उत्तर प्रदेश राज्य

आज़म खां ने संभल मामले पर अपना दर्द बयां किया : रामपुर के सफ़ल तजुर्बे के बाद ही संभल पर आक्रमण हुआ, रामपुर की बर्बादी पर इंडिया गठबंधन ख़ामोश तमाशायी बना रहा!

संवाद न्यूज एजेंसी, रामपुर।सीतापुर जिला कारागार में निरुद्ध पूर्व मंत्री एवं समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां ने संभल मामले पर अपना दर्द बयां किया है। इसके लिए उन्होंने पार्टी जिलाध्यक्ष को माध्यम बनाया है। उन्होंने सपा जिलाध्यक्ष के जरिए संदेश जारी कर कहा है कि समाजवादी पार्टी रामपुर में हुए जुल्म और बर्बादी का मुद्दा संसद में उतनी ही मजबूती से उठाए जितना संभल का, क्योंकि रामपुर के सफल तजुर्बे के बाद ही संभल पर आक्रमण हुआ है।

सपा जिलाध्यक्ष अजय सागर ने मंगलवार को अपने लेटर हेड पर जेल में बंद सपा नेता का संदेश जारी किया है। इस संदेश में सपा नेता आजम खां की तरफ से कहा गया है कि रामपुर की बर्बादी पर इंडिया गठबंधन खामोश तमाशायी बना रहा और मुस्लिम लीडरशिप को मिटाने पर काम करता रहा। उन्होंने संदेश में स्पष्ट कह दिया है कि इंडिया गठबंधन को अपनी स्थिति स्पष्ट करना होगी, अन्यथा मुसलमानों के हालात और भविष्य पर विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

सपा नेता ने अपने संदेश में इंडिया गठबंधन से यह भी कहा है कि मुसलमानों पर होने वाले हमलों और उनकी मौजूदा स्थिति और अपनी नीति पर खुलकर स्थिति स्पष्ट करे। यदि मुसलमानों के वोट का कोई अर्थ ही नहीं है और उनके वोट का अधिकार उनकी नस्लकुशी (नरसंहार) करा रहा है तो उन्हें विचार करने पर मजबूर होना पड़ेगा कि उनके वोट के अधिकार को रहना चाहिए या नहीं।

उन्होंने संदेश दिया है कि बेसहारा, अलग-थलग और अकेला खाक व खून में नहाया हुआ अधिकार, इबादतगाहों को विवादित बनाकर समाप्त करना है। केवल साजिश करने, षड्यंत्र रचने वालों और दिखावे की हमदर्दी के लिए देश की दूसरी आबादी को बर्बाद एवं नेस्तानाबूत नहीं किया जा सकता। सपा नेता का यह संदेश अब सोशल मीडिया पर भी वायरल होने लगा है। सपा जिलाध्यक्ष अजय सागर ने बताया कि उनकी मुलाकात सपा नेता आजम खां से पिछले दिनों जेल में हुई थी। जेल में ही सपा नेता ने उनको यह संदेश जारी करने के लिए कहा था।

Rajat Kumar
@rajatrampur22
आजम खां साहब का जेल से संदेश, मुसलिम नेतृत्व की खामोशी पर उठाए सवाल 📜
आजम खान सहाब ने जेल से एक संदेश जारी करते हुए रामपुर और सम्भल में हुए राजनीतिक अन्याय और मुस्लिम नेतृत्व को कमजोर करने की साजिश पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि रामपुर में हुए अत्याचारों को संसद में उतनी ही मजबूती से उठाया जाना चाहिए, जितना सम्भल के मुद्दे को। रामपुर की घटनाएं मुस्लिम नेतृत्व को मिटाने की कोशिश का हिस्सा हैं और इन घटनाओं पर इंडियन गठबंधन की खामोशी से मुसलमानों को अपने भविष्य और अधिकारों पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि मुसलमानों के वोट का यदि कोई अर्थ नहीं है और यह उनके लिए दमन का कारण बन रहा है, तो उन्हें यह विचार करना होगा कि उनके वोट का अधिकार रहना चाहिए या नहीं।

उन्होंने आरोप लगाया कि साजिश के तहत मुसलमानों को अलग-थलग किया जा रहा है और धर्मस्थलों को विवादित बनाकर उन्हें समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। आजम खां ने इंडियन गठबंधन से खुलकर अपनी नीति और स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है।