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‘#इलेक्टोरलबॉन्ड योजना रद्द, सरकार के लिए बड़ा झटका’ : खरगे और कपिल सिब्बल ने कहा….

अपने एक अहम फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना पर रोक लगा दी है। विपक्षी नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जताई है और कहा है कि यह फैसला लोकतंत्र के लिए उम्मीद की किरण है। राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि यह किसी राजनीतिक पार्टी के लिए नहीं बल्कि पूरे लोकतंत्र के लिए उम्मीद की किरण है। यह देश के नागरिकों के लिए उम्मीद की किरण है।

‘ये उद्योग जगत और भाजपा के बीच का संबंध’

सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि ‘यह पूरी योजना मेरे दिवंगत दोस्त अरुण जेटली के दिमाग की उपज थी, जिसे भाजपा को समृद्ध करने के लिए लाया गया था। सभी जानते हैं कि भाजपा सत्ता में है और चुनावी बॉन्ड योजना का सबसे ज्यादा फायदा भाजपा को ही मिलेगा। मजेदार बात ये है कि चुनावी बॉन्ड योजना का चुनाव से कोई संबंध नहीं है। यह असल में उद्योग जगत और भाजपा के बीच का संबंध है, जिसके तहत भाजपा को बड़े पैमाने पर दान मिला। बीते वर्षों में भाजपा को करीब पांच से छह हजार करोड़ रुपये का दान मिला है।’ सिब्बल ने कहा कि ‘अगर आपके पास पांच या छह हजार करोड़ रुपये का फंड होगा तो आप अपनी राजनीतिक पार्टी का इंफ्रास्ट्रक्चर बना सकते हैं। आरएसएस के ढांचे को मजबूत कर सकते हैं। पूरे देश में अपना कम्युनिकेशन नेटवर्क बना सकते हैं।’

‘ये सरकार का घोटाला है’

राज्यसभा सांसद सिब्बल ने कहा ‘अब हमें पता चलेगा कि देश की राजनीति को किसने फंड दिया, साथ ही हमें ये भी पता चलेगा कि इस फंडिंग से किसे क्या फायदा मिला क्योंकि कोई भी इतनी बड़ी राशि बिना किसी फायदे के नहीं देगा। इलेक्टोरल बॉन्ड में कोई भी 10-15 लाख रुपये नहीं देगा, लेकिन पैसा करोड़ों में हो सकता है। तो अगर आप किसी राजनीतिक पार्टी को पांच हजार करोड़ रुपये की फंडिंग दे रहे हैं तो आप कल्पना कर सकते हैं कि सिर्फ अमीरों ने फंडिंग की है और इसके बदले में उन्हें कुछ फायदे भी मिले होंगे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लोकतंत्र में सभी को समान अधिकार मिलेंगे और भाजपा का भंडाफोड़ होगा। प्रधानमंत्री कहते रहते हैं कि घोटाला कहां है? लेकिन अब मोदी जी कहां हैं और उनकी आंखों के सामने घोटाला हो रहा था। यह सरकार का घोटाला है।’

वोट की ताकत और मजबूत होगी: कांग्रेस

कांग्रेस ने चुनावी बॉन्ड योजना पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह निर्णय नोट के मुकाबले वोट की ताकत को और मजबूत करेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि इस फैसले से इस बात पर मुहर लग गई है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चुनावी बॉन्ड को रिश्वत और कमीशन लेने का माध्यम बना दिया था।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘हम आज उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं जिसने मोदी सरकार की इस ‘काला धन रूपांतरण’ योजना को “असंवैधानिक” बताते हुए रद्द कर दिया है। हमें याद है कि कैसे मोदी सरकार, पीएमओ और वित्त मंत्रालय ने भाजपा का खजाना भरने के लिए हर संस्थान – आरबीआई, चुनाव आयोग, संसद और विपक्ष पर बुलडोजर चला दिया था।’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि इस योजना के तहत 95 प्रतिशत चंदा भाजपा को मिला।’ उनका कहना था, ‘हमें उम्मीद है कि मोदी सरकार भविष्य में ऐसे विचारों का सहारा लेना बंद कर देगी और उच्चतम न्यायालय की बात सुनेगी ताकि लोकतंत्र, पारदर्शिता और समान अवसर कायम रहे।’

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने चुनावी बॉण्ड को रिश्वत और कमीशन लेने का माध्यम बना दिया था। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘नरेन्द्र मोदी की भ्रष्ट नीतियों का एक और सबूत आपके सामने है। भाजपा ने चुनावी बॉन्ड को रिश्वत और कमीशन लेने का माध्यम बना दिया था। आज इस बात पर मुहर लग गई है।’

‘यह सरकार के लिए बड़ा झटका’

चुनावी बॉन्ड योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाली कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने फैसले के बाद कहा, ‘जो चुनावी बॉन्ड के जरिए पैसा दान कर रहे थे, वो अपने नाम का खुलासा नहीं कर रहे थे। कहीं न कहीं ये लोग सरकार से फायदा चाहते थे। इस फैसले से लोगों के हितों की सुरक्षा होगी।’ जया ठाकुर का पक्ष सुप्रीम कोर्ट में रखने वाले वकील वरुण ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताया। ठाकुर ने कहा कि ‘यह सरकार के लिए बड़ा झटका है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने 2019 से 2024 के बीच के सभी लेन-देन की जानकारी देनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई बैंक को भी चुनाव आयोग के समक्ष पूरी रिपोर्ट देने को कहा है और चुनाव आयोग को एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट का खुलासा करना होगा।’

‘चुनावी बॉन्ड योजना से भाजपा को ही फायदा हुआ’

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के शरद पवार के नेतृत्व वाले धड़े ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वागत योग्य कदम बताया और कहा कि किसी भी राजनीतिक दल को दिए जाने वाले हर चंदे में पारदर्शिता व जवाबदेही होनी चाहिए। राकांपा-शरदचंद्र पवार के प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने दावा किया कि गुमनाम दानदाताओं के जरिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को लाभ पहुंचाने के लिए चुनावी बॉन्ड योजना शुरू की गई थी और इसके लागू होने के बाद से भाजपा एकमात्र पार्टी है जिसे इससे लाभ हुआ है। क्रैस्टो ने कहा, ‘चुनावी बॉन्ड योजना को ‘असंवैधानिक’ बताते हुए इसे रद्द करने का उच्चतम न्यायालय का फैसला एक बहुत ही स्वागत योग्य कदम है। राजनीतिक दल को मिलने वाले हर चंदे में पारदर्शिता और जवाबदेही होनी चाहिए।’