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आज़रबाइजान और आर्मीनिया के बीच एक बार फिर जंग शुरू हो जाने की ख़बर है। लड़ाई नागोर्नो क़ाराबाख़ इलाक़े में हुई जहां इससे पहले भीषण युद्ध हुआ था।
दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर संघर्ष विराम के उल्लंघन का आरोप लगाया है। रूस का कहना है कि संघर्ष विराम के उल्लंघन के लिए बाकू ज़िम्मेदार है।
रोयटर्ज़ के अनुसार आज़रबाइजान का कहना है कि आर्मीनिया ने रूसी शांति सैनिकों के नियंत्रण वाले इलाक़े में एक पहाड़ी पर क़ब्ज़ा करने की कोशिश की जिसे नाकाम बना दिया गया। आज़री अधिकारियों के अनुसार इस हमले में एक सैनिक मारा गया है। उन्होंने इसे संघर्ष विराम का उल्लंघन कहा है।
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वहीं आर्मीनिया का कहना है कि आज़रबाइजान ने शांति सेना के नियंत्रण वाले इलाक़े में संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। आर्मीनिया ने विश्व समुदाय से कहा कि वह आज़रबाइजान के आक्रामक रवैए और भड़काऊ गतिविधियों पर अंकुश लगाए।
नब्बे के दशक में यह इलाक़े आर्मीनिया के समर्थन से आज़रबाइजान से अलग हो गया था अंतर्राष्ट्रीय तौर पर इसे आज़रबाइजान का हिस्सा माना जाता है मगर यहां की अधिकतर आबादी आर्मीनियाई नस्ल की है।
इस इलाक़े पर क़ब्ज़े के लिए 27 सितम्बर 2020 आज़रबाइजान और आर्मीनिया के बीच लड़ाई शुरु हो गई और आज़रबाइजान ने कुछ इलाक़ा अलगाववादियों से वापस ले लिया। बाद में संघर्ष विराम की शर्तों के तहत रूसी शांति सेना को अलगाववादियों के नियंत्रण वाले शेष इलाक़े में शांति बनाए रखने के लिए तैनात किया गया।
रूस का कहना है कि इस बार संघर्ष विराम का उल्लंघन आज़रबाइजान ने किया भै इसी वजह से तनाव बढ़ा है।
यूरोपीय संघ ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।
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