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अहा!….लाल गुझाउवा अमरुद….By-अरूणिमा सिंह

अरूणिमा सिंह
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अहा!
लाल गुझाउवा अमरुद!
हमारी तरफ इसे यही कहते है।
बारिश में भी अमरुद की खूब भरमार रहती है परन्तु तब उनमें कीड़ो की भी भरमार रहती है। सर्दियों में आने वाले अमरुद अच्छे होते है लेकिन इनको ज्यादा खाने से खाँसी आने का भय रहता है।

अमरुद भी अजीब फल है इसे इस मौसम में खाओ तो खाँसी को निमंत्रण देता है और अगर इसे आग में भूनकर खाओ तो खाँसी की दवा बन जाता है। आप अगर खांसी से परेशान है तो सुबह गर्म रेत में अमरुद दबा दीजिये जब अच्छी तरह सिक जाये बासी मुँह खा लीजिये खांसी ठीक हो जाती है।

अमरुद के कई प्रजाति हमने देखी है। मेरे घर पर एक पेड़ था जिसमे लगने वाले एक एक अमरुद आधा आधा किलो के होते थे। सामान्य आकार वाला गोल अमरुद हर जगह मिलता है लेकिन अमरुद लेते समय ध्यान रखें जो अमरुद अधपका होता है और उसकी त्वचा पर दाने से उभरे होते है वो मीठा और अच्छा होता है। पके अमरुद अक्सर कीड़े वाले व फीके निकलते है।

मेरी नानी के घर एक अमरुद था वो नाशपती के आकार का होता था उसमें गुदा अधिक बीज वाला हिस्सा कम होता था उसके बाहरी त्वचा पर खूब दाने बने रहते थे मानो पानी की बुँदे लटकी रह गई हूँ ये इतना अधिक मीठा होता था कि उसके पेड़ और फल दोनों पर काली काली बड़ी बड़ी चीटियां चिपकी रहती थी ये चीटिया भी अन्य घरेलू चीटियों से अलग होती थी ये अजीब सा गंध छोड़ती थी और छूते ही बड़ी तेज काटती थी। चीटियों की वजह से उस पेड़ पर चढ़ना मुश्किल रहता था।

छोटे चाचा जब प्रयागराज पढ़ाई करने गए तब वहाँ से आते समय इलाहाबादी अमरुद लाया करते थे। प्रयागराज का खुसरो बाग का अमरुद प्रसिद्ध है।

अमरुद की बगिया को अमरुदहिया बगिया कहते थे और स्कूल से आते जाते समय चोरी चुपके से बाग घुस कर अमरुद चुरा कर खाने का जो आनंद होता था वो अब खरीदकर खाने में नहीं होता है क्योंकि तब हर पेड़ के अमरुद के बारे में जानते थे कि कौन सा फीका कौन सा मीठा है?

अब तो बाजार से खरीदकर लाओ तो बस एक ही बात का ध्यान रखना होता है कि कीड़े न हो बाकी फीका हो या मीठा क्या फर्क पड़ता है क्योंकि उसे काटकर, प्लेट में सजाकर, काला नमक छिड़ककर, कांटे से बड़े ही नजाकत से खाना रहता है वरना एक हम थे जो पेड़ से तोड़कर बिन धुले अपने कपड़ों में ही पोछकर सीधा दाँत से काट काटकर खा डालते थे।

हम तो अमरुद की कोमल पत्तियाँ यानि कोपल भी दो चार खा लेते थे। अम्मा ने बताया था कि स्वास्थ्य वर्धक होती है इसलिए खा जाया करते थे किस बीमारी में फायदा करती है ये न उन्होंने बताया न हमने पूछा बस स्वास्थ्य वर्धक होती है ये सुनकर ही चबा लिया करते थे।
आप सब को यदि मालूम हो तो अवश्य बताये।

अरूणिमा सिंह