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आठ दिनों में 2645 अंक गिरा सेंसेक्स, सेंसेक्स में 200 अंकों की गिरावट : Report

घरेलू शेयर बाजार लगातार आठवें दिन लाल निशान पर बंद हुआ। बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन भी शुरुआती बढ़त गंवाकर टूट गए।बीएसई का 30 शेयरों वाला प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 199.76 अंक या 0.26 प्रतिशत गिरकर 75,939.21 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 699.33 अंक या 0.91 प्रतिशत गिरकर 75,439.64 अंक पर आ गया था। एनएसई निफ्टी 102.15 अंक या 0.44 प्रतिशत गिरकर 22,929.25 पर आ गया।

विदेशी पूंजी की लगातार निकासी के कारण बाजार कमजोर
विदेशी पूंजी की लगातार निकासी से निवेशकों की धारणा प्रभावित होने से शुक्रवार को शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में लगातार आठवें दिन गिरावट जारी रही। बाजार ने कारोबार की शुरुआत आशावादी रुख के साथ की, लेकिन जल्द ही शुरुआती बढ़त खो दी और नकारात्मक दायरे में आ गया।

आठ दिनों में 2645 अंक गिरा सेंसेक्स
आठ कारोबारी दिनों में बीएसई बेंचमार्क 2,644.6 अंक या 3.36 प्रतिशत गिरा है, और निफ्टी 810 अंक या 3.41 प्रतिशत गिरा है। 30 शेयरों वाले ब्लू-चिप पैक में से अडानी पोर्ट्स में 4 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। अल्ट्राटेक सीमेंट, सन फार्मा, इंडसइंड बैंक, एनटीपीसी और टाटा स्टील भी पिछड़ गए। नेस्ले, आईसीआईसीआई बैंक, इंफोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और एचसीएल टेक के शेयरों में लाभ रहा।

जानकारों के अनुसार, “जोखिम से बचने की भावना निवेशकों के मन में बनी हुई है, क्योंकि वर्ष की शुरुआत में कॉर्पोरेट आय, विशेष रूप से मध्यम और लघु कैप के लिए, बाजार की अपेक्षाओं से काफी कम है।” जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “आय में नरमी, रुपये में गिरावट और टैरिफ जैसे बाहरी कारकों के कारण निकट भविष्य में धारणा कमजोर रहने की आशंका है, जिससे एफआईआई की निकासी बढ़ सकती है। टैरिफ पर स्पष्टता आने और कॉर्पोरेट आय में सुधार होने तक अस्थिरता बनी रहने की उम्मीद है।”

सियोल, शंघाई और हांगकांग के बाजार में दिखी तेजी
एशियाई बाजारों में सियोल, शंघाई और हांगकांग में तेजी रही, जबकि टोक्यो में गिरावट रही। यूरोपीय बाजारों में मिलाजुला रुख रहा। गुरुवार को अमेरिकी बाजार बढ़त के साथ बंद हुए। भारत और अमेरिका ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से अधिक बढ़ाकर 500 अरब अमेरिकी डॉलर करने का संकल्प लिया है तथा शुल्कों में कमी लाने तथा बाजार पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए बातचीत शुरू की है।

ट्रंप और मोदी ने संयुक्त बयान में राष्ट्रीय सुरक्षा और रोजगार सृजन पर जतायी प्रतिबद्धता

वाशिंगटन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को विकास को बढ़ावा देने, निष्पक्षता, राष्ट्रीय सुरक्षा और रोजगार सृजन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धता जतायी है। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को 2,789.91 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी बेची। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव 0.55 प्रतिशत बढ़कर 75.43 डॉलर प्रति बैरल हो गया। गुरुवार को सेंसेक्स 32.11 अंक या 0.04 प्रतिशत गिरकर 76,138.97 पर बंद हुआ। निफ्टी 13.85 अंक या 0.06 प्रतिशत गिरकर 23,031.40 पर बंद हुआ।

डॉलर के मुकाबले रुपया 12 पैसे मजबूत
हालांकि, विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा घरेलू इक्विटी की लगातार बिकवाली ने स्थानीय मुद्रा में तीव्र बढ़त को रोक दिया। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी सरकार द्वारा 1 अप्रैल को पारस्परिक टैरिफ लागू करने की घोषणा के बाद डॉलर की आक्रामक दौड़ रुक गई, जिससे उसके व्यापारिक साझेदारों को कुछ राहत मिली। दूसरी ओर, मुद्रा बाजार की बात करें तो डॉलर में नरमी के बीच शुक्रवार को रुपया 12 पैसे बढ़कर 86.81 (अनंतिम) प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 86.86 पर खुला और इंट्राडे के दौरान डॉलर के मुकाबले 86.79 के उच्चतम स्तर को छू गया। सत्र के अंत में यह 86.90 के निम्नतम स्तर को भी छू गया और अंत में डॉलर के मुकाबले 86.81 (अनंतिम) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से 12 पैसे की बढ़त दर्शाता है।

गुरुवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 2 पैसे की मामूली बढ़त के साथ 86.93 पर लगभग स्थिर बंद हुआ था। बुधवार को रुपया 16 पैसे की गिरावट के साथ बंद हुआ था, जबकि एक दिन पहले इसमें 66 पैसे की बढ़त दर्ज की गई थी, जो करीब दो साल में एक दिन की सबसे बड़ी बढ़त थी। मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि कमजोर अमेरिकी डॉलर सूचकांक के कारण रुपये में तेजी आई।