उत्तर प्रदेश राज्य

आगरा छावनी विधानसभा ने कहा कि ”आगरा में पुलिस कमिश्नरेट नहीं बल्कि कमीशन का रेट है”, अखिलेश यादव ने सीएम योगी को घेरा

आगरा।उत्तर प्रदेश के आगरा जिले की छावनी विधानसभा के विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि आगरा में पुलिस कमिश्नरेट नहीं बल्कि कमीशन का रेट है। इस बयान पर सियासत अब गर्माने लगी है। सपा मुखिया ने एक्स करते हुए भाजपा विधायक के बयान को लेकर सीएम योगी को घेरा है।

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने लिखा है कि ‘उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी कम से कम अब तो अब तो अपने शासन-प्रशासन के कुशासन को स्वीकार कर लीजिए, क्योंकि अब तो आपके विधायक पुलिस ‘कमिश्नरेट’ को ‘कमीशन-रेट’ की उपाधि से सुशोभित कर रहे हैं। अखिलेश यादव ने आगे लिखा है कि ‘अब क्या इस आलोचना के बाद आप उन पर भी एफआईआर लिखवाएंगे या बुलडोजर का डर दिखलाएंगे। भाजपा राज में ‘कमिश्नरेट’ दरअसल ‘करेपश्नेट’ बन गये हैं। कमिश्नरेट वसूली का विकेंद्रीकरण है।’

बता दें छावनी क्षेत्र से विधायक व पूर्व राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश ने आगरा पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा कि आगरा में पुलिस कमिश्नरेट नहीं बल्कि कमीशन का रेट है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से लेकर एसीपी तक मुख्यमंत्री की अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को पलीता लगा रहे हैं। भूमाफिया व अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के बजाय उन्हें संरक्षण दे रहे हैं।

भाजपा विधायक ने अमर उजाला को बताया कि उनके पास पुलिस अधिकारियों के खिलाफ साक्ष्य हैं। जिन्हें वह मुख्यमंत्री को मिलकर सौपेंगे। योगी सरकार के पहले कार्यकाल में समाज कल्याण राज्यमंत्री रहे डॉ. धर्मेश ने आगरा पुलिस पर सरकार की छवि खराब कराने सहित कई आरोप लगाए हैं।

उन्होंने कहा कि न्यायालय से गैर जमानती वारंटियों को गिरफ्तार करने के बाद छोड़ा जा रहा है। भाजपा के दायित्ववान कार्यकर्ताओं पर अनावश्यक गंभीर धाराएं लगाकर उन्हें जेल भेजा जा रहा है। न्यायालयों में पुलिस की लचर पैरवी से अपराधी, बलात्कारी और भूमाफिया बरी हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक हफ्ते पहले थाना छत्ता पुलिस ने एक गैर जमानती वारंटी को पकड़ा और दो घंटे बाद ही छोड़ दिया। आखिर इंस्पेक्टर ने किसके आदेश पर छोड़ा।