नई दिल्ली: कठुआ में आठ साल की एक बच्ची से मंदिर में गैंगरेप किया गया था। गैंगरेप के बाद बच्ची की निर्मम हत्या कर दी गई थी। पीड़ित बच्ची बकरवाल (मुस्लिम) समुदाय से थी। हिंदूओं में आम धारणा बन गई थी कि इस समुदाय के लोग गायों का मांस खाते हैं।
इस घटना के जरिए रसाना गांव से इस समुदाय के लोगों को विस्थापित करने की बड़ी साजिश रची गई थी। इसी साजिश के तहत मासूम बच्ची का पहले अपहरण किया गया फिर उसे एक मंदिर में बंधक बना कर रखा गया और फिर इसी मंदिर में उससे करीब एक हफ्ते तक हैवानियत की गई।
गंभीर बात यह भी है कि राजस्व विभाग के पूर्व अधिकारी सांझी राम को सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का मास्टर माइंड बताया जा रहा है। बता दें कि आठ साल की बच्ची के साथ गैंगरेप करने से पहले उसे नशीली दवा खिला दी गई थी। इसके कारण वह अपना बचाव भी नहीं कर सकी थी। पुलिस ने इस मामले में एक नाबालिग समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
इस मामले की जांच के बाद यह भी सामने आया है कि मास्टरमाइंड ने बकरवाल समुदाय के मुसलमानों को बाहर खदेड़ भगाने के लिए अपने ही भतीजे और अन्य 6 लोगों को उकसाया था। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में बकरवाल समुदाय मुख्य रूप से चरवाहे का काम करता है।
कठुआ, उन्नाव और सूरत में बच्चियों के साथ हुई बलात्कार की घटनाओं के प्रति अपना आक्रोष जाहिर करने के लिए न्यूयॉर्क में जस्टिस रैली निकाली गई. इस रैली में अनेक संगठन, सिविल सोसायटी और विभिन्न धर्मों को मानने वाले संगठनों ने एक साथ मिलकर तुरंत न्याय की मांग की.
‘यूनाइटेड फॉर जस्टिस रैली: अगेंस्ट द रेप इन इंडिया’का आयोजन ‘साधना’ (प्रगतिशील हिंदुओं का गठबंधन) ने नागरिक अधिकारों की वकालत करने वाले अन्य 20 समूहों के साथ मिलकर किया.
रैली का आयोजन मशहूर यूनियन स्क्वायर पार्क में महात्मा गांधी की प्रसिद्ध मूर्ति के पास 16 अप्रैल को किया गया.
जल्द से जल्द न्याय की मांग
रैली में शामिल हुए लोगों ने बच्चियों के साथ हुई बलात्कर की घटनाओं की निंदा की. हर एक परिवार के लिए जल्द से जल्दन्याय की मांग की।
साधना की बोर्ड मेंबर सुनीता विश्वनाथ ने कहा कि आयोजकों को रैली से 10,000 डॉलर इकट्ठे होने की उम्मीद है. जो उन्नाव , कठुआ और सूरत बलात्कार पीड़ितों के परिवारों को दिए जाएंगे।