उत्तर प्रदेश राज्य

अलीगढ़ : खैर कोतवाली के गांव जड़ाना नगलिया की प्रधान शीतल देवी के पति वीरेंद्र कुमार की गोलियां बरसाकर हत्या!

अलीगढ़।खैर कोतवाली के गांव जड़ाना नगलिया की प्रधान शीतल देवी के पति वीरेंद्र कुमार (40) की गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई। प्रधानी के चुनाव की रंजिश में घटना होने की बात सामने आ रही है। पुलिस ने पूर्व प्रधान पक्ष के कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। बाकी की तलाश की जा रही है।

घटना 11 जून रात करीब साढ़े आठ बजे की है और घटना के वक्त वीरेंद्र सिंह पुत्र जगदीश बाइक से गांव के बाहर गोशाला देखने के लिए जा रहे थे। दूसरी बाइक से कुछ पीछे इनके भाई मणिशंकर और उनका साला चल रहे थे। गांव से करीब एक किलोमीटर पहले हनुमान मंदिर के पास स्थित एक नलकूप के पास हमलावर पहले से घात लगाए बैठे थे। उन्होंने वीरेंद्र को रोका और इनके बीच कुछ कहासुनी हुई व उसके बाद ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। करीब आठ से दस राउंड फायरिंग होने और वीरेंद्र को चार से पांच गोलियां लगने की बात सामने आ रही हैं। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस दौरान इनके भाई पीछे रुक गए। हमलावरों के फरार होने के बाद मौके पर पहुंचे और परिवार व पुलिस को जानकारी दी।

परिवार ने पंचायत चुनाव की रंजिश में हत्या किए जाने का आरोप पूर्व प्रधान पर लगाया है। हाल ही में लोकसभा चुनाव में वीरेंद्र ने भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णपाल लाला के कहने पर भाजपा के पक्ष में और दूसरा पक्ष ने विपक्षी प्रत्याशी का समर्थन किया था। हालांकि इस चुनाव में किसी तरह की तनातनी या विवाद सामने नहीं आया। मगर दोनों पक्षों में तनाव लंबे समय से है। सूचना पर परिवार के साथ-साथ इलाका पुलिस, एसएसपी, एसपी देहात, सीओ खैर, फोरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंच गए।

एसएसपी संजीव सुमन और एसपी देहात पलाश बंसल के अनुसार मौजूदा प्रधान पति की हत्या हुई है। पंचायत चुनाव की रंजिश में पूर्व प्रधान पक्ष पर हत्या करने का मौखिक आरोप लगाया है। उसी अनुसार कुछ लोग हिरासत में लिए गए हैं, बाकी जो तहरीर मिलेगी या जो तथ्य सामने आएंगे, उसी अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

दस दिन पहले ही मिली थी धमकी, 11 जून को मार दिया
जड़ाना नगलिया के प्रधान पति वीरेंद्र कुमार भाजपा के कार्यकर्ता थे। परिवार वालों के अनुसार आठ-दस दिन पहले ही धमकियां मिली थीं, लेकिन हमेशा की तरह गांव में होने वाले झगड़े की तरह इन धमकियों को नजरअंदाज कर गए। परिवार वालों को भी इस तरह हमले की आशंका नहीं थी।

 

ग्राम पंचायत की राजनीति में करीब 20 साल से प्रधान पति वीरेंद्र कुमार और पूर्व प्रधान संजय कुमार के बीच रंजिश चली आ रही है। इन्हीं दोनों के परिवारों से प्रधान बनते रहे हैं। पिछले पंचायत चुनाव में संजय कुमार प्रधान बने थे और वीरेंद्र कुमार हार गए थे। इस बार वीरेंद्र कुमार की पत्नी शीतल प्रधान हैं। बताते हैं कि दोनों के बीच गांव स्तर का झगड़ा होता रहता था। पार्टीबंदी में दोनों गांव के मसलों में एक-दूसरे के खिलाफ हस्तक्षेप करते रहते थे। इसको लेकर दोनों पक्षों के बीच झगड़ा भी होता था। थाने तक भी कई बार मामला पहुंचा लेकिन बाद में समझौता हो जाता था।

हत्या की खबर मिलने पर देर रात भाजपा के जिलाध्यक्ष कृष्णपाल सिंह लाला भी मौके पर पहुंच गए थे। उन्होंने बताया कि वीरेंद्र कुमार पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता थे, हालांकि उन पर कोई दायित्व नहीं था। मौके पर पुलिस अधिकारियों सहित फोरेंसिक टीम पहुंच गई थी। देर रात 12 बजे मौके से शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया था। गांव में पुलिस तैनात है।

तीन भाइयों में सबसे छोटे थे वीरेंद्र
प्रधान पति वीरेंद्र कुमार पुत्र जगदीश तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके पीछे बाइक पर चल रहे मणिशंकर सबसे बड़े भाई हैं। उनके साथ बाइक पर उनका साले लाला भी मौजूद थे। उन्होंने ही घटना को प्रत्यक्ष देखा है। मृतक के दो बच्चे 14 साल की बेटी काजल और 11 साल का बेटा लविश है।

बुद्धविहार डिपो में चालक थे वीरेंद्र
वीरेंद्र कुमार परिवहन विभाग में बुद्ध विहार डिपो में लंबे समय से चालक थे। बताते हैं कि जब से उनकी पत्नी जड़ना नगलिया की ग्र्राम प्रधान बनी हैं, तब से वह ड्यूटी पर न जाकर गांव में ही रह रहे थे। कभी बीमारी तो कभी और किसी बात पर वह वह अवकाश ही लगा रहे थे।