इतिहास

#इतिहास_की_एक_झलक : मेरठ के नवाब अबू मोहम्मद ख़ान का आख़िरी ठिकाना ”आबू का मक़बरा”

आबू का मकबरा, मेरठ के नवाब और शहंशाह औरंगजेब के दाहिने हाथ, अबू मोहम्मद खान का आखिरी ठिकाना है। उनके ज़माने में, अवध से शाही दिल्ली तक का सफर मेरठ से होकर ही हुआ करता था, ये शहर एक अहम पड़ाव बन गया था।


अबू मोहम्मद खान, मेरठ के नवाब होने के साथ-साथ, औरंगजेब के वज़ीर (मंत्री) भी थे। वो मुगलिया सल्तनत के लिए एक बेहद अहम शख्सियत थे।
उनकी अहमियत का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि, मेरठ की कुछ मशहूर जगहों, जैसे अबू लेन और अबू का नाला, उनके नाम पर ही रखी गई हैं। ये मकबरा 1688 में बनवाया गया था, जो उनकी और उनकी बेगम की आखिरी आरामगाह है।


मगर अफसोस, आज ये मकबरा एक बेहद खस्ताहाल में है। मकबरे के ऊपर तक टीन की झोपड़ियां तान दी गई हैं। आसपास के इलाके में भी लोगों ने कब्जा कर लिया है और ऊंची इमारतें खड़ी कर दी हैं।