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इसराइल ने उत्तरी ग़ज़ा के जबालिया रेफ़्यूज़ी कैंप पर हमला किया, कम से कम 20 लोगों के मारे जाने की ख़बर

इसराइल ने ग़ज़ा पर एक और हमला किया है, जिसमें कम से कम 20 लोगों के मारे जाने की ख़बर है.

यह ताज़ा हमला शुक्रवार को उत्तरी ग़ज़ा के जबालिया ज़िले और रेफ़्यूज़ी कैंप पर किया गया था.

हालांकि समाचार एजेंसी एफ़पी के अनुसार, मरने वालों की संख्या 30 तक पहुंच गई है.

हमास संचालित सिविल डिफ़ेंस एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि स्थानीय समयनुसार रात के 9 बजकर 40 मिनट पर हवाई हमला हुआ. उस वक़्त मरने वालों की संख्या 12 थी जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे.

उत्तरी ग़ज़ा में सिविल डिफ़ेंस एजेंसी के निदेशक अहमद अल-ख़ालूत ने कहा कि अलग-अलग हमलो में 18 लोगों की जान गई है.

ये हमले आठ अलग-अलग स्कूलों पर किए गए जहां पर शरणार्थियों के लिए कैंप बने हुए थे.

वहीं ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पतालों में ईंधन के लिए एक ‘अर्जेंट कॉल’ जारी किया है. इसका मतलब यह है कि ग़ज़ा के अस्पतालों को तत्काल ईंधन उपलब्ध कराए जाने की ज़रूरत है.

एक टेलीग्राम पोस्ट में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि “घायलों और बीमार लोगों की जान बचाने के लिए तत्काल तौर पर ईंधन की ज़रूरत है है, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए.”

इमेज कैप्शन,इसराइली सेना ने उत्तरी ग़ज़ा से लोगों को खाली करने का आदेश जारी किया है जिसके बाद बड़ी संख्या में विस्थापित बाहर निकल रहे हैं.
डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (एमएसएफ़) ने कहा है कि जबालिया रेफ़्यूजी कैंप में हज़ारों लोग फंसे हुए ह ैं.

एमएसएफ़ की प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर ने एक्स पर किए एक पोस्ट में कहा है कि किसी को भी अंदर या बाहर जाने की इजाज़त नहीं दी जा रही है.

एमएसएफ़ के ड्राइवर हैदर भी कैंप में फंसे हुए हैं और उन्होंने कहा, “मुझे यहां डर लग रहा है और मैं बाहर निकलने को लेकर भी डरा हुआ हूं.”

इसराइली सेना ने एक सप्ताह पहले इस इलाक़े पर फिर से हमला करना शुरू किया था. उसका दावा है कि जबालिया के पास हमास के फिर से इकट्ठा होने को लेकर सैन्य अभियान चलाया जा रहा है.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने स्वास्थ्यकर्मियों के हवाले से कहा कि शुक्रवार को पूरे ग़ज़ा पट्टी में इसराइली मिलिटरी के हमलों में 61 लोग मारे गए हैं.