विशेष

आपको प्रभु यीशु के पास आकर पापों की क्षमा मांगने की आवश्यकता है

स्वर्ग का राज्य बहुमूल्य मोती के समान
मत्ती १३:४५-४६ ..फिर स्वर्ग का राज्य एक व्योपारी के समान है जो अच्छे मोतियों की खोज में था। जब उसे एक बहुमूल्य मोती मिला तो उस ने जाकर अपना सब कुछ बेच डाला और उसे मोल ले लिया।।

हम सभी इस पृथ्वी पर एक यात्रा में हैं। हम सब यात्रा कर रहे हैं। हमें अपने आप से पूछना चाहिए कि हमारा लक्ष्य क्या है? धर्मशास्त्र बाइबल बताती है कि , मनुष्य की आत्मा मृत्यु के बाद दो स्थानों में से एक में जाती है। यह या तो स्वर्ग है या नर्क। आप अपना अनंत काल कहाँ बिताना चाहते हैं? आपको खुद से पूछने की जरूरत है। हर कोई स्वर्ग जाना चाहता है लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप इस दुनिया में क्या करते हैं।

१. यदि आप कुछ नहीं करते हैं तो आप नरक की आग में समाप्त हो जाएंगे। यदि आप बस अपना जीवन वैसे ही जी रहे जैसे हर कोई कर रहा है। सुबह उठो, खाना खाओ, काम पर जाओ, फिर से खाना खाओ और सो जाओ। यदि आपके पास कोई लक्ष्य नहीं है और आप अपनी आत्मा की चिंता न करो तो आप स्वर्ग में प्रवेश नहीं कर पाओगे।

२. यदि आप गलत गाड़ी पर सवार हो जाएंतो आप अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाएंगे। सब हवाई जहाज अमेरिका नहीं जाते, उसी तरह सभी सड़कें स्वर्ग की ओर नहीं ले जातीं।

प्रभु यीशु ने दावा किया कि वह स्वर्ग का एकमात्र मार्ग है। उन्होंने साफ कहा कि उनके अलावा कोई और रास्ता नहीं है।

यूहन्ना १४:६ यीशु ने उत्तर दिया, मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूं। मेरे बिना कोई पिता के पास नहीं पहुँच सकता।

मुक्ति /मोक्ष केवल प्रभु यीशु के द्वारा प्राप्त की जा सकती है:

प्रेरितों के काम ४:१२ , किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहीं, क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया, जिसके द्वारा हम उद्धार पा सकें।”

३. यदि आप सिर्फ बाहरी कर्मकांड करते रहे किन्तु यदि आपका हृदय परमेश्वर से दूर है तो आप अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच पाएंगे। बहुत से लोग चर्च जाते हैं सभी नियमों का पालन करते हैं, सारी रीती रिवाजों को पूरा करते हैं लेकिन वे परमेश्वर की संतान नहीं हैं।

मत्ती ७:२१, जो मुझ से, हे प्रभु, हे प्रभु कहता है, उन में से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है।
यदि आप स्वर्ग जाना चाहते हैं तो आपको परमेश्वर की संतान बनने की आवश्यकता है तभी आप स्वर्ग में प्रवेश कर सकते हैं।

स्वर्ग का राज्य उस बहुमोल मोती की तरह है उसे पाने के लिए आपको अपना सब कुछ दांव पर लगाना पड़े तो भी उसे पाने के लिए पूरी कोशिश करने की जरुरत है।

आपको प्रभु यीशु के पास आकर पापों की क्षमा मांगने की आवश्यकता है। अपने पापों से पश्‍चाताप करने की आवश्यकता है। पश्‍चाताप भरे हृदय से तब तक प्रार्थना करें जब तक आपका जीवन बदलना शुरू न हो जाए और आपको पक्का पता न चल जाये कि आपको प्रभु यीशु से पापों की क्षमा मिल गई है। एक बार जब आप पाप की क्षमा प्राप्त कर लेते हैं तो अब फिर पाप में जीवन व्यतीत न करें। पवित्र जीवन जीने के लिए प्रभु यीशु से मदद मांगें।

कृपया इस प्रार्थना को अपने हृदय की गहराई से करें।
प्रभु यीशु कृपया मुझे क्षमा कर दीजिये और मेरे पापों को भूल जाइए। मैंने ऐसे काम किए हैं जो आपकी नज़र में सही नहीं हैं। मैंने ऐसी बातें कही हैं जो अच्छी नहीं हैं। मेरे विचार बुरे हैं। कृपया मुझे क्षमा करें और मुझे अनंत जीवन दें। मैं वादा करती/करता हूं कि मैं इसके बाद एक पवित्र जीवन जीऊँगी/जीऊंगा। मैं वही करुँगी/करूँगा जो आपको पसंद है। कृपया मुझे क्षमा करें और मुझे स्वर्ग में स्थान दें। इस प्रार्थना को सुनने के लिए धन्यवाद। मैं प्रभु यीशु के नाम में प्रार्थना करती/करता हूँ। तथास्तु।