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यादों का पिटारा : ”माँ को अपने हिस्से का प्यार तो मिला पर उनके ना रहने पे”
Madhu Singh ================ आज पीले खतों ने शांति निवास में यादों का पिटारा खोल दिया था घर की बहू सीमा आज अपने पति अमन और ससुरजी शिवकुमार के सामने किसी अपराधी की तरह खड़ी थी। सीमा कभी अमन से तो कभी अपने ससुरजी से लगातार बोले जा रही थी “बाबूजी मुझे माफ़ कर दीजिए।मैं तो […]
#poetessprachimishra : कवित्री प्राची मिश्रा की रचनायें पढ़िये, जो आज है वो कल नहीं होगा और जो कल था…
Prachi Mishra Bangalore, India From Satna ================ नैनों के धारे धारे पर कुछ ऐसा बंधन लिख डाला बह निकला जो आंसू बनकर कुछ ऐसा संगम लिख डाला तुम दूर रहो या पास रहो बनकर जोगन की आस रहो महके जो सांसों में प्रति क्षण कुछ ऐसा चंदन लिख डाला © प्राची मिश्रा #poetessprachimishra Prachi Mishra […]
पूछने का हक़ क्यों नहीं है उन्हें? पिता हैं वे…..@लक्ष्मी कान्त पाण्डे
यश पैर पटकता हुआ रूम से निकला और अपने पापा की कार में पिछली सीट पर जाकर बैठ गया. दीपक और उनकी पत्नी उदास से कार में बैठे थे… क्योंकि यश की प्रतिक्रिया देखकर जाने का मन नहीं था, पर बचपन के दोस्त शेखर ने अपने बर्थडे पर सपरिवार बुलाया था. यश ने जाने के […]