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इस ज़लील का नाम ज़ाक़िर है, लड़की को चलती बस में अपना प्राइवेट पार्ट दिखा रहा था : वीडियो

 

 

सोशल मीडिया ट्विटर पर एक वीडियो वॉयरल हो रहा है जिसमे दिल्ली के अंदर चलती बस में एक व्यक्ति जिसका नाम ज़ाकिर बताया जा रहा है, एक लड़की को देख कर अपना प्राइवेट पार्ट निकाल कर उसके साथ ग़लत हरकत कर रहा था, आरोपी व्यक्ति का बस के स्टाफ ने वीडियो बना लिया

हमारे समाज में आये दिन महिलाओं के साथ छेड़छाड़/बलात्कार/मारपीट की वारदातों की खबरें मिलती रहती हैं, बहुत बार महिलाओं की हत्या तक कर दी जाती है, किसी भी देश-समाज के अंदर महिलाओं/युवतियों पर अगर अत्याचार होते हैं तो वहां के रहने वाले लोग इस के लिए असल ज़िम्मेदार होते हैं, जो समाज के अंदर बुराईयां पैदा होती हैं वो हमेशा आम आदमी ही पैदा करता है, इसके लिए बहुत ज़रूरी है कि हम अपने बच्चों को बिलकुल शुरू से ही अच्छा इंसान बनने की शिक्षा दें, उन्हें हमेशा सच बोलने के लिए कहें, उनकी किसी भी ग़लती पर परदे न डालें बल्कि जानकारी मिलने पर उनके साथ बैठ कर बात करें और उन्हें अहसास दिलाएं कि ये सही नहीं है


वीडियो सोर्स
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Satyaagrah
@satyaagrahindia
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दिल्ली की DTC बस में भी सुरक्षित नही है हमारी बहन और बेटियाँ।

खुद सुन लीजिए इस हिंदू बहन को ये जिहादी क्या कर रहा था DTC बस में।

 

तथाकथित माडर्न वेस्टर्न वर्ल्ड ने महिलाओं के गौरव और प्रतिष्ठा को निशाना बनाते हुए भयानक अपराध किए हैं

ईरान की इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने महिलाओं के बारे में पश्चिम के पाखंडी दावेदारों के मुक़ाबले में इस्लामी गणराज्य ईरान का स्टैंड बयान करते हुए कहा कि हम पश्चिमी दुनिया से जवाब तलब करने की पोज़ीशन में हैं।

आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने कहा कि तथाकथित माडर्न पश्चिम और पश्चिमी कल्चर इस मैदान में वाक़ई दोषी है उसने महिला की प्रतिष्ठा और सम्मान पर प्रहार किया है।

पैग़म्बरे इस्लाम की बेटी हज़रत ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा का शुभ जन्म दिवस नज़दीक आने के उपलक्ष्य में देश के अलग अलग मैदानों में सक्रिय चुनिंदा महिलाओं ने सैकड़ों की संख्या में बुधवार को इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में उन्होंने कहा कि काम का मैदान और महिलाओं को वासना पूरी करने की नज़र से देखना महिलाओं के साथ पश्चिम की नाइंसाफ़ी के दो बड़े उदाहरण हैं।

इस्लामी क्रांति के नेता ने कहा कि पश्चिम में महिलाओं की आज़ादी का मुद्दा उठाने का अस्ली लक्ष्य उन्हें घर से कारख़ाने खींचकर लाना था ताकि उन्हें सस्ते लेबर के तौर पर इस्तेमाल किया जाए।

इस्लामी क्रांति के नेता ने पश्चिमी देशों के सरकारी संस्थानों के आंकड़ों और रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के बारे में पश्चिम का दावा खुली हुई बेशर्मी है। उन्होंने कहा कि पश्चिम की पूंजीवादी व्यवस्था जिस आज़ादी का दावा करती है वो महिलाओं का खुला अपमान और सेक्शुअल दासता है, पश्चिम में कुछ घटनाएं तो इस तरह की हो रही हैं कि इंसान को उनका ज़िक्र करने में भी शर्म आती है।

इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का कहना था कि पश्चिम में परिवार बिखर चुके हैं जिस पर ख़ुद पश्चिम के विद्वान भी विरोध जताने लगे हैं मगर पश्चिम में परिवारों के बिखराव का सिलसिला इतनी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है कि उसे रोक पाना या उसमें सुधार संभव नहीं है।

आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने हिजाब के ख़िलाफ़ हालिया घटनाओं में व्यापक स्तर पर की जाने वाली कोशिशों का हवाला देते हुए कहा कि इन कोशिशों का मुक़ाबला किसने किया? ख़ुद महिलाओं ने इसका मुक़ाबला किया वो भी तब जब दुर्भावना से ग्रस्त दुश्मनों ने अधूरा हिजाब करने वाली महिलाओं से बड़ी उम्मीद लगा रखी थी कि वे हिजाब उतार देंगी मगर महिलाओं ने यह नहीं किया और काल देने वालों के मुंह पर तमाचा मारा।

आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने कहा कि बेशक हिजाब एक शरई वाजिब है जिसमें कोई शक नहीं मगर इसका यह मतलब नहीं है कि जो महिलाएं मुकम्मल तरीक़े से पर्दा नहीं करतीं उन्हें बे दीन या इंक़ेलाब की विरोधी क़रार दिया जाए।

इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का कहना था कि इस्लामी क्रांति ने महिलाओं की बड़ी मदद की। उन्होंने कहा कि इंक़ेलाब से पहले देश में विद्वान, शोधकर्ता और वैज्ञानिक महिलाओं की संख्या मुट्ठी भर थी मगर इस्लामी क्रांति के बाद देश में विद्वान महिलाओं की संख्या तेज़ी से बढ़ी यहां तक कि कई साल यह भी देखने में आया कि छात्राएं छात्रों से आगे निकल गईं और विज्ञान व तकनीक के अनेक क्षेत्रों में महिलाएं शोध और रिसर्च के काम में व्यस्त हैं।