दुनिया

अमरीका के बयान पर तालेबान का बड़ा बयान, कोई भी देश अफ़ग़ानिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करें

तालेबान सरकार के उप प्रमुख ने इस बात पर ज़ोर दिया कि अपनी नीति के अनुसार यह सरकार किसी भी देश को अफ़ग़ानिस्तान में सैन्य उपस्थिति की अनुमति नहीं देती।

तालेबान सरकार के उप प्रमुख मुल्ला अब्दुस्सलाम हनफ़ी ने काबुल में एक कार्यक्रम में दुनिया के देशों से कहा कि वे अफ़ग़ानिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करें क्योंकि तालेबान अन्य देशों को ख़ुद के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप की अनुमति नहीं देता है।

वहीं तालेबान सरकार के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर ख़ान मुत्तक़ी ने इस कार्यक्रम में बिना किसी देश का नाम लिए कहा कि कुछ देश अफ़ग़ानिस्तान को आतंकवादी समूहों के एक सुरक्षित केंद्र के रूप में दुनिया के सामने लाने की कोशिश कर रहे हैं।

अमीर ख़ान मुत्तक़ी ने कहा कि हमने दुनिया को कई बार बताया है और हम फिर से कहते हैं कि अफ़ग़ानिस्तान की अस्थिरता क्षेत्र और दुनिया के देशों के हित में नहीं है और दुनिया को तालेबान सरकार के साथ रचनात्मक बातचीत करनी चाहिए।

अन्य देशों को अफ़ग़ानिस्तान की धरती को दूसरे देशों के विरुद्ध प्रयोग की अनुमति न देने और देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने पर आधारित तालेबान सरकार के उप प्रमुख का बयान यह बयान उस प्रक्रिया का हिस्सा है जिसे इस ग्रुप ने अगस्त 2021 में अफ़ग़ानिस्तान में सत्ता हासिल करने के बाद से अपने एजेंडे में रखा है।

हालांकि तालेबान सरकार के अधिकारियों ने बारम्बार आतंकवादी गुटों और यहां तक ​​कि कुछ देशों को दूसरों पर हमला करने के लिए अफ़ग़ानिस्तान की धरती का इस्तेमाल की इजाज़त न देने करने की बात कही है लेकिन इस देश के कुछ पड़ोसियों ने इस पर चिंता जताई है।

बेशक, अल-क़ायदा आतंकवादी गुट के मुखिया अयमन अल-ज़वाहिरी को निशाना बनाने के बहाने काबुल शहर सहित अफ़ग़ान धरती पर अमरीकी ड्रोन का हालिया हमला, तालेबान सरकार के उप प्रमुख के बयान का मक़सद हो सकता है।

क्षेत्र में अमरीका की एकपक्षीय और विवादित नीतियों को ध्यान में रखते हुए, इस क्षेत्र के देशों, विशेष रूप से अफ़ग़ानिस्तान के पड़ोसियों के लिए एक गंभीर चिंता है कि यदि यह देश अमरीका की सैन्य उपस्थिति का फिर से केन्द्र बन गया तो यह पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए ख़तरा साबित होगा। (