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मानो जब झूठ फुसफुसाता है, भीख मांगता है, तब हम दहाड़ते हुए दम तोड़ ही देते है…By-भारद्वाज दिलीप
भारद्वाज दिलीप ================= ८८दिन के ध्यान के बाद आज ______________________ मानो जब झूठ फुसफुसाता है, भीख मांगता है, कहानियों को सच होने के लिए मजबूर करता है। तब हम दहाड़ते हुए दम तोड़ ही देते है। और जब झूठी आत्मा भी मरने लगती हैं, और एक समय बाद फिर एक सत्य की शांति उड़ती धीरे-धीरे […]
कभी यह सोचा है कि अगर हमारे ऊपर कोई जबरन नियंत्रण करने की कोशिश करें तो क्या होगा?…लक्ष्मी सिन्हा का लेख पढ़ें!
Laxmi_sinha ============ क्या हमने कभी यह सोचा है कि अगर हमारे ऊपर कोई जबरन नियंत्रण करने की कोशिश करें तो क्या होगा,,? प्रकृति के नियम अनुसार पतझड़ के मौसम में असंख्य पत्ते पैडों से गिरते हैं,परंतु इस पर न पेड़ रोते हैं और न गिरते हुए पत्ते। क्यों? क्योंकि वे प्रकृति के नियमों की भली-भांति […]
“बरसो राम धड़ाकेसे, बुढिया मर गई फ़ाक़े से”….”आजकल बिजलियां बहुत गिर रही हैं”
Ranjeet Yadav ============ · जेठ में जब सारे ताल-तलैए सूख गये हैं। तेज धूप से सभी परेशान। गांवों में बरसात की प्रतीक्षा में जहाँ नये जाले बुने जाते हैं। वहाँ शहरों में पंखे की घर्र-घर्र और एयर कंडीशनर की आवाज फैलती रहती है। लोग-बाग सब टीवी पर खबरें सुन मॉनसून के आने की प्रतीक्षा कर […]