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अमेरिकियों के षड़यंत्र ईरानी राष्ट्र के विरुद्ध विफल हो चुके हैं : ईरानी राष्ट्रपति रईसी

राष्ट्रपति सैयद मोहम्मद इब्राहीम रईसी ने अमेरिकियों को नसीहत करते हुए कहा है कि ईरानी राष्ट्र के विरुद्ध विफल हो चुके अनुभवों और दबावों की पुनरावृत्ति करने के बजाये वास्तविकताओं को देखें और अतीत से पाठ लें।

राष्ट्रपति रईसी ने आज बुधवार को परमाणु समझौते के संबंध में अमेरिकियों के हालिया दावों की ओर संकेत करते हुए कहा कि अमेरिकियों ने कहा कि ईरान को परमाणु समझौते में वापस आ जाना चाहिये जबकि इस्लामी गणतंत्र ईरान परमाणु समझौते से कदापि नहीं निकला है और यह अमेरिका था जिसने परमाणु परमाणु समझौते का उल्लंघन किया है।

उन्होंने कहा कि आज न केवल अमेरिका के यूरोपीय घटक बल्कि सभी यह सवाल कर रहे हैं कि अमेरिका परमाणु समझौते में अपने वचनों के प्रति कटिबद्ध क्यों नहीं रहा और उससे क्यों निकल गया? राष्ट्रपति ने ईरानी राष्ट्र के विरुद्ध अमेरिका के अत्याचारपूर्ण प्रतिबंधों की ओर संकेत करते हुए कहा कि अमेरिकियों ने बारम्बार कहा कि उन्होंने ईरानी राष्ट्र के विरुद्ध अधिक से अधिक दबाव डाल दिया है परंतु इस देश के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि ये दबाव और प्रतिबंध प्रभावी नहीं रहे और वे अपमान जनक ढंग से विफल हो गये हैं।

इसी प्रकार राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी ने कहा कि अमेरिकियों को गत 43 वर्षों का इतिहास देखकर इस बात को समझ जाना चाहिये कि ईरानी राष्ट्र से ताकत की भाषा में बात नहीं की जा सकती। राष्ट्रपति ने कहा कि अजीब है कि वे उसी भाषा में दोबारा बात करना चाहते हैं जिसका उनके लिए कोई नतीजा नहीं निकलेगा। इसी प्रकार राष्ट्रपति ने कहा कि ईरान ने गुट पांच धन एक और चार धन एक के साथ वार्ता में हमेशा पूरी तरह तार्किक ढंग से अमल किया है और आज भी ईरान की वार्ताकार टीम ने परिप्रेक्ष्य से हटकर कोई मांग नहीं की है और अब तक जो वार्ता हुई है उसमें उसने कानून के आधार पर अमल किया है।