इसराइल और हमास के बीत संघर्ष जारी है. संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी के मुताबिक इसराइल की चेतावनी के बाद करीब 10 लाख फ़लस्तीनी उत्तरी ग़ज़ा से ग़ज़ा के दक्षिणी हिस्से में पहुंच गए हैं.
इसराइल ने उत्तरी इलाके को खाली करने को कहा था. इसराइल यहां बड़ा सैन्य अभियान शुरू कर सकता है.
इसराइल ने कहा है कि हमास ने 199 लोगों को बंधक बनाकर रखा है. इससे पहले बंधकों की संख्या 155 बताई गई थी.
अभी भी बंद है राफ़ा क्रॉसिंग
सोमवार को खबर आई कि राफ़ा क्रॉसिंग को मानवीय सहायता के लिए खोल दिया गया है. बाद में इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू और हमास ने इन खबरों को खारिज कर दिया.
ग़ज़ा और मिस्र को जोड़ने वाली राफ़ा क्रॉसिंग अब भी बंद है. वहां मौजूद लोग इसके खुलने का इंतज़ार कर रहे हैं.
बीबीसी की मिडिल ईस्ट संवाददाता योलांडे नेल के मुताबिक ग़ज़ा और मिस्र को जोड़ने वाली राफ़ा क्रॉसिंग पर कई लॉरियां कतार लगाए खड़ी हैं. ये लॉरियां मिस्र की तरफ हैं और इन पर सैंकड़ों टन सहायता सामग्री लदी हुई है. ये वो सामान है जिसका ग़ज़ा की तरफ़ बेसब्री से इंतज़ार किया जा रहा है.
वहां बड़ी संख्या में फ़लस्तीनी लोग हैं जिसके बाद विदेशी पासपोर्ट हैं और वो इस रास्ते बाहर निकल जाना चाहते हैं. मिस्र का कहना है कि वह क्रासिंग के गेट को तबतक नहीं खोलेगा, जबतक कि उसके कर्मचारियों के सुरक्षा की गारंटी नहीं मिल जाती है.
फिर इसराइल पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री
इस बीच अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन सोमवार को एक बार फिर इसराइल पहुंचे.
वहां उन्होंने प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू से हमास के साथ बढ़ते संघर्ष पर चर्चा की. एक सप्ताह के अंदर एंटनी ब्लिंकन की यह दूसरी इसराइल यात्रा है. वो कई अरब देशों की यात्रा के बाद फिर इसराइल पहुंचे हैं.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों नेताओं की बैठक में ब्लिंकन को ज़मीनी स्थिति की जानकारी दी गई. ब्लिंकन ने हमास से सुरक्षा के लिए इसराइल को अमेरिका के समर्थन का एक बार फिर ज़िक्र किया. उन्होंने इसराइल की मदद करने की इच्छा भी ज़ाहिर की.
2700 फ़लस्तीनियों की मौत
हमास के हमले के बाद इसराइल की जवाबी कार्रवाई में अबतक 2700 फ़लस्तीनियों की जान जा चुकी है और 9700 घायल हुए हैं.
हमास की ओर से सात अक्टूबर को इसराइल पर किए गए हमलों में 1400 से अधिक लोगों की जान गई थी.
ग़ज़ा में हमास के अधिकार वाले गृह मंत्रालय के प्रवक्ता एयाद अल बोज़ोम ने बताया है कि ग़ज़ा में एक हज़ार से ज़्यादा लोग लापता हैं. ये लोग इसराइल के बम हमलों में टूटे घरों और इमारतों के नीचे दबे हैं.
फ़लस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि सात अक्टूबर से अब तक ग़ज़ा में 2750 फ़लस्तीनी मारे गए हैं और 9700 लोग घायल हुए हैं. वहीं वेस्ट बैंक में 58 अन्य लोगों की मौत हुई है और 1250 लोग घायल हुए हैं.
फ़लस्तीनी जर्नलिस्ट सिंडिकेट के मुताबिक मरने वालों में 11 फ़लस्तीनी पत्रकार भी हैं.
संयुक्त राष्ट्र का क्या कहना है?
इस बीच संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि ग़ज़ा में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए बातचीत चल रही है.
हमास ने सात अक्टूबर को इसराइल पर हमला कर दिया था. इसके बाद से इसराइल ग़ज़ा पर लगातार बमबारी कर रहा है. तब से ग़ज़ा में कोई मानवीय सहायता नहीं पहुंची है.
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने बीबीसी रेडियो-4 से कहा कि इसराइल की चेतावनी के बाद करीब 10 लाख लोग उत्तरी ग़ज़ा से दक्षिणी ग़ज़ा की ओर पलायन कर गए हैं. उन्होंने कहा कि बंधकों की रिहाई पर कोई प्रगति नहीं हुई है.
उन्होंने कहा कि लोगों को बंधक बनाना गंभीर, ग़ैर क़ानूनी, अस्वीकार्य और अनैतिक काम था. उन्होंने कहा कि बंधकों को तत्काल रिहा किया जाना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत नागरिकों की सहायता मिलनी चाहिए और उन्हें निकलने का सुरक्षित रास्ता मिलना चाहिए, लेकिन इन कानूनों का उल्लंघन हो रहा है.
उन्होंने कहा कि वो इन मुद्दों पर इसराइल के साथ बातचीत कर रहे हैं.
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