नई दिल्ली। महत्वाकांक्षी केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना पर स्वतंत्र पर्यावरणविदों के विरोध को जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने राष्ट्रीय अपराध की संज्ञा दी है। उन्होंने कहा कि अगर परियोजना में और देरी हुई तो वह अनशन पर बैठ जाएंगी।
केन-बेतवा परियोजना से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में फैले बुंदेलखंड क्षेत्र को व्यापक लाभ होगा। इसे पिछले साल दिसंबर से शुरू होना था, लेकिन पर्यावरणीय मंजूरी के चलते परियोजना अटकी हुई है।
उमा ने कहा, ‘परियोजना में देरी को मैं राष्ट्रीय अपराध मानती हूं। मैं यह नहीं कह रही हूं कि यह राष्ट्रद्रोह है, लेकिन निश्चित रूप से यह राष्ट्रीय अपराध है। आप 70 लाख लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। दिल्ली में एसी चैंबर में बैठे लोग इसका विरोध कर रहे हैं। वहीं जो लोग इससे प्रभावित होंगे, वह भी यह देखते हुए इसका पक्ष ले रहे हैं कि इससे 70 लाख लोगों को फायदा होगा।’
उन्होंने स्पष्ट किया कि पर्यावरण मंत्रालय या पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से उनका कोई मतभेद नहीं हैं। उन्हें शिकायत उन निजी पर्यावरणविदों से है जो परियोजना के पर्यावरणीय मंजूरी की निगरानी करने वाली विशेषज्ञ समिति का हिस्सा हैं। मंत्री ने कहा कि अगर समिति की अगली बैठक में भी इस पर फैसला नहीं हुआ तो वह अनशन पर बैठ जाएंगी।