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अरब डायरी : ईरान और सऊदी अरब की दोस्ती से सबसे ज़्यादा परेशान कौन है?, तेहरान और बग़दाद के बीच हुए नए आर्थिक समझौते!

फ़िलिस्तीन के इस्लामी आंदोलन हमास के प्रवक्ता का कहना है कि ईरान और सऊदी अरब के बीच समझौते से दुनिया में अगर किसी को सबसे ज़्यादा तकलीफ़ पहुंची है तो वह इस्राईल।

हमास के प्रवक्ता हाज़िम क़ासिम ने कहा कि इस्लामी जगत में फूट से अगर सबसे ज़्यादा किसी को फ़ायदा पहुंच रहा है, तो वह ज़ायोनी शासन है, इसीलिए इस्लामी जगत के दो बड़े देशों ईरान और सऊदी अरब के निकट आने से सबसे ज़्यादा इस्राईल को घबराहट है।

11 मार्च को बीजिंग में ईरान और सऊदी अरब ने कूटनीतिक संबंधों की बहाली और रियाज़ और तेहरान में फिर से दूतावासों को खोलने का समझौता किया था।

दोनों देशों के इस समझौते का क्षेत्रीय देशों ने बढ़चढ़कर स्वागत किया और इसके लिए दोनों देशों के विदेश मंत्रियो को टेलीफ़ोन पर मुबारकबाद दी। लेकिन ज़ायोनी शासन के अधिकारियों ने इसे इस्राईल के लिए ख़तरनाक और एक बड़ा झटका क़रार दिया।

हमास का कहना है कि क्षेत्र में मुसलमानों का सिर्फ़ एक ही दुश्मन रहना चाहिए और वह है ज़ायोनी शासन, क्योंकि उसने मुसलमानों की सरज़मीन पर क़ब्ज़ा किया है और वह लगातार मुसलमानों पर अत्याचार कर रहा है

सऊदी अरब के बाद अब बहरीन और ईरान के बीच होंगे रिश्ते बहाल

बहरीन की संसद ने ईरान और बहरीन के बीच संबंधों की बहाली के लिए शुरू होने वाली वार्ता की ख़बरों की पुष्टि करते हुए कहा है कि मनामा तेहरान में फिर से अपना दूतावास खोलने और दोनों देशों के बीच यात्री उड़ानों को शुरू करने के लिए तैयार है।

ग़ौरतलब है कि 2016 में सऊदी अरब और ईरान के कूटनीतिक संबंधों के टूट जाने के बाद, मनामा ने भी तेहरान के साथ अपने संबंध तोड़ लिए थे। लेकिन 11 मार्च को दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्तों की बहाली के लिए होने वाले समझौते के बाद, अब बहरीन ने भी ईरान के साथ अपने संबंधों की बहाली में दिलचस्पी दिखाई है।

बहरीन के एक सांसद ममदूह अल-सालेह ने मंगलवार को कहा है कि हाल ही में ईरान की एक वार्ताकार टीम मनामा पहुंची है, जिसने बहरीन के अधिकारियों से मुलाक़ात की है।

सालेह का कहना था कि निकट भविष्य में दोनों देश अपने मतभेदों को भुलाकर और दोस्ती की मज़बूत शुरूआत करके एक नया इतिहास रचेंगे।

बहरीनी सांसद का कहना था कि उनका देश अपने पड़ोसी देशों को ख़ास महत्व देता है और उनके आंतरिक मामलों में दख़ल नहीं देने की अपनी विदेश नीति पर अटल है।


दुश्मन, समाज पर मॉडर्न जिहालत थोपना चाहता है, राष्ट्रपति रईसी

ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी ने कहा है कि आज दुश्मन विभिन्न हथियारों और साज़िशों के ज़रिए हमारे राष्ट्र पर मॉडर्न जिहालत थोपना चाहते हैं, लेकिन यह शहीदों का ख़ून है, जो समाज से जिहालत को पाक कर देता है।

सोमवार को तेहरान स्थित राष्ट्रपति कार्यालय में शहीदों के परिजनों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रईसी ने कहाः शहीद दिवस, दर असल शहीदों के लक्ष्य, उद्देश्य और मार्ग को याद रखने का एक अवसर है।

