देश

आदित्य-एल1 की लॉन्चिंग सफ़ल रही, अब वो सूर्य की दिशा में बढ़ रहा है : इसरो

भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने शनिवार दोपहर दो अहम जानकारियां साझा की.

पहली जानकारी सूर्य से भेजे गए मिशन आदित्य-एल1 से जुड़ी है. इसरो ने बताया है कि आदित्य-एल1 की लॉन्चिंग सफल रही है और अब वो सूर्य की दिशा में बढ़ रहा है.

इस जानकारी शेयर करने के कुछ देर बाद ही इसरो ने चंद्रयान-3 से जुड़ी जानकारी साझा की है.

इसरो ने बताया है कि प्रज्ञान रोवर ने चांद की सतह पर 101 मीटर से ज्यादा की दूरी तय कर ली है और ये सफर अब भी जारी है.

इसरो ने प्रज्ञान रोवर के इस सफर को क्रिकेट से जोड़ते हुए नाबाद सेंचुरी करार दिया है.

भारत की स्पेस एजेंसी इसरो ने 23 अगस्त को चंद्रयान-3 की चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग करवाई थी.

 

आदित्य-एल 1 की सफल लॉन्चिंग के बाद इसरो, पीएम मोदी और खड़गे ने क्या कहा?

 

भारत ने सूर्य के अध्ययन के लिए अंतरिक्ष में आदित्य एल1 मिशन को लॉन्च कर दिया है. इसरो ने इस लॉन्च को कामयाब बताया है.

इसरो ने बताया है कि लॉन्च व्हिकल ने सेटेलाइट को उसकी कक्षा में सटीकता से स्थापित कर दिया है.

इसरो ने कहा है, “भारत की पहली सौर ऑब्ज़रवेटरी ने अपनी मंज़िल सूरज और धरती के बीच एल1 प्वाइंट की तरफ़ बढ़ना शुरू कर दिया है.”

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा, “चंद्रयान-3 की कामयाबी के बाद, भारत की अंतरिक्ष में यात्रा जारी है. भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य एल1 की सफ़ल लांचिंग के लिए इसरो के सभी वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को मुबारकबाद.”

समस्त मानवता के हित के लिए ब्रह्मांड को समझने की बेहतर समझ विकसित करने के हमारे अथक वैज्ञानिक प्रयास जारी रहेंगे.

भारत ने 24 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान को लैंड कराने में कामयाबी हासिल की थी. भारत का रोवर प्रज्ञान इस समय चंद्रमा का अध्ययन कर रहा है.

आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी वैज्ञानिकों को मुबारकबाद दी.

खड़गे ने लिखा, “तमसो मा ज्योतिर्गमय- मुझे अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो.”

उन्होंने लिखा, “सूर्य के अध्ययन केलिए आदित्य एल1 की कामयाब लांचिंग के लिए हम इसरो में काम कर रहे अपने वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और मेहनतकश कर्मचारियों के क़र्ज़दार हैं.”

खड़गे ने अपने ट्वीट में साल 2006 में सूर्य के अध्ययन के लिए किए गए प्रयासों का भी ज़िक्र किया. खड़गे ने ये भी बताया है कि 2013 में आदित्य-1 मिशन के लिए सात पेलोड इसरो ने चयनित किए थे.

उन्होंने कहा है कि अब आदित्य 1 का नाम आदित्य एल1 कर दिया गया है.

उन्होंने लिखा है कि नवंबर 2015 में इसरो ने औपचारिक रूप से आदित्य एल1 मिशन को स्वीकृति दी थी.

खड़गे ने कांग्रेस काल के मिशनों का भी ज़िक्र किया.

उन्होंने लिखा, “चंद्रयान मिशन की गौरवपूर्ण सफलता (पहले 2008, फिर 2019 में दूसरा और 2023 में तीसरा और मंगलयान (2013) के बाद सूर्य के अध्ययन के लिए सेटेलाइट स्थापित करने का हमारा रास्ता और अधिक सुरक्षित हो गया है.”