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इमरान ख़ान को 5 साल के लिए अयोग्य घोषित किया गया, पाक सेना ने इमरान ख़ान को ”थैलियम” नाम का ज़हर दिया : रिपोर्ट

भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराए गए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई। इमरान को शनिवार को सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद लाहौर में उनके घर से गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वह पंजाब प्रांत की अटक जेल में बंद हैं।

पाकिस्तान की सेना इमरान खान को पूरी तरह से हटाना चाहती है, जानकारी के मुताबिक इमरान ख़ान को जेल में ज़हर दिया जा सकता है, पाकिस्तान की सेना खान को ऐसा ज़हर दे सकती है जिससे कई महिने के बाद मौत होती है, ”थैलियम” नाम के एक ज़हर की बातें हो रही हैं कि ये ज़हर इमरान खान को दे दिया गया है, इस ज़हर के जिस्म में पहुँचने के कुछ महिने बाद इंसान की हड्डियों के जोड़ अपने आप खुल जाते हैं, जिस्म के बाल खुद गिरने लगते हैं

पाकिस्तान चुनाव आयोग ने मंगलवार को बताया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को अगले पांच सालों तक चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित कर दिया गया है.

इमरान ख़ान को तोशाख़ाना मामले में पिछले दिनों ही जेल भेजा गया है. वह पिछले कई महीनों से अपने ख़िलाफ़ लगे आरोपों को पाकिस्तान की अलग-अलग अदालतों में चुनौती दे रहे थे.

लेकिन आख़िरकार 5 अगस्त को इमरान ख़ान को तीन साल की सज़ा सुनाई गयी जिसके तुरंत बाद उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया.

गिरफ़्तारी से पहले रिकॉर्ड किए गए बयान में इमरान ख़ान ने अपने समर्थकों से उन्हें गिरफ़्तार किए जाने पर चुप नहीं बैठने को कहा था, लेकिन दिलचस्प बात ये है कि इस बार उनके समर्थकों की ओर से पहले जैसी प्रतिक्रिया नहीं दिखाई दी है.

इमरान ख़ान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) ने पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ़्तारी के विरोध में देशव्यापी प्रदर्शन की अपील की है.

इमरान ख़ान साल 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री चुने गए थे, लेकिन साल भर पहले अविश्वास प्रस्ताव में हार जाने के बाद पद से हटना पड़ा. उनके ख़िलाफ़ 100 से अधिक मामले दर्ज हैं.

क्या है पूरा मामला?

इमरान ख़ान पर आरोप है कि उन्होंने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए क़ीमती तोहफ़े अपने फ़ायदे के लिए बेचे. इमरान ख़ान ने चुनाव आयोग को दी गई अपनी संपत्ति की घोषणा में उसका ब्योरा नहीं दिया था.

चुनाव आयोग ने बाद में ज़िला अदालत में शिकायत दर्ज की थी कि प्रधानमंत्री रहते हुए इमरान ख़ान को जो गिफ़्ट मिले उसे उन्होंने बेच दिया और इस मामले में उन्हें आपराधिक क़ानूनों के ज़रिए सज़ा दी जाए. आरोप है कि इमरान ख़ान ने प्रधानमंत्री रहते हुए तोशाखाना के मंहगे गिफ़्ट, घड़िया अपने फ़ायदे के लिए बेची थीं.

1974 में पाकिस्तान में तोशाखाना स्थापित किया गया. ये कैबिनेट डिवीज़न के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक सरकारी विभाग है जहां देश के प्रमुखों, मंत्रियों, नौकरशाहों, सासंदों को विदेशी सरकार या अधिकारियों की ओर से मिले मंहगे गिफ़्ट रखे जाते हैं.

यहां प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या दूसरे बड़े अधिकारियों को किसी यात्रा के दौरान मिलने वाले क़ीमती तोहफों को रखा जाता है.

