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रीना तिवारी की दो रचनायें, ”उलझन” और ”आंसू” पढ़िये!
Rina Tiwari · ============= शीर्षक -उलझन भ्रमित मन में ही, अपना घर बना लेती है उलझने! मन के तम में भटके , शब्दों का वृहत आयाम ले लेती है उलझने! सोचती हूं , शायद अब उलझने अपना विराम ले लेंगी ! उलझते मेरे सवालों का, एक नियमित आधार लें लेगी ! शायद, मन में उठते […]
कभी बैठेगा मेरे पास तो तुझे बताऊंगी…क्या-क्या हुआ इस शहर में एक तेरे चले जाने के बाद…By-Geeta Baisoya
Geeta Baisoya ============= कभी बैठेगा मेरे पास तो तुझे बताऊंगी…. क्या-क्या हुआ इस शहर में एक तेरे चले जाने के बाद….. लोगों ने कितने इल्जाम लगाए मुझ पर…. तेरे मेरे इश्क को जानने के बाद….. तू तो चला गया था मुझे यहां अकेला छोड़कर…. क्या बताऊं क्या बीती मुझ पर तेरे जाने के बाद…. हर […]
कुंडी डाली, ताला मारा, सीढ़ी लगा उतरने,,,,ख़ाली पेट चला रमधनिया ईंटा गारा करने!
चित्र गुप्त ============ · कुंडी डाली ताला मारा सीढ़ी लगा उतरने खाली पेट चला रमधनिया ईंटा गारा करने संध्या भोजन में छोड़ा था सूखी रोटी एक बड़ी देर से इधर उधर बस उसे रहा था देख टाइम देखा घड़ी बजाने वाली थी जब सात थी मजदूरों के मंडी में हलचल की शुरुआत देर हुई तो […]