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अमरीका ने 25 देशों के ख़िलाफ़ एकपक्षीय पाबंदियां लगा रखी हैं, वॉशिंग्टन का दोग़लापन तेहरान को स्वीकार नहीं-ईरान

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनआनी ने कहा है कि अमेरिका को ईरान के प्रति अपना रवैया बदलने से पहले वाशिंगटन को ईरान के प्रति अपनी शत्रुतापूर्ण नीति बदलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान के संबंध में अमेरिका के व्यवहार में बुनियादी बदलाव होना चाहिए।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, सोमवार को तेहरान में अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान इस्लामी गणराज्य ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनआनी ने कहा कि अमेरिका के प्रति ईरान का दृष्टिकोण वाशिंगटन की शत्रुतापूर्ण नीतियों के कारण है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक अमेरिका का शत्रुतापूर्ण व्यवहार नहीं बदलेगा, अमेरिका के प्रति ईरान के नज़रिए में भी कोई बदलाव नहीं आएगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ईरानी प्रशासन अमेरिका के संबंध में सर्वोच्च नेता अयातुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई द्वारा अनुमोदित विचारों को सबसे अधिक महत्व देता है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनआनी ने कहा कि ईरान ने कभी भी अपने विदेशी संबंधों और राष्ट्रीय हितों को किसी विशेष देश या घटना से नहीं जोड़ा है, बल्कि सरकार विभिन्न देशों के साथ सम्मानजनक संबंधों के आधार पर व्यवहार कर रही है। उन्होंने परमाणु समझौते को लेकर होने वाली वार्ता की ओर भी इशारा करते हुए कहा कि यूरोपीय पक्षों को ईरान की स्थिति स्पष्ट रूप से बता दी गई है और दूसरे पक्ष के विचार सुने गए हैं। नासिर कनआनी ने कहा कि इस्लामी गणराज्य ईरान प्रतिबंध हटाने की प्रक्रिया से सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए अपनी सभी राजनयिक क्षमताओं का उपयोग कर रहा है और क्षेत्रीय पक्षों के अच्छे इरादों का स्वागत करता है।

पाबंदियां लगाना दरअस्ल हमला कर देने के बराबर है

इस्लामी गणराज्य ईरान की न्यायपालिका के मानवाधिकार कमीशन के सचिव ने पाबंदियों को मानवता के ख़िलाफ़ अपराध क़रार देते हुए कहा कि अमरीका ने लगभग 25 देशों के ख़िलाफ़ एकपक्षीय ग़ैर क़ानूनी पाबंदियां लगा रखी हैं।

ईरान की न्यायपालिका के मानवाधिकार कमीशन के सचिव काज़िम ग़रीबाबादी ने प्रेस ब्रीफ़िंग में अमरीकी मानवाधिकार को बेनक़ाब करने के सप्ताह के उपलक्ष्य में कहा कि ईरान की जनता पर एकपक्षीय रूप से ग़ैर क़ानूनी पाबंदियां लगाना अमरीका का अपराध है, अमरीका ने ईरान की जनता पर बहुत व्यापक रूप से पाबंदियां लगा रखी हैं।

हालिया दशकों में बड़ी ताक़तों ने पाबंदियों को दूसरे देशों पर दबाव डालने के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। अब तक अमरीका और यूरोपीय संघ ने दूसरे देशों पर सैकड़ों पाबंदियां लगाई हैं।

यह प्रतिबंध आम तौर पर परमाणु अप्रसार या मानवाधिकार के मसले में लगाए गए हैं लेकिन इनका लक्ष्य हमेशा ही राजनैतिक और वर्चस्ववादी होता है। अमरीका की विदेश नीति में आर्थिक प्रतबंधों का विषय दूसरे देशों और संगठनों पर दबाव डालने का अहम हथियार समझा जाता है। अमरीकी राष्ट्रपतियों ने इस हथियार के इस्तेमाल पर इतना ज़्यादा ज़ोर दिया है कि दुनिया के बहुत से विचारक अमरीका की पाबंदियों को आर्थिक हथियार का नाम देते हैं। अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति विलसन ने कहा था कि जिस राष्ट्र पर पाबंदियां लगाई गई हों वह समर्पण के कगार पर पहुंच जाता है। यह शांतिपूर्ण आर्थिक हथियार इस्तेमाल कीजिए सेना उतारने की कोई ज़रूरत नहीं है।

अमरीकी पाबंदियों के बड़े ग़ैर इंसानी नतीजे सामने आते हैं और इनका विनाशकारी प्रभाव जंग से ज़्यादा घातक साबित होता है।

कुछ टीकाकार कहते हैं कि पहले तो दुनिया के देश पाबंदियों का भी इसतेमाल करते थे और सेना की ताक़त का भी इस्तेमाल करते थे। मगर पाबंदियां कोई ज़ाहिरी जानी नुक़सान किए बिना बहुत अधिक नुकसान पहुंचा सकती हैं।

अमरीकी शोधकर्ताओं मैथ्यूज़ नोवीनकर्श और फ़्लोरियान नोवीमार ने अमरीकी पाबंदियों के बारे में अपने शोध में साबित किया कि प्रतिबंध लगने से समाज में असमानता फैल जाती है। ग़रीबी बढ़ती है और जीडीपी घट जाती है। वर्ष 1991 से 2018 के बीच अमरीकी पाबंदियों की वजह से दुनिया में 3.5 प्रतिशत ग़रीबी बढ़ी है जबकि दुनिया के देशों की जीडीपी में दो प्रतिशत की कमी आई है।

इस्लामी गणराज्य ईरान ने इस्लामी क्रांति आने के बाद से ही अमरीकी पाबंदियों का सामना किया है और हालिया वर्षों में ईरान के ख़िलाफ़ प्रतबंध इतने कड़े कर दिए गए कि ईरान के साथ व्यापार करने वाले देशों पर भी प्रतिबंध लगाया जाने लगा। इससे लोगों पर आर्थिक दबाव बढ़ा और ग़रीबी में इज़ाफ़ हुआ।

प्रतिबंध का सीधा विनाशकारी असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ा है और यह मानवाधिकार का खुला उल्लंघन है। ईरान के अधिकारी यहां तक कि संयुकत राष्ट्र संघ के विशेषज्ञ भी बार बार अमरीका की ग़ैर क़ानूनी पाबंदियों के ईरान की जनता के स्वास्थ्य पर विनाशकारी प्रभाव के बारे में चेतावनियां दे चुके हैं और कहा है कि इन प्रतिबंधों की वजह से स्पेशल बीमारियों के बीमारों की मौतें भी हो रही हैं। इसी लिए ईरान की न्यायपालिक के मानवाधिकार कमीशन के सचिव ने कहा कि पाबंदियों जंगी हथियार के समान हैं जो लोगों की जानें भी लेती हैं और अलग अलग विभागों को भारी नुक़सान पहुंचाती हैं।