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अफ़ग़ानिस्तान से दुनिया का सौतेला बर्ताव : रिपोर्ट

मानवताप्रेमी सहायता के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने जिसे “ओचा” का नाम दिया गया है, एक बयान में घोषणा की कि 2023 की शुरुआत से जून तक अफ़ग़ानिस्तान में ज़रूरतमंद लोगों की संख्या के नए आकलन के आधार पर 5 लाख से अधिक लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है।

संयुक्त राष्ट्र संघ ने घोषणा की है कि अफ़ग़ानिस्तान में मानवीय सहायता की आवश्यकता वाले लोगों की संख्या 28.3 मिलियन तक पहुंच गई है लेकिन अब 29 मिलियन लोगों को ऐसी सहायता की आवश्यकता है।

इसका मतलब यह है कि पिछले दो सालों में तालिबान, जो अफ़ग़ानिस्तान में सत्ता में वापस आया है, इस देश के लोगों की समस्याओं को विशेषकर भोजन और आजीविका के मामले में हल करने के लिए गंभीर कार्रवाई करने में सक्षम नहीं रहा और अफ़ग़ान जनता के लिए अभी और भी अंतरराष्ट्रीय सहायता की जरूरत है।

हालांकि अमेरिकी आक्रमणकारियों और उसके सहयोगियों ने पिछले दो दशकों में अफगानिस्तान के कृषि और आर्थिक बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया है, लेकिन पिछले दो वर्षों में तालिबान को पड़ोसी देशों के साथ सहयोग विकसित करने और अफगानिस्तान की अंत्रराष्ट्रीय स्थिति को मजबूत करने ख़ास तौर पर देश की जनता की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में काम करने के लिए लिए एक उपयुक्त मंच बनाने का अवसर मिला है।

एक राजनीतिक विशेषज्ञ असदुल्लाह ज़ाएरी कहते हैं कि अफ़ग़ानिस्तान में जनता की खाद्य समस्याओं को हल करने की बहुत क्षमता पायी जाती है और अफीम के साथ वैकल्पिक खेती सहित अनेक योजना बनाकर कम से कम अफ़ग़ान जनता की खाद्य समस्याओं को हल करने के लिए जनता को आधार प्रदान किया जा सकता है।

अफ़ग़ानिस्तान में पानी के साथ बहुत उपजाऊ ज़मीनें हैं जिससे लाभ उठाने के लिए आवश्यक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है। संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार, अफ़ग़ानिस्तान की जनता को बढ़ती समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और अफ़ग़ानिस्तान में ज़रूरतमंदों की मदद करने और अन्य मानवीय कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए लगभग 2 अरब 260 करोड़ डॉलर की ज़रूरत है।

बहरहाल अफ़ग़ानिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय सहायता जारी रखने और अंतर्राष्ट्रीय सहायताओं की मात्रा बढ़ाने की घोषणा से पता चलता है कि दुनिया को उनकी नाज़ुक स्थिति पर ध्यान है लेकिन सामान्य तौर पर, यह लोगों की ज़रूरतों और अपेक्षाओं को पूरा नहीं कर सकता है।