दुनिया

इसराइली हवाई हमले में ग़ज़ा में कम से कम 141 की मौत, 400 लोग घायल : रिपोर्ट

हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि ग़ज़ा में मानवीय ज़ोन के रूप में चिह्नित किए गए क्षेत्र पर इसराइली हवाई हमले में कम से कम 141 फ़लस्तीनी मारे गए हैं.

हमास ने एक बयान जारी कर कहा है कि ख़ान यूनिस के नज़दीक अल-मसावी इलाके़ में हुए इस हमले में 400 लोग घायल भी हुए हैं.

इसराइली सेना का एक हवाई हमला उस जगह हुआ जिसे सेना ने एक मानवीय ज़ोन के रूप में चिह्नित किया था और फ़लस्तीनी लोगों से यहां पनाह लेने के लिए कहा गया था.

इसराइल ने इस हमले के बारे में कहा है कि ये हमला हमास के सीनियर नेता मोहम्मद डेफ़ और उसके सहयोगी राफ़ा सलमा को निशाना बना कर किया गया था.

इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा कि हमले में मोहम्मद डेफ़ को निशाना बनाया गया था, लेकिन ये पुख्ता तौर पर “नहीं कहा जा सकता” कि उनकी मौत हुई है या नहीं.

हमले के दौरान अल-मसावी में मौजूद एक चश्मदीद ने बीबीसी से कहा कि जिस जगह इसराइली सेना ने वार किए हैं वहां ऐसा लगता है मानो कोई भूकंप आया है.

हमास संचालित सिविल डिफेन्स एजेंसी ने कहा है कि शनिवार को हुए एक दूसरे हमले में 17 आम लोगों की मौत हुई है.

हमास के अनुसार ये हमला ग़ज़ा शहर के पश्चिम में शति रिफ्यूजी कैंप में बने एक प्रार्थना स्थल पर हुआ. अब तक इसराइली सेना ने इस हमले की पुष्टि नहीं की है.

हमास ने क्या कहा?
इसराइली अधिकारियों के अनुसार हमास के सदस्यों के बारे में उन्हें “सटीक” ख़ुफ़िया जानकारी मिली थी जिसके आधार पर हमले को अंजाम दिया गया.

हालांकि हमास ने इसराइली सेना के इस दावे को खारिज किया है. उसका कहना है कि ये दावा “ग़लत” है कि हमास के नेताओं को इसराइल ने निशाना बनाया.

अपने बयान में हमास ने कहा, “ये पहली बार नहीं है जब इसराइल ने फ़लस्तीनी नेताओं को निशाना बनाने का दावा किया है, लेकिन उनके ये दावे बाद में ग़लत साबित हुए हैं.”

बीबीसी वेरिफ़ाई ने इसराइली सेना के हमले के बाद जारी किए गए वीडियो फुटेज का विश्लेषण किया है, जिससे पुष्टि होती है कि हमला जिस जगह पर हुआ उसे मानवीय ज़ोन के रूप में चिह्नित किया गया था.

अल-मवासी में इसराइली हमले के एक चश्मदीद ने बीबीसी को बताया कि हमले की जगह ऐसी लग रही थी जैसे “भूकंप” आया हो.

हमले के बाद के इस जगह के वीडियो फुटेज में देखा जा सकता है कि हमले की जगह पर हर तरफ मलबा बिखरा हुआ था और हताहतों को स्ट्रेचर पर लादा जा रहा था.

हमले के कारण उस जगह पर एक बड़ा गड्ढा बन गया था और लोग बेतहाशा अपने हाथों से वहां से मलबा उठाने की कोशिश कर रहे थे.

हमले के बाद की स्थिति से जूझ रहे एक अस्पताल के डॉक्टर मोहम्मद अबू राया ने बीबीसी को बताया कि यह “काले दिनों में से एक” है.

डॉ. मोहम्मद अबू राया ने बीबीसी वर्ल्ड सर्विस पर न्यूज़आवर कार्यक्रम में बात करते हुए कहा कि अस्पताल में जिन लोगों को लाया गया उनमें से अधिकांश मृत थे, कई लोगों के शरीर में एक से अधिक छर्रे लगे थे.

