Anoop Naraian Singh
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विशेष आभार सोनपुर के मित्रों को जिन्होंने आज रात्रि में मछली भोज का आयोजन किया मछली भी गंडक नदी की। बाकी ठंड के दिनों में मछली खाने का आनंद ही कई गुना ज्यादा होता है। वैसे बिहार में जितने भी प्रकार की देसी प्रजाति की मछलियां पाई जाती है उनमें रोहू सबसे ज्यादा स्वादिष्ट होती है। और उसमें भी खास होता है रोहू का मुंडा।
इस प्रकार चिकन का लेग पीस लोग पसंद करते हैं उसी प्रकार जो मछली खाने के शौकीन लोग हैं वह मछली पेटी और मुंडा पर ज्यादा जोर देते हैं हमारे इलाके में जो मछली बनाई जाती है उसमें पीला सरसों लहसुन धनिया और लाल मिर्च का इस्तेमाल होता है इस कारण से इसका टेस्ट एक अलग ही प्रकार का होता है आमतौर पर बिहार में अन्य इलाकों में भी मछली बनाने की कई तरह की विधि है पर सबसे ज्यादा लोगों की पसंदीदा टेस्ट इसी मसालेदार मछली में और वह भी रोहू में।
बाजार में बिकने वाला रोहू अधिकांश बाहर के प्रदेशों से आयातित होकर आता है अगर बिहार में आपको तालाब या नदियों का जिंदा रोहू मिल जाए तो उसका स्वाद ही पता चल जाता है कि यह ताजी मछली है सोनपुर सिर्फ और सिर्फ आज मछली खाने के लिए जाना हुआ मित्रों की जिद थी तो आधे घंटे में सफर तय हो गया जेपी सेतू पर ट्रैफिक की व्यवस्था बढ़िया हो गई है।
इस कारण से आप आधे घंटे में पटना से सोनपुर पहुंच सकते हैं। पटना की अपेक्षा सोनपुर में ठंड दुगुना से भी ज्यादा है कुहासा भी है पर मछली का टेस्ट पटना से सोनपुर तक खींच कर लाया है जिन लोगों ने भोज का आयोजन किया है वह बेहद खास है।