ज़ायोनी शासन के निर्वाचित प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतनयाहू ने सऊदी अरब के सरकारी मीडिया से बात करते हुए कहा कि सऊदी अरब से संबंधों की स्थापना उनकी विदेश नीति की प्राथमिकता है।
वर्ष 2009 से 2021 तक नेतनयाहू लगातार इस्राईल के प्रधानमंत्री रहे जिसके दौरान उन्होंने अरब देशों से इस्राईल के संबंध स्थापित करने के लिए बड़ी कोशिशें कीं मगर हाल ही में क़तर फ़ुटबाल विश्व कप प्रतियोगिता सहित अलग अलग मंचों पर साफ़ दिखाई दे रहा है कि सरकारों के रूजहान के विपरीत अरब जनता इस्राईल को किसी भी तरह स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है।
ज़ायोनी शासन ने 2020 में चार अरब देशों इमारात, बहरैन, मोरक्को और सूडान से संबंध बहाली के लिए बड़ी कोशिश की। नेतनयाहू अब एक बार फिर इस्राईल के प्रधानमंत्री बन गए हैं तो अरब देशों के साथ संबंध स्थापित करने का अपना एजेंडा आगे ले जाने की कोशिश करेंगे। सऊदी अरब के अधिकारियों के बयानों को देखकर भी यही अंदाज़ा होता है कि वे इस्राईल से संबंधों का एलान करने की चाहत रखते हैं। वैसे जानकारों का मानना है कि इस्राईल के साथ सऊदी अरब का समन्वय लंबे समय से जारी है मगर जनता के आक्रोश की वजह से वह इसका एलान करने से बच रहा है।
हाल ही में सऊदी अरब के विदेश राज्य मंत्री आदिल अलजुबैर ने स्वीकार किया कि रियाज़ और तेल अबीब के बीच काफ़ी नज़दीकी पैदा हो चुकी है और वे शांति समझौते की तरफ़ बढ़ रहे हैं मगर इसके लिए कुछ समय की ज़रूरत है।
https://twitter.com/i/status/1604052071006851073
नेतनयाहू अगर प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद सऊदी अरब के टीवी चैनल अलअरबिया से बात करते हैं तो यह इंटरव्यू भी अपने आप में अहम इशारा है। अलअरबिया सऊदी अरब का सरकारी टीवी चैनल है। जबकि इंटरव्यू में नेतनयाहू की बातें भी यही ज़ाहिर करती हैं।
नेतनयाहू इस्राईल और सऊदी अरब के बीच सामान्य रिश्तों की ज़रूरत पर ज़ोर देते हैं और उनका कहना है कि बहुत जल्द दोनों के बीच सामन्य रिश्ते स्थापित हो जाएंगे। सऊदी अरब को संतुष्ट करने के लिए नेतनयाहू ने अमरीकी सरकार की भी निंदा कर डाली। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब और अन्य अरब देशों के साथ अमरीका का पारम्परिक गठबंधन फिर से मज़बूत किया जाना चाहिए इसमें किसी तरह का तूफ़ानी बदलाव नहीं होना चाहिए।
Islamic architecture, UAE pic.twitter.com/smX63yrwaa
— beautiful Arab (@arab11__) December 16, 2022
सऊदी अरब और इस्राईल के बीच अभी कूटनैतिक रिश्ते तो नहीं हैं मगर 2020 से दोनों सरकारो के बीच सहयोग तेज़ी से बढ़ रहा है। इमारात और बहरैन के साथ इस्राईल के समझौते भी सऊदी अरब की सहमति से ही हुए हैं। सऊदी अरब ने इस्राईली विमानों के लिए अपनी वायु सीमा खोली है। कहा जाता है कि कई इस्राईली अधिकारियों ने सऊदी अरब की यात्राएं भी की हैं।
Bassem Eid
@realbassemeid
·
Dec 15
More and more Arab countries are normalizing ties with Israel because of the immense economic benefits. Meanwhile, the Palestinians get left behind. Perhaps it’s time for Palestinians to normalize ties with Israel and learn to live in peace and security alongside them.
सऊदी अरब इस्राईल के साथ अपने सहयोग और रिश्तों का एलान करने से इसलिए हिचकिचा रहा है कि देश के भीतर और इस्लामी जगत के स्तर पर आने वाली प्रतिक्रियाओं की उसे चिंता है। क़तर फ़ुटबाल विश्व कप प्रतियोगिता में मोरक्को, ट्यूनीशिया, क़तर और बहुत सारे अरब देशों के नागरिकों ने खुलकर ज़ाहिर कर दिया कि उन्हें इस्राईल से नफ़रत है और वे फ़िलिस्तीनियों का समर्थन करते हैं। इसलिए लगता है कि सऊदी अरब इस उम्मीद में कुछ वक़्त गुज़ारना चाहती है कि इस्राईल के प्रति अरब जगत की घृणा में कुछ कमी आ जाए।
फ़िलिस्तीनियों को अपने भविष्य का फ़ैसला ख़ुद करने का अधिकार, संयुक्त राष्ट्र में पारित प्रस्ताव इस्राईल के लिए फिर एक तमाचा
संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने न्यूयार्क में बहुमत से एक प्रस्ताव शुक्रवार को पारित किया जिसमें साफ़ शब्दो में कहा गया है कि फ़िलिस्तीनियों को अपने भविष्य का फ़ैसला करने का पूरा अधिकार है।
फ़िलिस्तीनी प्रशासन के विदेश मंत्री रियाज़ मालेकी ने कहा कि इस प्रस्ताव के पक्ष में 168 वोट पड़े जबकि चाड, इस्राईल, मार्शल आईलैंड्ज़, मैक्रोनेज़िया, नार्वे और अमरीका ने इसका विरोध किया और 9 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
मालेकी ने कहा कि यह प्रस्ताव और इसे मिलने वाला समर्थन फ़िलिस्तीनियों के अधिकारों पर डाका डालने की कोशिशों के ख़िलाफ़ विश्व समुदाय की प्रतिक्रिया में है और यह इस्राईल के अपराधों और उल्लंघनों का मुंह तोड़ जवाब है।
#CRCCFocus Over the years, #CRCC has built many projects in Arab states, improving local people's livelihood through infrastructure construction, providing jobs, and protecting the ecological environment and other aspects. 🙌
👇Click for more: pic.twitter.com/vExfZDJUsg— China Railway Construction Corporation (@CRCCNews) December 16, 2022