उत्तर प्रदेश राज्य

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन को प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट से जुड़े मामले में ज़मानत दी

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन को प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट से जुड़े एक मामले में आज जमानत दे दी है.

उनके वकील मोहम्मद दानिश केएस ने बीबीसी को बताया कि “हम इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ऑर्डर की कॉपी का इंतज़ार कर रहे हैं.”

ये मामला सिद्दीक़ कप्पन के ख़िलाफ़ प्रवर्तन निदेशालय ने दर्ज कराया था.

सिद्दीक़ कप्पन मामले में अमेरिकी आयोग ने भारत को क्या कहा है

सिद्दीक़ कप्पन की बेटी का 15 अगस्त का भाषण चर्चा में

इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की बेंच ने कप्पन को जमानत देने का फ़ैसला सुनाया.

इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस बेल ऑर्डर के बाद कप्पन की रिहाई का रास्ता साफ़ हो गया है.

तीन महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने उनके ख़िलाफ़ दर्ज अन्य मामलों में उन्हें जमानत दे दी थी.

कप्पन की रिहाई के बारे में पूछे जाने पर उनके वकील ने बताया, “मुमकिन है कि वे सोमवार तक रिहा हो जाएंगे.”

लखनऊ हाई कोर्ट से बेल पिटीशन खारिज हो जाने के बाद कप्पन ने अक्टूबर में इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था.

इसी साल 9 सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस द्वारा दर्ज किए मामले में कप्पन को ज़मानत दे दी थी और आदेश दिया था कि उन्हें छह महीने तक दिल्ली में रखा जाए और फिर केरल शिफ़्ट किया जाए.

ये आदेश तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित की नेतृत्व वाली सुप्रीम कोर्ट बेंच ने दिया था, तब कप्पन को जेल में रहते हुए दो साल हो गए थे.

कप्पन समेत सभी आरोपियों पर यूपीए की धारा 17 और 18, सेक्शन 124ए (देशद्रोह). सेक्शन 153 ए (धार्मिक आधार पर विभिन्न समूहों में अशांति फैलाना), सेक्शन 295 ए (जानबूझ कर धार्मिक भावनाओं को आहत करना) और, आईटी एक्ट के सेक्शन 65,72 और 75 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था.