किसी भी विदेश यात्रा के समय, विदेश मंत्रालय के अधिकारी इन तोहफ़ों का रिकॉर्ड रखते हैं और वतन वापसी पर उन्हें तोशाखाना में जमा कर दिया जाता है.

तोशाखाना में रखी गई चीज़ों को स्मृति चिह्न की तरह देखा जाता है. यहां रखी हुई चीज़ों को कैबिनेट की मंज़ूरी के बाद ही बेचा जा सकता है.

पाकिस्तान में अगर मिलने वाले उपहार की क़ीमत 30 हज़ार रुपये से कम है तो उसे व्यक्ति मुफ़्त में अपने पास रख सकता है.

वहीं अगर गिफ़्ट की क़ीमत 30 हज़ार रुपये से ज़्यादा है तो उस क़ीमत का 50 प्रतिशत जमा करके उसे ख़रीदा जा सकता है. साल 2020 से पहले सामान की असल क़ीमत का सिर्फ़ 20 प्रतिशत ही जमा करना पड़ता था.

इन तोहफों में आमतौर पर महंगी घड़ियां, सोना और हीरे के गहने, क़ीमती सजावट का सामान, स्मृति चिह्न, हीरा जड़ी कलम, क्रॉकरी और कालीन शामिल होते हैं.

 

 

ANI_HindiNews

@AHindinews
पाक मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पूर्व पीएम इमरान खान को पांच साल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है

Zaid Ahmd 
@realzaidzayn
BREAKING 🇵🇰 : Imran Khan Banned From Politics For 5 Years

#Pakistan’s jailed ex-PM Imran Khan barred from politics for five years by the country’s election commission – local media

इस घटनाक्रम के बाद से इमरान के भविष्य को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। पाकिस्तान में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं। इससे पहले विपक्ष के नेता को अपना राजनीतिक करियर को बचाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई का सामना करना पड़ रहा है। इमरान किस मामले में दोषी ठहराए गए हैं? क्या इमरान का सियासी सफर खत्म हो गया है? इमरान के पास कानूनी विकल्प क्या हैं? उनकी पार्टी का क्या होगा?

इमरान की गिरफ्तारी क्यों हुई?
इमरान खान को तोशाखाना मामले में अतिरिक्त एवं सत्र न्यायाधीश (एडीएसजे) हुमायूं दिलावर ने शनिवार को तीन साल जेल की सजा सुनाई। इमरान को निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के तुरंत बाद लाहौर में उनके घर से गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल उन्हें पंजाब प्रांत की अटक जेल में रखा गया है।

इमरान खान पर जिस मामले में कार्रवाई हुई है वह विदेश से मिले उपहारों की अवैध बिक्री से जुड़ा है। दरअसल, पाकिस्तानी कानून के अनुसार विदेशी राज्य के गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई भी उपहार तोशाखाना में रखना होता है। अगर देश के प्रधानमंत्री उपहार को अपने पास रखना चाहते हैं तो उसके लिए उन्हें इसके मूल्य के बराबर राशि का भुगतान करना होता है।

आरोप है कि इमरान ने प्रधानमंत्री रहते हुए महंगे उपहारों को तोशाखाने से सस्ते दाम पर खरीद लिया और फिर महंगे दाम पर बाजार में बेच दिया। इस पूरी प्रक्रिया के लिए उन्होंने सरकारी कानून में बदलाव भी किए। इसी घोटाले में अब इमरान को गिरफ्तार किया गया है जिससे उनके सियासी भविष्य पर संकट है।

क्या इमरान का राजनीतिक करियर खत्म हो गया है?
कोर्ट की सजा के बाद इमरान खान अगले पांच साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो गए हैं। कानूनी तौर पर, रोक सजा की तारीख से शुरू होकर अधिकतम पांच साल हो सकती है। लेकिन पाकिस्तान का सुप्रीम कोर्ट इमरान पर आजीवन प्रतिबंध भी लगा सकता है।

