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इसराइल की आतंकी जेल से रिहा होने वाले फ़लस्तीनियों ने सुनाई दर्दभरी दास्तां, अपनों से मिलकर ऐसे ख़ुश हुए फ़िलिस्तीनी : वीडियो

फ़िलिस्तीनी-इस्राईली क़ैदियों के आदान प्रदान के समझौते के तहत इस्राईल की ओफ़र जेल से तीस फ़िलिस्तीनी कैदियों को मुक्त कर दिया गया है।

इस्राईल की जेलों के संगठन ने भी इन तीस लोगों की आज़ादी की पुष्टि की है।

बताया जा रहा है कि ज़ायोनी शासन की ओफ़र जेल से मुक्त किये गये 30 लोगों में 15 बच्चे और 15 महिलाएं शामिल हैं।

फ़िलिस्तीनी कैदियों को ले जा रही एक बस मंगलवार शाम को ओफ़र जेल से निकलने के बाद वेस्ट बैंक के बैतोनिया शहर में दाखिल हुई। यह इस्राईली क़ैदियों की आज़ादी के बदले रिहा किया गया फ़िलिस्तीनियों का पांचवां ग्रुप है।

दूसरी ओर हमास ने कहा है कि अगर ज़ायोनी शासन इस्राईली कैदियों की अदला-बदली पर एक व्यापक समझौते तक पहुंचने के लिए गंभीर है, तो वह भी ऐसा करने को तैयार है।

हमास के राजनीतिक कार्यालय के एक सदस्य ग़ाज़ी हम्माद ने कहा है कि यदि इस्राईल, फ़िलिस्तीनी क़ैदियों को आज़ाद करने पर गंभीर है तो हम भी इस्राईल के साथ क़ैदियों के आदान प्रदान के व्यापक समझौते के लिए तैयार हैं।

ग़ज़्ज़ा युद्ध में इस्राईल का नया पैंतरा

अवैध आतंकी इस्राईली शासन फ़र्ज़ी ख़बरों और झूठे प्रचार के ज़रिए लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। ज़मीन पर प्रतिरोध के जियालों का मुक़ाबला न पाने वाली ज़ायोनी सेना ने अब एक नया पैंतरा चलने की कोशिश की है।

समाचार एजेंसी इर्ना के निदेशक अली नादेरी का कहना है कि ज़ायोनी सरकार ने झूठी ख़बरें और झूठा प्रचार फैलाकर ग़ज़्ज़ा की सही स्थिति के बारे में लोगों को गुमराह करने की कोशिश शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि इस्राईल विश्व जनमत को अपने झूठे प्रचार में व्यस्त रखने का प्रयास कर रहा है। अली नादेरी ने ओआईसी की जेद्दा बैठक में अपने संबोधन में कहा कि मीडिया क्षेत्र में दुश्मनों का झूठा प्रचार एक जटिल समस्या है। उन्होंने कहा कि ग़ज़्ज़ा युद्ध के दौरान सबसे महत्वपूर्ण समाचारों में से एक ग़ज़्ज़ा में सुरंगों के अस्तित्व और अस्पताल के तहखानों में हमास कमांडरों की मौजूदगी के बारे में ग़लत प्रचार था, जिसे सीएनएन ने ख़ुद झूठा होने की पुष्टि की है।

बता दें कि झूठे प्रचार के ख़िलाफ़ अभियान के तहत ओआईसी सदस्य देशों की समाचार एजेंसियों की एक अहम बैठक जेद्दा में आयोजित हुई है। ओआईसी सदस्य देशों की समाचार एजेंसियों के संघ यूएनए द्वारा आयोजित इस बैठक में इस्लामिक स्कॉलर्स यूनियन के प्रमुख डॉक्टर मुहम्मद इब्ने अब्दुल करीम अल-ईसा, इस्लामिक सहयोग संगठन के महासचिव हुसैन इब्राहीम ताहा और इस्लामिक देशों की प्रमुख समाचार एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा, फ़िलिस्तीनी आधिकारिक जन मीडिया के प्रभारी मंत्री अहमद एसाफ़, प्रमुख विद्वानों, विचारकों, क़ानूनी और मानवाधिकार विशेषज्ञों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। इस बैठक में यह बात स्पष्ट रूप से सामने आई है कि अवैध इस्राईली शासन लगातार झूठ का प्रचार करके अपने अपाराधों और नाकामियों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहा है।

@Misra_Amaresh
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जितने भी हमले करे, मै फिलीस्तीन पर लिखता रहूंगा!
अस्थाई युद्धविराम के दो दिन बढ़ जाने के बाद, #Israel, जिसने 4 दिनो मे लगभग 150 #Palestinian महिला और बाल कैदी छोड़े, उसने आज (29-11-2023) 5th batch मे, 30 कैदी और रिहा किये। 21 वर्षीय Ruba Assi ने #Israeli जेलों के बारे मे रोंगटे खड़े करने वाले खुलासे किये। कैसे 7th October के बाद, हफ्तों तक कैदियों को दाने-दाने के लिये तरसाया गया। महिलाओं के साथ अभद्रता हुई। पर Ruba ने युवा नेता के बतौर #Hamas और फिलीस्तीनी resistance कि जम कर तारीफ की और कहा कि जीत resistance की ही होगी!

अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की चेतावनी, अगर जंग फिर शुरु हुई तो..

 

वर्ल्ड रेड क्रॉस सोसाइटी के प्रवक्ता ने बुधवार की सुबह कहा है कि हम उत्तरी ग़ज़्ज़ा में लोगों तक सहायता पहुंचाने में सक्षम नहीं हैं।

उन्होंने कहा है कि ग़ज़्ज़ा की जनता को ज़रूरी मदद पहुंचाने के लिए संघर्ष विराम जारी रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा है कि ग़ज़्ज़ा में राहत अभियान में भी तेजी की जरूरत है।

दूसरी ओर विश्व खाद्य संगठन “डब्ल्यूएफडी” के कार्यकारी निदेशक सिंडी मैक्केन ने चेतावनी दी है कि अगर इस्राईल और हमास के बीच संघर्ष विराम समाप्त होता है और युद्ध फिर से शुरू होता है, तो ग़ज़्ज़ा में भुखमरी शुरू हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि ग़ज़्ज़ा में जो हो रहा है वह दुखद है और हमें हर हाल में ग़ज़्ज़ा के लोगों तक खाना पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि ज़रूरत इस बात की है कि हम खुद वहां जाकर संतुष्ट हो सकें कि जरूरतमंदों तक खाना पहुंच रहा है।