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इसराईल ने कम से कम 274 फ़लस्तीनियों की हत्या कर हमास की क़ैद से अपने चार बंधकों को छुड़ाया, 700 से ज़्यादा फ़लस्तीनी ज़ख़्मी : रिपोर्ट

 

इसराइल ने हमास की क़ैद से अपने चार बंधकों को छुड़ा लिया है. इन बंधकों को छुड़ाने के लिए इसराइली सेना ने ख़ास ऑपरेशन शुरू किया था.

फ़लस्तीनी अधिकारियों का कहना है कि बंधकों को छुड़ाने के लिए की गई इसराइली कार्रवाई में कई नागरिक मारे गए हैं.

शनिवार को हमास की क़ैद में रहे इसराइली नागरिक छुड़ाए जाने के बाद अपने परिवार वालों से मिले.

नोआ अरगामनी ( 27), अलमोग मीर (22), एंद्रेई कोज़लोव (27) और सलोमी ज़ीव (41) को शनिवार को छुड़ाया गया.

इन सभी इसराइली नागरिकों को हमास ने 7 अक्टूबर को नोवा म्यूज़िक फेस्टिवल से अगवा किया था.

इसराइली सेना ने इन बंधकों को छुड़ाने के लिए जो ऑपरेशन शुरू किया था उसे उसने काफी ‘जोखिम भरा और जटिल’ बताया है.

इस ऑपरेशन के दौरान नुसरत इलाके में इसराइली सैनिकों की हमास के लड़ाकों से काफी संघर्ष हुआ. इसराइली सैनिकों ने हवाई हमले का भी सहारा लिया.

फ़लस्तीनी अधिकारियों का कहना है कि इस ऑपरेशन में बड़ी तादाद में लोग मारे गए.

गज़ा के दो अस्पताल अल-अक्सा और अल-अवदा अस्पताल का कहना है कि उन्होंने 274 लाशें गिनी हैं.

वहीं हमास सरकार की ओर से संचालित मीडिया दफ़्तर ने कहा है कि इस संघर्ष में अल-नुसरत शरणार्थी शिविर के आसपास हुए इसराइली हमले में 210 लोग मारे गए हैं.

जबकि इसराइली सेना के प्रवक्ता डेनियल हगारी का आकलन है कि हमले में 100 लोग मारे गए होंंगे.

इन इलाकों से जो तस्वीरें सामने आ रही हैं उनमें भारी बमबारी के सुबूत दिख रहे हैं. अस्पतालों का कहना है कि उनके यहां घायलों और लाशों की भरमार हो गई. इनमें बच्चे भी शामिल थे.

ये तादाद इतनी ज़्यादा थी कि घायलों का इलाज मुश्किल हो गया. कुछ दूसरी तस्वीरों में लोग अपने करीबियों की मौत पर मातम मनाते दिख रहे हैं.

‘सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर हुआ ऑपेरशन’

इसराइली सेना के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने कहा है कि ये ऑपरेशन सटीक ख़ुफिया जानकारी के आधार पर किया गया था. इसके तहत बंधकों को नुसरत में दो अलग-अलग इमारतों से छुड़ाया गया.

इस ऑपरेशन में इसराइली सेना का एक सैनिक घायल हुआ था, जिसकी बाद में अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.

इसराइली सेना ने कहा कि छुड़ाए गए बंधक स्वस्थ हैं. तस्वीरों में उन्हें अपने-अपने परिवारों से मिलते दिखाया गया है.

इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने इस ऑपरेशन के लिए सेना की तारीफ की.

उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन को ‘काफी मौलिकता और बहादुरी’ के साथ अंजाम दिया गया.

उन्होंने कहा, “हम आखिरी बंधक तक को छुड़ाकर दम लेंगे. चाहे वो जीवित हों या मृत.’’

रक्षा मंत्री योवाव गैलेंट ने कहा कि इस ऑपरेशन को अंजाम देने वाली सेना को हमास की भारी गोलीबारी का सामना करना पड़ा.

 

 

 

कौन हैं छुड़ाए गए बंधक?

बंधकों में नोआ अरगामनी (चीनी मूल की इसराइली नागरिक) को 7 अक्टूबर को नोवा फेस्टिवल से अगवा किया गया था. जिस वक़्त उन्हें मोटरसाइकिल पर बिठा कर ले जाया जा रहा था उस समय वो चिल्ला रही थीं, ‘मुझे मत मारो, मुझे मत मारो!’

कोज़लोव रूसी हैं और 2022 में इसराइल आए थे. ज़ीव भी रूसी हैं. दोनों फेस्टिवल में सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर काम कर रहे थे. उसी दौरान उनका अपहरण किया गया.

मीर जान अपहरण के एक दिन बाद एक बड़ी टेक कंपनी में काम शुरू करने वाले थे.

