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तौहीद और शिर्क : उन्हें इस भूल में नहीं रहना चाहिए कि वे अपने कर्मों की सज़ा और प्रतिफल से बच जाएंगे : पार्ट-11
قَالَ إِنَّ رَسُولَكُمُ الَّذِي أُرْسِلَ إِلَيْكُمْ لَمَجْنُونٌ (27) قَالَ رَبُّ الْمَشْرِقِ وَالْمَغْرِبِ وَمَا بَيْنَهُمَا إِنْ كُنْتُمْ تَعْقِلُونَ (28) फ़िरऔन ने (अपने दरबारियों से) कहा, “निश्चय ही तुम्हारा यह पैग़म्बर, जो तुम्हारी ओर भेजा गया है, बिल्कुल पागल है।” (26:27) मूसा ने कहा, “वह पूरब और पश्चिम और जो कुछ उनके बीच है उसका भी पालनहार […]
तौहीद और शिर्क : सूरए साद आयतें 12-19 : पार्ट-49
सूरए साद आयतें 12-19 श्रोताओ कार्यक्रम क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार की एक अन्य कड़ी लेकर आपकी सेवा में उपस्थित हैं, आशा है, पसंद करेंगे। मैं हूं, … और कार्यक्रम में मेरा साथ दे रहे हैं …। आइए पहले सूरए साद की आयत संख्या 12 से 14 तक की तिलावत सुनते हैं। كَذَّبَتْ قَبْلَهُمْ قَوْمُ نُوحٍ وَعَادٌ […]
तौहीद और शिर्क : उन्हें इस भूल में नहीं रहना चाहिए कि वे अपने कर्मों की सज़ा और प्रतिफल से बच जाएंगे : पार्ट-16
وَلَقَدْ آَتَيْنَا مُوسَى الْكِتَابَ مِنْ بَعْدِ مَا أَهْلَكْنَا الْقُرُونَ الْأُولَى بَصَائِرَ لِلنَّاسِ وَهُدًى وَرَحْمَةً لَعَلَّهُمْ يَتَذَكَّرُونَ (43) और पिछली जातियों को नष्ट कर देने के पश्चात हमने मूसा को (आसमानी) किताब (तौरैत) प्रदान की जो लोगों के लिए अन्तर्दृष्टि, मार्गदर्शन और दया का साधन थी ताकि शायद वे पाठ सीख लें। (28:43) وَمَا كُنْتَ بِجَانِبِ […]