उन्होंने कहा, ये “नरक” में होने जैसा था. उन्होंने बताया कि अस्पताल लाए जाने वालों में अधिकांश आम नागरिक थे, इनमें बड़ी संख्या महिलाओं और बच्चों की थी.

यहां से नज़दीक में मौजूद कुवैत फील्ड अस्पताल से मिल रहे वीडियो फुटेज में देखा गया कि यहां अव्यवस्था का माहौल था और फर्श पर मरीज़ों का इलाज किया जा रहा था.

ब्रिटिश चैरिटी संस्था मेडिकल एड फ़ॉर पैलेस्तिनियन्स (एमएपी) ने बताया कि ख़ान यूनिस का नासिर मेडिकल कॉम्लेक्स भी “मरीज़ों की बढ़ी हुई संख्या” से जूझ रहा है और अब काम करने में सक्षम नहीं है.

नेतन्याहू ने क्या कहा

इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सेना के जनरलों से मशविरे के बाद उन्होंने इस ऑपरेशन को हरी झंडी दी थी.

उन्होंने कहा कि वो जनरलों ये जानना चाहते थे कि हमले की जगह के नजदीक कोई बंधक तो नही है. या फिर इस हमले से इसराइल को कितना नुकसान हो सकता है. वो ये भी जानने चाहते थे कि हमले में किस तरह के हथियार इस्तेमाल किए जाएंगे.

नेतन्याहू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वो हमास के सारे सीनियर नेताओं को खत्म कर देंगे.

उन्होंने कहा,’’ हम किसी भी तरह से हमास की पूरी लीडरशिप को पकड़ लेंगे’’

दूसरी ओर हमास के नेता इस्माइल हानिया ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा है कि नेतन्याहू इस तरह की ‘जघन्य नरसंहार’ से ग़़ज़ा में युद्धविराम के रास्ते को रोक देना चाहते हैं.

हमास ने कहा है के नेतन्याहू ये दावा कर रहे हैं संगठन के शीर्ष नेता इसराइली हमले का निशाना थे. लेकिन ये दावा गलत है.

कौन हैं मोहम्मद डेफ़

हमले से पहले बुधवार को, इसराइली सेना ने कहा कि ग़ज़ा पट्टी पर उत्तर की तरफ वो अपना सैन्य अभियान तेज़ कर रही है.

सेना ने ग़ज़ा शहर में रहने वाले सभी लोगों से कहा कि वो सभी दक्षिण में ग़ज़ा पट्टी के केंद्र की तरफ चले जाएं.

अल-मवासी में हुए हमले में इसराइली सेना ने हमास की सशस्त्र शाखा, अल-क़ासिम ब्रिगेड के प्रमुख मोहम्मद डेफ़ और हमास के एक और नेता को लक्ष्य बनाया था. मोहम्मद डेफ़ सेना का बड़ा लक्ष्य थे.

ग़ज़ा में मोहम्मद डेफ़ लगभग एक काल्पनिक किरदार की तरह हैं, जो कई बार पकड़े जाने की साज़िशों और हत्या की कोशिशों से बचे हैं.

माना जाता है कि सात अक्टूबर को इसराइल पर हुए हमास के हमले के पीछे के मास्टरमाइंड्स में वो भी एक थे. इस हमले में लगभग 1,200 इसराइली नागरिकों की मौत हुई थी, जिनमें कुछ विदेशी भी थे. वहीं 251 लोगों को हमास के लड़ाके अपने साथ बंधक बनाकर ग़ज़ा ले गए थे.

इस हमले के जवाब में इसराइल ने हमास के ख़ात्मे को लक्ष्य बनाकर ग़ज़ा पट्टी पर बड़ी सैन्य कार्यवाई को अंजाम दिया. हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इसराइली सैन्य अभियान में अब तक 38,400 से अधिक फ़लस्तीनियों की जान गई है.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार हमास के एक अधिकारी इस हमले को एक “गंभीर कदम” बताया है, जो ये दिखाता है कि युद्धविराम के समझौते तक पहुंचने में इसराइल को कोई दिलचस्पी नहीं है.

बीबीसी को मिली जानकारी के अनुसार क़तर और मिस्र में दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम को लेकर चल रही वार्ता शुक्रवार को बेनतीजा ख़त्म हुई.

=============
रुश्दी अबूअलूफ़, टॉम मैकआर्थर
पदनाम,बीबीसी संवाददाता