उन्होंने कहा कि इस्लामी गणतंत्र की महानता, संप्रभुता, एकता और सुरक्षा शहीदों के ख़ून का ही फल है। दुश्मनों ने इस्लामी क्रांति की सफलता की शुरूआत से ही तरह-तरह की साज़िशों के ज़रिए लोगों में निराशा फैलाने का प्रयास किया, लेकिन शहीदों ने अपने अमल से हमें यह सिखाया कि ख़ुदा पर भरोसा करके समस्त समस्याओं पर क़ाबू पाया जा सकता है।

ईरान के कुछ शहरों में पिछले दिनों में होने वाले दंगों के बारे में राष्ट्रपति रईसी ने कहाः इस्लामी गणतंत्र ईरान को पिछले 44 साल का अनुभव है, लेकिन इससे यह साबित हो गया है कि ईरानी राष्ट्र से मुक़ाबले में दुश्मनों को कुछ हासिल नहीं हुआ है और भविष्य में भी कुछ हासिल नहीं होगा। क्योंकि देश समस्त दबावों के बावजूद गौरवशाली उपलब्धियां हासिल कर रहा है और प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है।

तेहरान और बग़दाद के बीच हुए नए आर्थिक समझौते

इराक़ के वाणिज्य मंत्री और इस्लामी गणराज्य ईरान के वित्त मंत्री की उपस्थिति में तेहरान और बग़दाद के बीच, परिवहन, व्यापार, बिजली, गैस, जल, रेलवे और बैंकिंग इंटरैक्शन के क्षेत्र में आठ महत्वपूर्ण आर्थिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए … ईरान के वित्त मंत्री एहसान ख़ानदोज़ी ने समझौते के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच जिन आठ समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं वह बहुत ही महत्वपूर्ण हैं,

नेतनयाहू के हाथ से हर चीज़ का नियंत्रण समाप्त हो गया हैः लैपिड

जायोनी शासन के पूर्व प्रधानमंत्री याइर लैपिड ने कहा है कि नेतनयाहू के हाथ से हर चीज़ यहां तक कि विदेश नीति से भी नियंत्रण समाप्त हो गया है।

समाचार एजेन्सी इर्ना की रिपोर्ट के अनुसार याइर लैपिड ने सोमवार को नेतनयाहू के मंत्रिमंडल की आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिका नेतनयाहू की सहायता करने से कतरा रहा है और सऊदी अरब ने ईरान के साथ समझौते पर हस्ताक्षर कर दिया और वार्ता के लिए उन्हें वाइट हाउस बुलाया भी नहीं गया।

लैपिड ने आगे कहा कि नेतनयाहू के हाथ से आर्थिक नियंत्रण भी हाथ से निकल गया है और इस्राईली मुद्रा अपने अंत का मार्ग तय कर रही है और जिन्दगी के खर्चों में वृद्धि हो रही है और इस्राईल से पूंजी जा रही है।

उन्होंने बल देकर कहा कि 255 बड़े व्यापारियों ने कल नेतनयाहू को चेतावनी दी है कि इस्राईल से पूंजी बाहर जाने पर रोक लगायें।

ज्ञात रहे कि नेतनयाहू के खिलाफ प्रदर्शनों का क्रम यथावत जारी है और प्रदर्शनकारी कानूनी प्रक्रिया के सुधार कानून को बंद किये जाने की मांग कर रहे हैं।

इराक़, दाइश के ख़िलाफ सेना का बड़ा अभियान

इराक़ी सुरक्षाकर्मियों ने अंबार प्रांत में एक गुप्त अभियान में आतंकवादी गुट दाइश के कई तत्वों को मार गिराने में सफलता प्राप्त की है।

इराक़ी सुरक्षा सूचना इकाई ने एक बयान में कहा कि इराक़ के आतंकवाद निरोधक बल ने अंबार प्रांत में आतंकवादी गुट दाइश के 22 आतंकवादियों को एक अनोखे और अद्वितीय गुप्त अभियान में मार गिराने में सफलता हासिल की है।

बयान में कहा गया है कि ऑपरेशन पूरी तरह से गुप्त था और आगे भी ऑपरेशन जारी रहेगा। इराक़ की सरकारी समाचार एजेन्सी वाअ ने बताया कि इराक़ की सुरक्षा सूचना इकाई ने घोषणा की कि मारे गये आतंकियों में दाइश के कई शीर्ष सरग़ना भी शामिल हैं।