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जब इस खूबसूरत दुनिया की रचना हुई…. तब….,,,लक्ष्मी सिन्हा की रचना!
Laxmi Sinha =========== जब इस खूबसूरत दुनिया की रचना हुई । तब इसकी तमाम विशेषताओं में विविधता एक प्रमुख विशेषता थी। इसीलिए सृष्टि के कण- कण में विविधता दृष्टिगोचर होती है। इस जड़ चेतनरूप संसार में एक जैसा कुछ भी नहीं। यही विविधता सृष्टि के सौंदर्य का कारण है। वास्तव में सौंदर्य का प्रस्फुटन विविधता […]
*अच्छा बेटा या अच्छा पति*
Laxmi Kumawat ============ * अच्छा बेटा या अच्छा पति * पंद्रह घंटे का थकान भरा सफर कर चंचल अपने छोटे भाई समीर की शादी अटेंड कर दस दिन बाद आज ही घर आई थी। अपने तीन साल के बेटे प्रिंस को सोफे पर बिठाकर अभी वो अपने कमरे में जा ही रही थी कि ममता […]
माओ त्से-तुंग की एक कविता
Kavita Krishnapallavi ================ जन्मदिन ( 26 दिसंबर ) के अवसर पर माओ त्से-तुंग की एक कविता चिङकाङशान पर फिर से चढ़ते हुए (मई 1965) बहुत दिनों से आकांक्षा रही है बादलों को छूने की और आज फिर से चढ़ रहा हूं चिङकाङशान पर। फिर से अपने उसी पुराने ठिकाने को देखने की गरज से आता […]