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अब्दुल बारी सिद्दीक़ी को इस देश में इतनी ही तक़लीफ़ हो रही है तो वो सपरिवार पाकिस्तान चले जाएं : बीजेपी प्रवक्ता

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता अब्दुल बारी सिद्दीक़ी के बयान पर सियासी घमासान मचा हुआ है.

अब्दुल बारी ने एक कार्यक्रम में कहा था कि “देश में जो माहौल है उसमें हमने अपने बच्चों को विदेश में बस जाने के लिए कहा है.”

सिद्दीक़ी के इस बयान पर पहले बिहार बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने प्रतिक्रिया दी.

निखिल आनंद ने कहा कि “अगर अब्दुल बारी सिद्दीक़ी को इस देश में इतनी ही तक़लीफ हो रही है तो वो सपरिवार पाकिस्तान चले जाएं, उनको कोई रोकेगा नहीं.”

फिर निखिल आनंद के इस बयान पर अब्दुल बारी सिद्दीक़ी ने पलटवार किया. उन्होंने कहा, “आजकल ये सबसे सस्ती गाली हो गई है पाकिस्तान चले जाओ. पाकिस्तान में तुम्हारा बाप दादा होगा. हमारा बाप दादा हिन्दुस्तान में रहा है, लड़ा है और हम भी यहीं रहेंगे.”

अब्दुल बारी सिद्दीक़ी आरजेडी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव हैं. वो राज्य सरकार में भी मंत्री भी रह चुके हैं. उन्हें आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव का क़रीबी माना जाता है.

ख़बरों के मुताबिक़, अब्दुल बारी सिद्दीक़ी ने यह बयान कुछ दिन पहले एक कार्यक्रम में दिया था. लेकिन गुरुवार से उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और इस पर कई तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही है.

अब्दुल बारी सिद्दीक़ी ने कहा था, “हमने अपने बेटे-बेटी को कहा कि नौकरी उधर (विदेश में) ही कर लो. अलग सिटिज़नशीप मिल जाए तो वो भी ले लो. अब इंडिया में माहौल नहीं रह गया कि तुम लोग झेल पाओगे.”

सिद्दीक़ी के मुताबिक़, उनका बेटा हॉर्वर्ड में पढ़ाई कर रहा है जबकि बेटी ने लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई की है.

बिहार का यह सियासी हंगामा यह ख़त्म नहीं हुआ है, यह राजधानी दिल्ली तक पहुंच गया है.

समाजवादी पार्टी के सांसद शफ़ीकुर्रहमान बर्क ने मीडिया से बातचीत में कहा है, “ये हमारा मुल्क है हम यहीं रहना चाहते हैं. मुसलमानों पर तरह तरह से ज़ुल्म हो रहा है. हम माहौल बदलने की कोशिश कर रहे हैं. हम बदल देंगे. हम चाहते हैं कि देश ठीक हो.”

इस मुद्दे पर जब जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारुख़ अब्दुल्ला से सवाल किया गया तो उन्होंने एक गाना गुनगुना दिया, “जीना यहां मरना यहां इसके सिवा जाना कहां.”

इस मुद्दे पर बीबीसी ने आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी से बात की. शिवानंद तिवारी ने अब्दुल बारी सिद्दीक़ी का बचाव किया और कहा कि ये “अकेले अब्दुल बारी सिद्दीक़ी की बात नहीं है, लेकिन सब लोग कहने की हिम्मत नहीं करते.”

उन्होंने बीबीसी से कहा, “जिस तरह से अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ घृणा और नफ़रत फैलाई जा रही है, वो भी सत्ताधारी पार्टी की ओर से.सिद्दीक़ी कोई देशविरोधी आदमी नहीं हैं, वो 1974 छात्र आंदोलन के प्रोडक्ट हैं. उनकी पत्नी हिन्दू हैं और शादी के बाद भी उन्होंंने धर्म परिवर्तन नहीं कराया.”

शिवानंद तिवारी के मुताबिक़, “अब्दुल बारी सिद्दीक़ी ने ये बयान क्यों दिया इस पर कोई विचार नहीं करेगा. सिद्दीक़ी जी से कह रहे हैं पाकिस्तान चले जाओ. जबकि देश में जो डर का माहौल बना है, उसे ख़त्म करना सरकार का काम है.”

इससे पहले फ़िल्म अभिनेता आमिर ख़ान ने साल 2015 में देश में इन्टॉलरेंस यानी असहिष्णुता को लेकर बयान दिया था. इसमें उन्होंने देश में ‘डर के माहौल’ की बात की थी.\

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चंदन कुमार जजवाड़े

बीबीसी संवाददाता, बिहार से