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आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान फ़िलहाल ”देवलिया” होने से बच गया : रिपोर्ट

आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से तीन अरब डॉलर के ‘स्टैंडबाय अरेंजमेंट’ पर कर्मचारी स्तर समझौता किया गया है। पाकिस्तान में समझौते का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। सरकार ने भी इसका दिल खोलकर स्वागत किया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि यह सौदा देश को सतत आर्थिक विकास के रास्ते पर ले जाएगा।

आइए जानते हैं कि आईएमएफ के बेल आउट पैकेज को लेकर क्या हुआ है? सौदे में क्या है? इससे पाकिस्तान को कितना फायदा मिलेगा? क्या संकटग्रस्त देश के लिए ये सौदा काफी है? सौदे में देरी होने से पाकिस्तान को कितना नुकसान हुआ?

आईएमएफ के बेल आउट पैकेज को लेकर क्या हुआ है?
पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मिशन प्रमुख नाथन पोर्टर ने एक बयान में कहा, ‘मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि आईएमएफ की टीम 2,250 करोड़ एसडीआर (करीब तीन अरब डॉलर या पाकिस्तान के आईएमएफ कोटा का 111 प्रतिशत) की राशि में नौ महीने के स्टैंड-बाय अरेंजमेंट (एसबीए) पर पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ स्टाफ स्तर के समझौते पर पहुंच गई है।’

नया एसबीए पाकिस्तान के 2019 ईएफएफ-समर्थित कार्यक्रम के तहत अधिकारियों के प्रयासों पर आधारित है, जो जून के अंत में समाप्त हुआ है। यह समझौता आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड से मिलने वाले अनुमोदन के अधीन है। कार्यकारी बोर्ड जुलाई के मध्य तक इस अनुरोध पर विचार कर सकता है। नौ महीनों में तीन अरब डॉलर का यह वित्त पोषण पाकिस्तान के लिए उम्मीद से अधिक है। देश 2019 में 6.5 अरब डॉलर के राहत पैकेज पर बनी सहमति में से शेष 2.5 अरब डॉलर जारी होने का इंतजार कर रहा था।

सौदे में क्या है?
एसबीए पाकिस्तान को नौ महीनों में तीन अरब डॉलर उपलब्ध कराएगा। हालांकि, इस सौदे में कुछ प्रमुख शर्तें जुड़ी हुई हैं। ये मुद्दे पहले आईएमएफ और पाकिस्तान के बीच रुकी बातचीत में महत्वपूर्ण बिंदु थे। आईएमएफ ने पाकिस्तान के ऊर्जा क्षेत्र का जिक्र किया है। पाकिस्तानी उपभोक्ताओं के लिए बिजली पर हमेशा से भारी सब्सिडी दी जाती रही है। हालांकि, यह सब्सिडी इस सौदे के साथ समाप्त होने जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, आईएमएफ ने यह सुनिश्चित करने के लिए टैरिफ के समय पर पुनर्मूल्यांकन को कहा है कि लागत की वसूली हो। इसका मतलब होगा कि पहले से ही आसमान छूती मुद्रास्फीति के बीच उपभोक्ताओं के लिए कीमतों में बढ़ोतरी होगी।

पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक को तेजी से घटते विदेशी मुद्रा भंडार के मद्देनजर विदेशी भुगतान को नियंत्रित करने के लिए लगाए गए आयात प्रतिबंधों को भी हटाना होगा। वर्तमान में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 3.5 मिलियन डॉलर है। इससे मुश्किल से एक महीने का आयात कवर हो सकता है।

वर्तमान में, पाकिस्तान में विभिन्न बाजारों में कई नियंत्रण और विनिमय दर प्रथाएं हैं। आईएमएफ ने इन्हें पूरी तरह से बाजार-निर्धारित विनिमय दर के साथ समाप्त करने का निर्देश दिया है। इस सौदे से केंद्रीय बैंक द्वारा दरों में और बढ़ोतरी का भी अनुमान है।

क्या संकटग्रस्त देश के लिए ये सौदा काफी है?
समझौते में इस बात पर जोर दिया गया कि पाकिस्तान को बहुपक्षीय और द्विपक्षीय वित्तीय सहायता जुटाना जारी रखना होगा। रिपोर्ट के अनुसार , पाकिस्तान को वित्तीय वर्ष 2024 में अंतरराष्ट्रीय ऋण सेवा सहित अपने विदेशी भुगतान को पूरा करने के लिए 22 बिलियन डॉलर की आवश्यकता है। इसकी समयसीमा शनिवार एक जुलाई से शुरू हो गई है और 30 जून 2024 को समाप्त होगी।

संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब ने पाकिस्तान को तीन अरब डॉलर की सहायता देने का वादा किया है और आईएमएफ समझौता होने के बाद अब धनराशि आने की उम्मीद है। उधर चीन से भी उसकी सहायता के लिए आने की उम्मीद है।

