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अब आप लोगों को सच्ची कहानी सुनाता हूँ

Kranti Kumar
@KraantiKumar
■ यह तब की बात है जब आसमान में हवाई जहाज नही उड़ते थे. केवल पक्षी उड़ान भरते थे. चर्च की विशाल और आलीशान बालकनी में खड़े होकर पोप प्रवचन दे रहे थे.

विशाल भीड़ चुप चाप उनका प्रवचन सुनने में मग्न थी. उस भीड़ में भी खड़ा था. पोप ने कहा जीसस क्राइस्ट का जन्म कुंवारी कन्या मदर मैरी के गर्भ से हुआ. जीसस क्राइस्ट ईश्वर के आखरी पुत्र हैं.

■ प्रवचन खत्म हुआ सभी लोग प्रवचन टैक्स चुकाकर जाने लगे. मैंने विरोध किया, क्या करता किसी न किसी को तो आगे आना ही था. मैं साहस कर आगे आया, मैंने पोप से कहा आप कितना टैक्स वसूलते हैं. मोक्ष टैक्स… धार्मिक टैक्स… संपति टैक्स… पीटर पेन्स टैक्स… टाईथ टैक्स… इत्यादि इत्यादि.

आम इंसान की टैक्स चुका चुका कर कमर टूट जाती है. टैक्स भी दो और तुम्हारी बात भी मानो. यह नही चल सकता, या तो हम आपकी हां में हां मिलाए तो टैक्स मत लो. या आप टैक्स लेते हैं तो हमे आपकी बात पर असहमति दर्ज करने अधिकार मिलना चाहिए ?

■ पोप ने पूछा तुम्हे क्या आपत्ति है ?

मैंने कहा कुंवारी कन्या कभी गर्भवती हो सकती है क्या ?. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से आपकी बात बिल्कुल गलत है. आपको अंधविश्वास नही फेहलाना चाहिए.

पोप ने अपने आदमियों को इशारा किया. पोप ने कहा इस आदमी ने पवित्र बाइबिल का अपमान किया है, ईशनिंदा कानून के तहत इसे जिंदा जला दो. जो मेरे पक्ष में थे वह तो डर के खामोश हो गए. कट्टरपंथी भीड़ लगी पत्थर मारने. मुझे बीच चौराहे पर जिंदा जला दिया गया.

■ पूरे बदन में आग लग गयी, ऐसी गर्मी मानो किसी ने ज्वालामुखी का लावा पूरे शरीर पर उड़ेल दिया. मैं जलने लगा. अचानक भीषण गर्मी के बीच ठंड का एहसास हुआ. मुझपर ठंडा पानी उड़ेलते हुए पत्नी ने कहा उठे सुबह हो गयी है.

ओह… तो यह एक सपना था. मैंने तो सोचा आज अपना टिकट कट गया. धन्यबाद आसमान में हवाई जहाज उड़ रहे थे. मैं आज के युग मे था, सच में मैं सपना देख रहा था.

■ अब आप लोगों को सच्ची कहानी सुनाता हूँ.

एक कट्टर ईसाई की 17 वर्षीय बेटी गर्भवती हो गई. माँ बहुत चिंतित हुई. बेटी को डॉक्टर के पास ले गयी. उस युवती ने डॉक्टर से कहा आज तक मुझे किसी युवक ने मुझे छुआ तक नही. ना कभी किसी पुरुष ने चुम्मा लिया, संभोग की बात ही दूर है. फिर मैं गर्भवती कैसे हो सकती हूँ ?

डॉक्टर खड़ा हुआ और वह खिड़की की ओर देखने लगा. कुछ समय बीतने के बाद माँ ने पूछा डॉक्टर साहब बात क्या है. डॉक्टर ने कहा, ऐसे केवल एक बार हुआ है जब जीसस क्राइस्ट का जन्म हुआ, लेकिन उस समय एक विशेष सितारा आसमान में दिखाई दिया था.

सितारा दिख नही रहा है, ना वह चार फरिश्ते लोग जो ऊंट पर यात्रा कर जीसस की पूजा के लिए आए थे ?

■ कहानी बाद में गड़ी गई. चमत्कार के बल पर धर्म प्रचार किया गया. झूठ बोला गया, झूठ लिखा गया. जीसस के नाम पर पोप पादरी बिशप ने लूटा.

समस्या यह है जो धर्म की दुखती रगों पर हाथ रखे, वह धर्म विरोधी.

कुंवारी कन्या कभी गर्भवती नही होती. जोसफ और मदर मैरी के मिलन से जीसस क्राइस्ट का जन्म हुआ, येही सत्य है.

खलील जिब्रान के अनुसार जीसस क्राइस्ट ईश्वर की संतान नही, मदर मैरी और जोसफ की संतान हैं.

■ अंतिम पंक्ति : पिता को बाद में जब पता चला उसकी बेटी गर्भवती है. तो उसने अपनी बेटी को बहुत मारा पीटा, बच्चे के बाप का नाम बताने को कहा. युवती ने कहा वह कुंवारी है, जब मदर मैरी कुँवारी होकर गर्भवती हो सकती है, तो मैं क्यों नही ? कट्टर कैथलिक ईसाई पिता ने कहा ऐसे चमत्कार केवल किताबों में होता है, हक़ीक़त में नही. युवती ने आखिर बच्चे के बाप का नाम बता दिया, उसका नाम जॉन वीट था जो ब्लैक अमेरिकन था. पिता चक्कर खाकर गिर गया.

✍🏻Kranti Kumar

 

Kranti Kumar
@KraantiKumar
जीसस ने बाइबिल नही लिखा. जीसस के चार कट्टर अनुयायी मार्क, लुक, जॉन और मैथ्यू के लिखे अलग अलग गॉस्पेल को जोड़कर बाइबिल की रचना की गई.

जीसस क्राइस्ट के मरने के दो सदी बाद ईसाई इतिहासकार Sextus Julius Africanus ने लिखा जीसस का जन्म दिसंबर माह में हुआ है. उन्होंने निश्चित जन्म तारीख नही दी.

बाद में 300 AD के आसपास रोम के ईसाई लेखक Hippolytus ने लिखा जीसस का जन्म 25 दिसंबर को हुआ है.

रोमन सम्राट कांस्टेनटाइन ने ईसाई धर्म अपनाकर ईसाईयत को बल प्रदान किया. वे इसाई धर्म अपनाने वाले दुनिया के पहले सम्राट थे.