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अब इस्राईल के डरने का वक़्त आ गया है, अमरीका का मातम, बदल गये अरब के समीकरण : रिपोर्ट

अरब लीग में सीरिया की 12 साल बाद शानदार और प्रतिष्ठापूर्व वापसी अमरीका को रास नहीं आ रही है। अमरीका ने इस मामले में खिसयानी बिल्ली की हरकतों जैसा बयान देते हुए कहा है कि बश्शर असद संबंध बहाल किए जाने के हक़दार न थे।

अमरीका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने अरब लीग के फ़ैसले का विरोध करते हुए कहा कि हम इस बात पर यक़ीन नहीं रखते कि इस समय सीरिया को अरब लीग में दोबारा शामिल होने का हक़ है।

क़ाहेरा में अरब देशों की बैठक में यह फ़ैसला किया गया कि संगठन में स्थगित चल रही सीरिया की सदस्यता बहाल की जाए।

अरब लीग के अधिकारियों ने कहा कि अब से अरब लीग की सारी बैठकों में सीरिया का प्रतिनिधि मंडल शामिल होगा।

अरब लीग की शिखर बैठक सऊदी अरब के जिद्दा में होने वाली है और कहा जा रहा है कि इस बैठक में सीरिया के राष्ट्रपति बश्शार असद शामिल हो सकते हैं।

इस बीच अमरीकी कांग्रेस ने अमरीकी सरकार से कहा है कि वह सीरिया के साथ अन्य देशों के सामान्य होते संबंधों की प्रक्रिया को रोके और इसके लिए प्रतिबंधों का सहारा ले।


दुश्मन ने अपने समीकरण में ग़लती की हैः इस्माईल हनिया

फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध संगठन हमास के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख ने गज्ज़ा पट्टी में जायोनी शासन के अपराधों की संकेत करते हुए कहा है कि दुश्मन ने अपने समीकरण में ग़लती की है और वह अपने अपराधों की कीमत चुकायेगा।

समाचार एजेन्सी इर्ना की रिपोर्ट के अनुसार इस्माईल हनिया ने बल देकर कहा कि फिलिस्तीनी कमांडरों को शहीद करना एक कायरतापूर्ण कार्यवाही है और इससे इस्राईल के लिए सुरक्षा उपहार में नहीं आयेगी।

उन्होंने कहा कि कमांडरों की हत्या से प्रतिरोध और विस्तृत व मज़बूत होगा और प्रतिरोध दुश्मन को दर्दनाक जवाब देगा।

इसी बीच हमास के प्रवक्ता हाज़िम क़ासिम ने भी बल देकर कहा है कि गज़्ज़ा पट्टी में इस्राईल के अपराध समस्त फिलिस्तीनी राष्ट्र के खिलाफ अपराध हैं। हमास की ओर से जारी होने वाली विज्ञप्ति में कहा गया है कि जायोनी शासन अपने कार्यक्रमों व लक्ष्यों को व्यवहारिक नहीं बना सकता बल्कि उसके अपराध फिलिस्तीनी राष्ट्र के मध्य अधिक से एकता व एकजुटता का कारण बनेंगे।

जायोनी संचार माध्यमों ने इस बात से पर्दा उठाया है कि अमेरिका की हरी झंडी मिलने के बाद इस्राईली युद्धक विमानों ने ग़ज्ज़ा पट्टी पर हमला किया है।


अब ईरान के इस एलान के बाद, इस्राईल के डरने का वक़्त आ गया है?

ईरान के रक्षा मंत्री ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रज़ा आश्तियानी ने कहा है कि तेहरान सीरियाई सेना को आधुनिक हथियार और सैन्य उपकरण देने के लिए तैयार है।

अपने सीरियाई समकक्ष लेफ़्टिनेंट जनरल अली मोहम्मद अब्बास से मुलाक़ात में आश्तियानी ने कहाः उनका देश, सीरिया को सबसे उन्नत रक्षात्मक हथियार और उपकरण देने के लिए तैयार है।

सिर्फ़ इतना ही नहीं, बल्कि ईरानी रक्षा मंत्री का कहना था कि हम सीरिया में रणनीतिक रक्षा उत्पादों के लिए उत्पादन लाइनें शुरू करने के लिए तैयार हैं, ताकि प्रतिरोध के अग्रिम मोर्चे पर स्थित इस अरब देश के रक्षा बुनियादी ढांचे को मज़बूत बनाया जा सके और देश की सैन्य शक्ति को बढ़ावा जा सके।

उन्होंने कहा कि घरेलू शक्ति पर निर्भरता किसी भी देश के लिए ताक़त का सबसे महत्वपूर्ण और भरोसेमंद स्रोत है। इसीलिए ईरान ने ज़मीन, समुद्र और एयरोस्पेस के क्षेत्रों में घरेलू शक्ति पर भरोसा करते हुए इसे मज़बूत बनाया है।

ग़ौरतलब है कि आत्मसमर्पण नहीं करने और प्रतिरोध का मार्ग अपमाने के कारण सीरिया, अवैध ज़ायोनी शासन और उसके पश्चिमी सहयोगियों के निशाने पर रहा है। हालिया वर्षों में इस्राईल ने सीरिया की वायु सीमा का उल्लंघन करते हुए सैकड़ों बार इस देश पर हवाई हमले किए हैं।

ज़ायोनी शासन ने सीरिया के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण गोलान हाइट्स इलाक़े पर अवैध क़ब्ज़ा भी कर रखा है।

ईरान ने एक मित्र देश के तौर पर जहां आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में सीरिया का भरपूर साथ दिया है, वहीं अतिक्रमणकारी ज़ायोनी शासन के मुक़ाबले में रक्षात्मक शक्ति को मज़बूत बनाने में भी वह सीरिया की मदद कर रहा है।