बंधकों के परिवार के फोरम ने इसे चमत्कारिक जीत बताया है. उन्होंने इसराइली सेना को उसके इस बहादुरी भरे ऑपरेशन के लिए शुक्रिया कहा है.

हालांकि इस ग्रुप ने इसराइली सेना को याद दिलाया है कि उसे हमास की कैद में रहे सभी 120 बंधकों को वापस लाना है.

साथ ही उन्हें जीवित बंधकों का पुनर्वास करना है और मृतकों को दफनाने की व्यवस्था भी करनी है.

इसराइल में एक ओर बंधकों की रिहाई पर जश्न का माहौल है लेकिन दूसरी ओर उन इलाकों से लाशों, मौतों और विध्वंस की तस्वीरें आ रही हैं जहां ये ऑपरेशन चलाया गया.

बीबीसी वेरिफाई के मुताबिक़ ऐसा लगता है कि इसराइल ने सेंट्रल ग़ज़ा के कई ठिकानों पर हमले किए हैं.

लेकिन नुसरत पर सबसे ज़बरदस्त हमला हुआ है. यहीं पर छुड़ाए गए इन चारों बंधकों को रखा गया था.

अल-अक्सा अस्पताल की ओर से जारी एक वीडियो में दिख रहा है कि अस्पताल के फर्श पर घायल लोग पड़े हुए हैं. इसके साथ ही बड़ी तादाद में घायलों का अस्पताल में आना जारी है.

हमास सरकार के मीडिया ने कहा है कि इस घनी आबादी वाले इलाके में 400 लोग घायल हैं.

इसराइली कार्रवाई पर दुनियाभर के नेताओं ने क्या कहा

फ़लस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने इस बीच संयुक्त राष्ट्र का इमरजेंसी सत्र बुलाने की अपील की है.

उनका कहना है कि सत्र में अल-नुसरत और आसपास के इलाकों में ‘इसराइली सेना की ओर से किए जा रहे नरसंहार’ पर चर्चा होनी चाहिए.

यूरोपियन यूनियन के विदेश मामलों के प्रतिनिधि जोसफ बोराल ने एक्स पर लिखा, “ग़ज़ा से एक और नरसंहार की रिपोर्ट दिल दहलाने वाली है. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. ये तुरंत रुकना चाहिए.’’

बंधकों को छुड़ाने का ये ऑपरेशन उस वक़्त अंजाम दिया गया, जब इसराइल और हमास के बीच युद्धविराम और बंधकों को रिहा करने कि लिए समझौते की कोशिश हो रही थी.

इसराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू से अपील की गई थी वो समझौते को अंजाम देने की कोशिश करें. लेकिन धुर दक्षिणपंथी सहयोगियों का कहना था कि बंधकों को छुड़ाने के लिए सैन्य कार्रवाई ही एकमात्र रास्ता है.

शनिवार का ऑपरेशन इसराइली सेना के ऑपरेशनों में सबसे सफल माना जा रहा है और इससे दबाव में चल रहे नेतन्याहू के लिए समीकरण आसान हो गए हैं.

इस बीच इसराइली युद्ध मंत्री बैनी गांज़ ने शनिवार को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द कर दी थी.

ऐसी ख़बरें थीं कि गांज़ इस्तीफा देने वाले हैं. इसके पहले उन्होंने ये कहते हुए इस्तीफे की धमकी दी थी कि आठ जून तक नेतन्याहू युद्धोपरांत ग़ज़ा योजना को मंज़ूरी नहीं देते हैं तो वो इस्तीफा दे देंगे.

इसराइल अपनी शर्तें नहीं थोप सकता – हमास

नुसरत कैंप के नज़दीकी इलाके से इसराइली बंधकों को छुड़ाए जाने की खबर का अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रों और जर्मन चासंलर ओलाफ सोल्ज़ ने स्वागत किया है.

जबकि नुसरत में इसराइली कार्रवाई का जवाब देते हुए हमास के राजनीतिक नेता इस्माइल हानिया ने कहा है कि इसराइल हमास पर अपनी शर्तें नहीं थोप सकता.

उन्होंने कहा है कि हमास तब तक युद्धविराम के लिए राज़ी नहीं होगा जब तक सभी फलस्तीनियों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो जाती.

पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास के हमले में 1200 लोगों की मौत हो गई थी और 251 लोग बंधक बना लिए गए थे.

इन बंधकों में से 116 लोग अभी भी फ़लस्तीन में कैद हैं. सेना का कहना है कि 41 लोगों की मौत हो चुकी है.

पिछले साल नवंबर में हुए समझौते के मुताबिक़ हमास ने एक सप्ताह के युद्धविराम के एवज़ में 105 बंधकों को रिहा किया था. इसराइल की जेल में अभी भी 240 फ़लस्तीनी कैद हैं.

शनिवार को हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि ग़ज़ा में मरने वालों की तादाद अब 36,801 पर पहुंच चुकी है.