उत्तर प्रदेश राज्य

आवारा मवेशियों की समस्या से नाराज़ लोगों ने पशुपालनमंत्री के काफ़िले को रोक दिया था, 90 लोगों के ख़िलाफ एफ़आईआर दर्ज!

उत्तर प्रदेश के पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह के काफिले को बरेली ज़िले में रोकने के आरोप में रविवार 90 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ एफ़आईआर दर्ज की गई। पुलिस ने बताया कि यह घटना तब हुई जब वह एक कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे थे।

ज्ञात रहे कि 17 अगस्त गुरुवार को आवारा मवेशियों की समस्या से नाराज़ लोगों ने जिले के उनके विधानसभा क्षेत्र आंवला के सिरौली इलाक़े में इन पशुओं को सड़क पर लाकर पशुपालन मंत्री के काफ़िले को रोक दिया था।

पुलिस अधिकारी राजकुमार अग्रवाल ने कहा कि पशु चिकित्सा अधिकारी संजय कुमार शर्मा की शिकायत पर इस मामले में 90 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 341 (गलत तरीके से किसी व्यक्ति को रोकना) के तहत एफ़आईआर दर्ज की गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, मंत्री धर्मपाल सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव रजनीश दुबे के साथ एक पशु पॉलीक्लिनिक के ‘भूमि पूजन’के लिए जा रहे थे, जिसे आंवला तहसील के गुड़गांव में 9.14 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया जाना है, जहां जानवरों की देखरेख की जाएगी।

इस दौरान उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए पिपरिया उपरला गांव के लोगों ने आवारा मवेशियों के जरिये सड़क अवरुद्ध कर उनके क़ाफ़िले को रोक दिया। मंत्री का काफिला करीब 40 मिनट तक अफरातफरी में फंसा रहा।

इसके बाद मंत्री ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि क्षेत्र में ग्राम सभा की जमीन चिन्हित कर शीघ्र ही गोशाला स्थापित की जाएगी। पिछले साल राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान विपक्षी दलों ने आवारा मवेशियों की समस्या को प्रमुखता से उठाया था।