मिनेपोलिस। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने इस्लाम को शांति का प्रतीक बताया है। इसके साथ ही उन्होंने पश्चिमी देशों से शरणार्थियों को अपनाने की अपील की है। सीरिया और इराक में खूनी संघर्ष के कारण बड़ी संख्या में लोग पश्चिमी खासकर यूरोपीय देशों में शरण लेने के लिए जा रहे हैं।
कैलाश सत्यार्थी को मलाला यूसुफजई के साथ वर्ष 2014 में संयुक्त रूप से नोबेल का शांति पुरस्कार दिया गया था। साइप्रस के एक किशोर के सवाल पर सत्यार्थी ने सोमवार को कहा, “इस्लाम का मतलब शांति है। कुरान में शांति, न्याय, स्वतंत्रता और समानता के सैकड़ों संदर्भ हैं।
इस्लाम की छवि धूमिल करने वाली कुछ घटनाओं आम नहीं माना जाना चाहिए।” दरअसल, पश्चिमी देशों को शरणार्थियों की आड़ में आतंकियों के घुसने की आशंका है। सत्यार्थी ने इस धर्म को बदनाम करने की कोशिशों की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि इससे सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित हो रहे हैं, कोई बच्चा शरणार्थी नहीं बनना चाहता है।