उत्तर प्रदेश राज्य

आगरा में जननी सुरक्षा योजना में हुए फ़र्ज़ीवाड़े को लेकर अखिलेश यादव ने योगी सरकार को घेरा : 20 से अधिक महिलाओं ने एक साल में 5-5 बार बच्चों को जन्म दिया!

आगरा में जननी सुरक्षा योजना में हुए फर्जीवाड़े को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने एक्स पर कहा कि भाजपा राज में धांधली और भ्रष्टाचार का ये कमाल है कि कहीं मतदाता सूची में 37 मतदाताओं का एक पिता दर्ज है और अब ‘जननी सुरक्षा योजना’ में इस फ़र्ज़ीवाड़े का भंडाफोड़ हुआ है कि 20 से अधिक महिलाओं ने एक साल में 3 ही नहीं 5-5 बार बच्चों को जन्म दिया है, ये रिकॉर्ड दर्ज है, जिसका असली मक़सद ये है कि शासन-प्रशासन मिलजुल कर इस योजना का पैसा खा सके। ये है भाजपा की योजनाओं और फर्जी आंकड़ों का सच।

बता दें कि अमर उजाला में छपी एक खबर के मुताबिक जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) घोटाले में फर्जीवाड़े की इंतहा हुई है। एक महिला के 6 महीने में 10 बार प्रसव दर्शाकर सरकारी रकम खाते से निकाल ली गई। अधिकारी भी आंखों पर पट्टी बांध लाभार्थियों की संस्तुति करते रहे। ऐसी 20 से अधिक महिलाएं हैं, जिनके हर महीने या साल में 3-5 बार प्रसव दर्शाया गया है।

शासन की ऑडिट रिपोर्ट में वर्ष 2021 से 2024 तक के जेएसवाई और नसबंदी की प्रोत्साहन राशि में करीब 38.95 लाख रुपये का फर्जी भुगतान मिला। सबसे ज्यादा फतेहाबाद सीएचसी में 19.65 लाख रुपये की गड़बड़ी पकड़ी गई है। ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि फतेहाबाद सीएचसी में गीता देवी के 4 फरवरी, 2023 से 29 अगस्त, 2023 तक 10 बार प्रसव दिखाए गए। खाते में 14 हजार रुपये आए। आरती के 29 अगस्त, 2022 से 22 नवंबर, 2022 तक तीन प्रसव दिखाए गए। 4,200 रुपये खाते में आए।

ऐसी ही 20 से अधिक महिलाओं के औसतन एक या दो-तीन महीने में फर्जी प्रसव-नसबंदी दिखाई गई। सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव का कहना है कि मामले में पांच लोगों पर केस दर्ज किया गया है। फर्जीवाड़े में और कौन शामिल हैं, पुलिस जांच कर रही है। धनराशि की वसूली भी की जाएगी।

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Akhilesh Yadav
@yadavakhilesh
भाजपा राज में धांधली और भ्रष्टाचार का ये कमाल है कि कहीं मतदाता सूची में 37 मतदाताओं का एक पिता दर्ज है और अब ‘जननी सुरक्षा योजना’ में इस फ़र्ज़ीवाड़े का भंडाफोड़ हुआ है कि 20 से अधिक महिलाओं ने एक साल में 3 ही नहीं 5-5 बार बच्चों को जन्म दिया है, ये रिकॉर्ड दर्ज है, जिसका असली मक़सद ये है कि शासन-प्रशासन मिलजुल कर इस योजना का पैसा खा सके।

ये है भाजपा की योजनाओं और फ़र्ज़ी आँकड़ों का सच।