दरअसल, पाकिस्तान में सार्वजनिक पदों को धारण करने वालों के लिए सच और ईमानदार होने की संवैधानिक आवश्यकता होती है। ऐसे में यदि देश की सर्वोच्च अदालत फैसला सुनाती है कि इमरान धोखाधड़ी के दोषी हैं और संवैधानिक आवश्यकताओं को पूरा करने में विफल रहे, तो इमरान खान कभी भी पाकिस्तान में चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। 2018 में तीन बार के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ ऐसा फैसला सुप्रीम कोर्ट सुना चुकी है।

मौजूदा स्थिति में इमरान नवंबर में होने वाले चुनाव से बाहर हैं। इमरान की मूश्किलें चौतरफा हैं। देश की शक्तिशाली सेना के साथ उनका निरंतर गतिरोध उनकी परेशानियों को और बढ़ा रहा है। देश पर शासन करने की इच्छा रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए पाकिस्तानी सेना का समर्थन महत्वपूर्ण होता है। इमरान ने उन्हें पद से हटाने और उन पर और उनकी पार्टी पर कार्रवाई के पीछे सेना का हाथ होने का आरोप लगाया है।

सेना इससे इनकार करती है, लेकिन सेना और उसके शीर्ष अधिकारियों को निशाना बनाने वाली उनकी बयानबाजी कम नहीं हुई है। हालांकि, पाकिस्तान का सियासी इतिहास उनके लिए थोड़ी उम्मीद जरूर देता है। ऐसा इसलिए क्योंकि देश में कई नेताओं के उदाहरण मिलते हैं जो जेल गए और रिहाई के बाद अधिक लोकप्रिय बनकर उभरे। इनमें नवाज शरीफ और उनके भाई शहबाज दोनों ने सत्ता में लौटने से पहले भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में समय बिताया। ऐसा ही कुछ पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ भी हुआ था।

इमरान के पास कानूनी विकल्प क्या हैं?
इमरान खान के वकील ऊपरी अदालतों में दोषसिद्धि के खिलाफ अपील करेंगे और सुप्रीम कोर्ट तक उनके लिए अपील के अभी भी दो चरण बाकी हैं। इमरान को कुछ राहत मिल सकती है अगर उसकी अपील पर सुनवाई के दौरान उसकी सजा निलंबित कर दी जाए। सैद्धांतिक रूप से यदि दोषसिद्धि निलंबित कर दी गई तो भी खान अगला चुनाव लड़ने के लिए पात्र हो सकते हैं।

इसके अलावा भी उनके खिलाफ 150 से अधिक मामले चल रहे हैं। इसमें दो प्रमुख मामलों में कार्रवाई पिछले दिनों तेज की गई है। इनमें एक जमीन धोखाधड़ी का मामला और दूसरा मई में उनकी गिरफ्तारी के बाद सेना पर हमलों को बढ़ावा देने का आरोप है।

पीटीआई का क्या होगा?
इमरान के जेल में होने से उनकी पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का नेतृत्व अब पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी कर रहे हैं। नौ मई की हिंसा और उसके बाद हुई कार्रवाई के बाद कई प्रमुख नेताओं के चले जाने से पार्टी पहले ही बुरी तरह बिखरी हुई है। कुछ नेता और सैकड़ों कार्यकर्ता हिरासत में हैं।

हालांकि, सर्वे के अनुसार इमरान के व्यक्तिगत करिश्मे के चलते पार्टी अभी भी लोकप्रिय बनी हुई है। कुरैशी का इतना जनाधार नहीं है और वह इमरान की संगठनात्मक क्षमताओं से भी मेल नहीं खाते हैं। टेलीविजन पर प्रतिबंधित होने के बाद भी, इमरान ने अपने समर्थकों को विभिन्न सोशल मीडिया मंचों से लगभग रोज ही संबोधित करते रहते थे। जेल में बंद होने के कारण वह अब उपलब्ध नहीं होगा। हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि अगर चुनाव में उनकी पार्टी मजबूती से उभरती है तो वह आगे वापसी कर सकते हैं।