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इनका नाम है राज मेहरा, और आपने इन्हें कई पुरानी फ़िल्मों में देखा होगा!

बीबीसी वाले दो दफा इन्हें लंदन ले जाने की कोशिश कर चुके थे। लेकिन हर दफा नाकाम रहे। लेकिन बीबीसी वाले इन्हें लंदन क्यों ले जाना चाहते थे? ये कहानी जानने से पहले हमें समय में थोड़ा और पीछे जाना होगा। इनका नाम है राज मेहरा। और आपने इन्हें कई पुरानी फिल्मों में देखा होगा। ये बहुत दिग्गज चरित्र अभिनेता थे। 20 मई 1913 को बनारस में राज मेहरा जी का जन्म हुआ था। इनकी शुरुआती शिक्षा बनारस में ही हुई। फिर हायर स्टडीज़ के लिए राज मेहरा दिल्ली आ गए। ईश्वर ने राज मेहरा जी को बड़ी शानदार आवाज़ देकर इस दुनिया में भेजा था। इसलिए पढ़ाई पूरी करने के बाद एक कंपनी के सेल्स विभाग में राज मेहरा जी की नौकरी लग गई। अपनी आवाज़ के दम पर सेल्स की अपनी नौकरी में राज मेहरा जी ने काफी तरक्की की।

आवाज़ और बोलने का इनका अंदाज़ मशहूर हुआ तो ऑल इंडिया रेडियो में इन्हें ड्रामा आर्टिस्ट की हैसियत से काम करने का मौका भी मिलने लगा। ऑल इंडिया रेडियो में भी इनकी आवाज़ का जादू कुछ ऐसा चला कि इन्हें न्यूज़ कमेंटेटर और ट्रांसलेटर की हैसियत से नौकरी भी मिल गई। यूं इस तरह सेल्स की नौकरी को पूरी तरह से छोड़कर राज मेहरा रेडियो ब्रॉडकास्टिग इंडस्ट्री में आ गए। इसी दौरान इनकी शादी भी हो गई। और समय के साथ इन्हें तरक्की भी मिल गई। ये ऑल इंडिया रेडियो में असिस्टेंट प्रोग्राम डायरेक्टर बन गए। इस पोस्ट पर रहते हुए ही एक दिन इन्हें बॉम्बे जाने का मौका मिला। बॉम्बे स्टेशन में भी राज मेहरा ने कुछ महीनों तक काम किया था। अपनी आवाज़ के चलते राज मेहरा रेडियो की दुनिया में काफी मशहूर हो चुके थे।

इनकी आवाज़ से बीबीसी लंदन वाले भी बड़े प्रभावित थे। साल 1941 में पहली दफा बीबीसी लंदन की तरफ से राज मेहरा को लंदन आकर नौकरी करने का ऑफर दिया गया था। लेकिन राज मेहरा को उनका ऑफर पसंद नहीं आया। उन्होंने जाने से इन्कार कर दिया। कुछ ही दिनों बाद बीबीसी वालों एक ऑफर राज मेहरा को भेजा। इस दफा और मोटी पगार व कई सारी सहूलियतें देने की पेशकश भी की गई। राज मेहरा को भी बीबीसी का ये दूसरा ऑफर बड़ा पसंद आया था। और वो भी लंदन जाने को तैयार हो गए। लेकिन ये बात जब राज मेहरा के ससुर जी को पता चली तो उन्हें इनकी बड़ी फिक्र हुई। दरअसल, उन दिनों दूसरा विश्वयुद्ध चल रहा था। और हिटलर की फौज लंदन पर जमकर बमबारी कर रही थी।

राज मेहरा के ससुर जी को फिक्र थी कि अगर इन्हें कुछ हो गया तो उनकी बेटी का क्या होगा। एक दिन वो बिना बताए ही ऑल इंडिया रेडियो के बॉम्बे स्टेशन पहुंचे और वहां के स्टेशन डायरेक्टर से मिले। उन्होंने गुज़ारिश की कि किसी तरह राज मेहरा जी को लंदन जाने से रोका जाए। क्योंकि इस वक्त लंदन ज़रा भी सुरक्षित नहीं है। स्टेशन मास्टर ने उनकी बात मानते हुए राज मेहरा को काफी समझाया। उन्होंने राज मेहरा से कहा कि इस वक्त लंदन जाने में कोई अक्लमंदी नहीं है। तुम यहीं पर रहकर काम करो। सुरक्षित रहोगे और परिवार के पास भी रहोगे। आखिरकार राज मेहरा ने उनकी बात मान ली और बीबीसी लंदन का दूसरा ऑफर भी ठुकरा दिया। लेकिन इसी के साथ वो ट्रांसफर लेकर बॉम्बे से दिल्ली वापस लौट आए।

दिल्ली आने के बाद राज मेहरा ने एक प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी की। और उस परीक्षा में ये प्रथम आए। और इन्हें इन्फोर्मेशन्स फिल्म्स ऑफ इंडिया डिपार्टमेंट में बतौर मुख्य कमेंटेटर नौकरी करने लगे। वो विभाग ब्रिटिश सरकार द्वारा संचालित किया जाता था। राज मेहरा ने वहां तब तक नौकरी की थी जब तक कि वो विभाग बंद नहीं कर दिया गया था। और इत्तेफाक से उस नौकरी के लिए इन्हें फिर से बॉम्बे ही आना पड़ा था। साल 1947 में राज मेहरा को प्रोड्यूसर कृष्ण चंदर ने अपनी फिल्म सराय की बहार में एक रोल ऑफर किया। और चूंकि रेडियो नाटकों में इन्होंने काफी काम किया था तो वो रोल इन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया। उसी दौरान प्रोड्यूसर शाहिद लतीफ ने भी इन्हें एक फिल्म ऑफर की। तभी राज मेहरा ने फैसला कर लिया था कि अब वो फिल्मों में ही काम करेंगे। और कहां तो वो इन्फोर्मेशन्स फिल्म्स ऑफ इंडिया डिपार्टमेंट के बंद होने के बाद राज मेहरा दिल्ली वापस लौटने का विचार कर रहे थे। लेकिन फिल्मों में काम मिलने के बाद उन्होंने मुंबई में ही रुकने का फैसला किया।

अपने चार दशक लंबे करियर में राज मेहरा ने कई फिल्मों में काम किया। लगभग हर बड़े स्टार के साथ स्क्रीन शेयर की। तीन पीढ़ियों के अभिनेताओं संग अभिनय किया। विकीपीडिया की मानें तो राज मेहरा की आखिरी फिल्म साल 1989 में आई दाता थी। साल 1958 में आई राज कपूर मीना कुमारी की फिल्म शारदा के लिए राज मेहरा जी को बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था। उसी फिल्म में इनके साथ एक्ट्रेस श्यामा ने भी काम किया था। श्यामा जी को बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस फिल्मफेयर अवॉर्ड दिया गया था। साल 1993 में 80 साल की उम्र में राज मेहरा जी का निधन हो गया था। किस्सा टीवी राज मेहरा जी को ससम्मान याद करते हुए उन्हें नमन करता है।