नई दिल्ली : तुर्किश डेली में छपे एक लेख का हवाला देते हुए इजराइल मीडिया ने दावा किया कि इजराइल को खत्म करने के लिए तुर्की राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोगान का लक्ष्य इस्लामिक सेना का निर्माण है. दिसंबर में इस्तांबुल में इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) शिखर सम्मेलन से पहले येइना सफैक द्वारा लिखे गए लेख और प्रकाशित किये गए लेख का हवाला देते हुए कहा गया कि ओईसी के 57 सदस्य इस्लामी देशों को कब्जे वाले इलाके के खिलाफ सेना में शामिल होने का आह्वान किया गया।
Palestine to sue Trump, Netanyahu at ICC https://t.co/u1xYVLBqPU pic.twitter.com/khzST9ntGK
— Anadolu English (@anadoluagency) March 12, 2018
एमईएमआरआई (मध्य पूर्व मीडिया रिसर्च इंस्टीट्यूट) द्वारा अनुवादित और पोस्ट किये गए इस लेख में दावा किया गया कि संयुक्त रूप से थल, वायु और नौसेना बलों द्वारा 10 दिनों में इजरायल को पराजित किया जा सकता है और 20 दिनों में राजनयिक रूप से पराजित कर सकता है, जिससे “फिलिस्तीन” को आजादी मिल सकती है।
एमईएमआरआई के अच्छी तरह से प्रलेखित पोस्ट के मुताबिक लेख का मुख्य मुद्दा तुर्की की एसएडीएटी इंटरनेशनल डिफेंस एंड कंसल्टिंग कंपनी की वेबसाइट से आया है. राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोगान के वरिष्ठ सैन्य सलाहकार अदनान तनरिवेदी द्वारा स्थापित, एसएडीएटी, “पारंपरिक और अपरंपरागत रक्षा और युद्ध के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
इसका मिशन वक्तव्य “इस्लामी दुनिया को महाशक्तियों के बीच सही स्थान पर ले जाने में मदद” करने की कल्पना करता है. उन्होंने कहा, यदि ओआईसी सदस्य राज्यों को एकजुट करती है और एक संयुक्त सैन्य बल बनती है, तो यह दुनिया की सबसे बड़ी सेना होगी. इन देशों की कुल जनसंख्या 1,674,526,931 है. इन देशों में सक्रिय सेवा में सैनिकों की संख्या कम से कम 5,206,100 है।