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अमरीका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास का उत्तर कोरिया ने दिया कड़ा जवाब, कई क्रूज़ मिसाइल फ़ायर किए

उत्तर कोरिया ने शनिवार को तड़के कोरियाई प्रायद्वीप के पश्चिमी तट से समुद्र की ओर कई क्रूज़ मिसाइल फ़ायर किए हैं।

दक्षिण कोरियाई सेना के मुताबिक़, यह क्रूज़ मसाइल ऐसे वक्त दाग़े गए हैं, जब हाल ही में अमरीका और दक्षिण कोरिया के बीच, संयुक्त सैन्य अभ्यास संपन्न हुआ है। दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ ने कहा है कि मिसाइलों के दाग़े जाने से जुड़ी जानकारियों का दक्षिण कोरियाई और अमरीकी ख़ुफ़िया अधिकारी विश्लेषण कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि हमने अमरीका के साथ मिलकर निगरानी और टोही गतिविधियां बढ़ा दी हैं और हम अमरीका के संपर्क में हैं और पूरी तरह तैयार हैं। कुछ दिन पहले ही उत्तर कोरिया ने अमरीका और दक्षिण कोरिया के साझा सैन्य अभ्यास के जवाब में समुद्र में दो बैलिस्टिक मिसाइल फ़ायर किए थे।

इस संदर्भ में उत्तर कोरिया ने बताया था कि यह मिसाइल लांच, दक्षिण कोरिया में निशानों पर परमाणु हमले का अभ्यास थे।

ग़ौरतलब है कि अमरीका और दक्षिण कोरिया की ओर से मिलने वाली लगातार चुनौती और ख़तरे को देखते हुए उत्तर कोरिया ने इस साल रिकॉर्ड संख्या में हथियारों का परीक्षण किया है।

उत्तर कोरिया का कहना है कि युद्ध जैसी स्थिति में वह प्रतिद्वंद्वियों के क्षेत्र पर निंयत्रण का अभ्यास भी कर रहा है। प्योंगयांग ने यह भी बताया कि वह दक्षिण कोरिया और अमरीका के साथ संभावित युद्ध में इन हथियारों का इस्तेमाल कैसे करेगा। माना जा रहा है कि दक्षिण कोरिया और अमरीकी सेना के बीच लगातार युद्ध अभ्यास के विरोध में, उत्तर कोरिया अपने हथियारों का परीक्षण कर रहा है।

इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ ली वोन-टी का कहना हैः उत्तर कोरिया अच्छी तरह से जानता है कि अमरीका के अभ्यास का लक्ष्य इसी क्षेत्र में है। इसीलिए उसने बार-बार वाशिंगटन और सियोल को इसके परिणामों के बारे में चेतावनी दी है। हालांकि, अमरीका लगातार युद्ध अभ्यासों के माध्यम से उत्तर कोरिया को क्षेत्र के लिए एक सक्रिय और वास्तविक दुश्मन के रूप में दिखाने की कोशिश कर रहा है।

हालांकि इस क्षेत्र के लोगों के लिए सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि यहां हथियारों की होड़ तेज़ हो गई है, जिसने इस क्षेत्र को बारूद के भंडार में बदल दिया है। अगर किसी भी पक्ष से कोई छोटी सी भी ग़लती हुई तो कोरियाई प्रायद्वीप, नर्क में तब्दील हो सकता है। इस क्षेत्र से अमरीका की क्षेत्रीय दूरी को देखते हुए, इसमें कोई संदेह नहीं है कि कोरियाई प्रायद्वीप और जापान में रहने वाले लोगों को सबसे अधिक नुक़सान होगा। हिरोशिमा और नागासाकी पर अमरीका के परमाणु हमले के कई दशकों के बाद भी जापान और पूरी दुनिया के लिए यह स्थिति दुखद है।