लंदन में कैपिटल इकोनॉमिक्स के एक वरिष्ठ एशिया अर्थशास्त्री गैरेथ लेदर ने कहा, ‘पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच ऋण समझौते से अर्थव्यवस्था को अधिक सुरक्षित स्तर पर वापस लाना चाहिए और सबसे बड़े नकारात्मक जोखिमों को सीमित करना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि पिछले अनुभव से पता चलता है कि सरकार को उन कठिन व्यय वादों पर कायम रहने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा जिन पर वह सहमत हुई है।

सौदे में देरी होने से पाकिस्तान को कितना नुकसान हुआ?
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था काफी समय से ढहने की कगार पर है। 2022 की बाढ़ , अन्य चीजों के अलावा रूस- यूक्रेन युद्ध के कारण हुए बाहरी आर्थिक झटकों ने इसे कगार पर ला दिया। नवंबर 2022 में, आईएमएफ ने 2019 ईएफएफ के तहत धन के वितरण को रोकने का फैसला किया। 1.18 बिलियन डॉलर का लंबित भुगतान बकाया था, लेकिन ऊर्जा दरों में वृद्धि, अधिक कर लगाने और विनिमय दर पर नियंत्रण को रोकने के आश्वासन सहित कुछ मांगों को पूरा करने में सरकार की अनिच्छा के कारण आईएमएफ ने इसे रोक दिया। इसने पाकिस्तान की आर्थिक हालत और कमजोर हो गई। यही कारण है कि देश में विदेशी मुद्रा संकट और रिकॉर्ड मुद्रास्फीति शुरू हुई जो अभी भी जारी है।

आईएमएफ को राजी करने के लिए उठाने पड़े ये कदम
पाकिस्तान सरकार ने पिछले दिनों बंदरगाह के टर्मिनलों को यूएई को लीज पर देने का फैसला किया। यूएई के अबू धाबी पोर्ट ग्रुप ने औपचारिक एलान किया कि पाकिस्तान सरकार ने कराची पोर्ट टर्मिनल पर चार स्थान उसे पांच साल की लीज पर देने का फैसला किया है। इसके बदले ये कंपनी बंदरगाह पर सुविधाओं को दुरुस्त करने के कार्य में अगले दस साल की अवधि में 22 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी।

उसके बाद उसने एक नई निवेश परिषद के गठन की घोषणा की। समझा जाता है कि इन कदमों के जरिए पाकिस्तान सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) को संदेश दिया कि राजस्व जुटाने के मुद्दे पर वह गंभीर है। इसका मकसद देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाना बताया गया है। कहा गया कि यह देश में कारोबार की प्रक्रिया को आसान बनाएगी और सरकार निवेशकों के प्रति सहयोग का रुख अपनाए, इसे सुनिश्चित किया जाएगा।

विश्लेषकों के मुताबिक पाकिस्तान सरकार की तरफ से ये ताबड़तोड़ घोषणाएं इसलिए की गईं ताकि मौजूद ऋण प्रोग्राम की अवधि खत्म होने के पहले आईएमएफ अपना रुख नरम कर कर्ज की किस्त जारी कर दे। आईएमएफ को मनाने की कोशिश में शहबाज शरीफ ने पिछले दिनों आईएमएफ की प्रबंधन निदेशक क्रिस्टेलीना जियोर्गिएवा से भी मुलाकात की।

Hina Parvez Butt
@hinaparvezbutt
Shahbaz Sharif’s strategic decision-making has once again come to the forefront. His role in restoring the IMF agreement and averting a financial crisis demonstrates his commitment to serving Pakistan as a dedicated khadim.

Shehbaz Sharif
@CMShehbaz
Alhamdulillah, I am pleased to announce that Pakistan has reached a Staff-Level Agreement with the IMF on a nine-month US$3 billion Stand-By Arrangement. This Arrangement will help strengthen Pakistan’s foreign exchange reserves, enable Pakistan to achieve economic stability, and put the country on the path of sustainable economic growth, Insha’Allah. I would like to appreciate the efforts and hard work of Finance Minister
@MIshaqDar50
and his team at the Ministry of Finance for achieving this outcome. I would also like to thank MD IMF
@KGeorgieva
and her team at the IMF for their cooperation and collaboration, especially during the course of last week.

محمد بن النوائف
@MohdBinAl
PM of 🇵🇰 convinced IMF for a new agreement.
And Mr Asim Munir convinced the Gulf🇸🇦🇦🇪🇶🇦.
Two men struggled at two different fronts to save their country from a certain default.
Give credit where it’s due 👍

Brahma Chellaney
@Chellaney
The U.S. and its allies, with their controlling power over IMF decisions, come to Pakistan’s rescue with a $3 billion IMF credit arrangement to help avert default. The U.S., far from letting Pakistan sink, is modernizing Pakistan’s F-16s to improve their lethality against India.

IMF
@IMFNews

IMF and 🇵🇰’s government have reached a staff-level agreement on about $3 billion in support of Pakistan’s immediate efforts to manage external shocks and preserve economic stability.