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पुराने चौक वाला प्यार….By-कविता भड़ाना
पुराने चौक वाला प्यार” “रमा ओ रमा, आजा जल्दी स्कूल के लिए देर हो रही है” सीमा सुबह सुबह गली में से ही बड़ी ज़ोर से आवाज लगाते हुए अपनी सहेली और सहपाठी रमा को बुलाने लगती है। हे भगवान! “ये लड़की है या तूफान मेल जब देखो तब हड़बड़ी में ही रहती है” रमा […]
ज्योति हाट बाज़ार से सब्ज़ी ख़रीद कर घर लौटी तो देखा….
लक्ष्मी कान्त पाण्डेय =================== स्पेशल पोस्ट फोर ज्योति गर्ग….!! Jyoti Garg ज्योति हाट बाजार से सब्जी खरीद कर घर लौटी तो देखा घर में काफी शांति पसरी हुई थी। दोनों बच्चे चुपचाप बरामदे में बैठे अपनी पढ़ाई कर रहे थे। रोज धमा चौकड़ी मचाने वाले उसके पाँच और तेरह साल के बेटे चुपचाप बैठकर पढ़ाई […]
असल में सब कुछ ठीक कभी नही होता
Madhu ======== ऊपर वाले ने मुसाफ़िर भेजे। मुसाफ़िरों ने सराय को ठौर मान लिया । ऊपर वाले ने मंच पर कठपुतलियाँ उतारी। कठपुतलियों ने गति को अपनी ताकत माना । भूल गई कि डोर खींचते ही कभी भी खेल खत्म किया जा सकता है । ऊपर वाले ने मल्लाहों को दरिया में उतारा । मल्लाह […]