

Related Articles
ये हमारे बस का नहीं!
Naem Parvez Khan ============== आखिर अंतर फिर भी रह ही गया.🥱 बचपन में जब हम रेल की यात्रा करते थे तो माँ घर से खाना बनाकर साथ ले जाती थी, पर रेल में कुछ अमीर लोगों को जब खाना खरीद कर खाते हुए देखते, तब बड़ा मन करता था कि काश ! हम भी खरीद […]
सुख की कुंजी….By-सनाउल्लाह ख़ान अहसान
सनाउल्लाह खान अहसान karachi, pakistan ============= सुख की कुंजी कल रात एक ऐसी घटना घटी जिसने जीवन के कई पहलुओं को छुआ। शाम के करीब सात बजे होंगे। मोबाइल फोन बज उठा। उठाया तो यहां से रोने की आवाज आई। बड़ी मुश्किल से मैंने उन्हें चुप करवाया और पूछा क्या हुआ भाभी? उधर से आवाज […]
एक वैश्या मरी और उसी दिन उसके सामने रहने वाला बूढ़ा सन्यासी भी मर गया!
Dr.vijayasingh ====== एक वैश्या मरी और उसी दिन उसके सामने रहने वाला बूढ़ा सन्यासी भी मर गया, संयोग की बात है। देवता लेने आए सन्यासी को नरक में और वैश्या को स्वर्ग में ले जाने लगे। संन्यासी एक दम अपना डंडा पटक कर खड़ा हो गया, तुम ये कैसा अन्याय कर रहे हो? मुझे नरक […]