुछ दिनों के भीतर ही परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त परमाणु सामग्री थी.

इस बीच इसराइल डिफेंस फोर्सेस ने कहा है कि ईरान ने यूएवी इसराइली क्षेत्र की ओर करीब 100 ड्रोन दागे हैं.

ईरान परमाणु कार्यक्रम

ईरान का परमाणु कार्यक्रम क्या है?

ईरान लंबे समय से ये कहता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है. देशभर में ईरान के कई परमाणु केंद्र हैं. इनमें से कम से कम कुछ पर इसराइल के हमले हुए हैं.

लेकिन कई देश और परमाणु मामलों पर नज़र रखने वाली संयुक्त राष्ट्र की संस्था आईएईए (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) इस दावे से सहमत नहीं है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम सिर्फ़ नागरिक उद्देश्यों के लिए है.

इस सप्ताह, पिछले 20 सालों में, ये पहली बार हुआ जब आईएईए ने औपचारिक रूप से कहा कि ईरान ने परमाणु अप्रसार समझौतों का उल्लंघन किया है.

आईएईए ने कहा कि ईरान ने सभी सवालों का जवाब नहीं दिया है और अघोषित संवर्धित यूरेनियम के भंडार के बारे में स्पष्ट जानकारी भी नहीं दी है.

आईएईए की इससे पहले आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि ईरान ने यूरेनियम को 60 प्रतिशत शुद्धता तक संवर्धित कर लिया है, ये हथियार ग्रेड यूरेनियम के बेहद क़रीब है और 9 परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त है.

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